Monday, 16 May 2016

मन । वचन । कर्म

मन । वचन । कर्म


✅ मन । वचन । कर्म ✅

▶सबसे पहले मन में विचार आता ह फिर वाणी में आता हैहमे ऐसा करना चाहिए फिर हम उसे करते हैं ।

▶जो मन म नही ह । वो प्राय होता नही कभी कभी होता तो हम कहते हैं

▶ये तो कभी सोचा ही नही था

▶ मन में विचार शुद्ध आएं । अच्छे आएं इसके लिए भोजन । संग शुद्ध रखना होगा

▶अच्छे आएं तो तुरंत करो बुरे आएं तो टालो

▶कुछ विचार ऐसे भी होते हैं जिन्हें कहने की ज़रूरत नही । शुरू करो ।

▶ जेसे कोई आपको ठग रहा था । आपको समझ आ गया । अब उसे कहो मत कि मुझे समझ आ गया । समझ जाओ और सम्भल जाओ ।

▶ ये तो हुई लाइफ स्टाइल । अब मन वचन कर्म इन तीनो से जो एक होकर भजन करता है । वह संत होता है ऐसे विरले हैं । में तो नही हूँ । आप की आप जानें

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚



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