Thursday, 12 May 2016

ब्रज की खिचड़ी भाग -7

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🍒 ब्रज की खिचड़ी🍒
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🌻 निताई गौर हरिबोल🌻    

💐श्री  राधारमणो विजयते 💐

               क्रम संख्या 7

🌿 🌿नामाचार्य श्रीहरिदास जी 🌿🌿

🍁 ये ब्रह्मा व् प्रहलाद का मिश्रित अवतार थे ।

महाप्रभु चैतन्य की गोद में उनका नाम लेते हुए इच्छानुसार शरीर छोड़ा।

🍁 प्रभु ने खुद इनके मृत देह को गोदी में लें जाकर समाधि दी, खुद भिक्षा मांग कर भंडारा किया खुद परोसगीरी की। क्यों??

🍁 क्योंकि यें तीन लाख नाम रोज जपते थे । एक लाख जप । एक लाख बोल कर । एक लाख जोर से संकीर्तन करके ।

🍁 ये बिहारीजी वाले गोस्वामी श्री हरिदास नही है। ये नामाचार्य श्रीहरिदास है ।

🍁 महाप्रभु श्रीचैतन्य देव के कृपापात्र है।

👣 एक बार माया स्वयं इन्हें ठगने आई । इन्होंने उसे चेली बना कर नाम मन्त्र दे दिया । और दक्षिणा में माँगा कि जो भी सच्चे मन से नाम का आश्रय ले उसपर माया अपना जाल न फैलाये

✨ऐसे ही एक वेश्या को भी चेली बना दिया और उस कुटिया में उसे भजन में लगा कर आप कहीं और चले गए ।

🌟आप एक स्थान पर अधिक दिन नही रुकते । आसक्ति न हो जाय

🌺जय श्री राधारमण
🌺जय निताई

लेखकः
दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन
प्रस्तुति । श्रीलाडलीप्रियानीरू


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