▶ जय श्री राधे
▶ श्रीवास आविर्भाव
▶ हम आप सभी श्री पंच तत्व का दर्शन करते हैं ।
▶ पंचतत्व में बीच में भगवान श्री कृष्ण चैतन्यमहाप्रभु हैं
▶ उनके दाएं नीले वस्त्र में नित्यानंद प्रभु है
▶ श्री नित्यानंद प्रभु की दाई ओर
▶ दाढ़ी वाले श्री अद्वैत प्रभु हैं
▶ श्री चैतन्य महाप्रभु के बाई ओर गदाधर पंडित है
▶ श्री गदाधर पंडित की बाई और श्रीवास हैं ।
▶ जिस प्रकार ये सृष्टि
▶ पृथ्वी
▶ जल
▶ आकाश
▶ वायु
अग्नि
▶ इन 5 तत्वों से बनी है । उसी प्रकार ये पञ्च तत्व ही श्री चैतन्य लीला का आधार हैं । इसी
▶ आधार में से एक हैं श्रीवास ।
▶ पञ्च तत्व का परिचय कुछ इस प्रकार है
▶ श्री कृष्ण चैतन्य महाप्रभु स्वयं भक्त रूप है
▶ श्री नित्यानंद प्रभु भक्तस्वरुप है
▶ श्री अद्वैत आचार्य भक्त अवतार हैं
▶ श्री गदाधर पंडित भक्त शक्ति है
▶ और श्रीवास भक्त हैं
▶ श्रीवास के आंगन में ही नित्य प्रति महाप्रभु जी का संकीर्तन रास हुआ करता है ।
▶ श्रीवास की पत्नी मालिनी देवी हैं जो श्रीनित्यानंद प्रभु के प्रति वात्सल्य का भाव रखती थी ।
▶ वात्सल्य का स्तर भी ऐसा कि नित्यानंद प्रभु को देखते ही प्रौढ़ावस्था में भी उनके स्तनों से दूध बह निकलता था । परम वैष्णवी थी आप ।
▶ आज श्रीवास जी का आविर्भाव दिवस है। ऐसे भक्त तत्व श्रीवास जी को हम बार-बार प्रणाम करते हैं । बार-बार वंदन करते हैं । बार-बार नमन करते हैं । और उनके श्री चरणों में प्रार्थना करते हैं की भक्ति का एक कण हम जीवो को भी प्रदान करें
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
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