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🍒 ब्रज की खिचड़ी🍒
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🌻 निताई गौर हरिबोल🌻
💐श्री राधारमणो विजयते 💐
क्रम संख्या 4
🌿🌿 वैष्णव नवरात्र 🌿🌿
🌻 नवरात्र में दुर्गा माँ अति प्रचलित है। दुर्गा देवी प्रभु की एक शक्ति है । अनेक दुर्गाओं का वर्णन शास्त्रो में प्राप्त होता है ।
आदि दुर्गा वैष्णवो के श्रीगोपाल -मंत्र की अदिष्ठात्री है । ये अति दुर्गम- कठिन= श्री कृष्ण भक्ति को देने वाली है ।
🌻 इस भाव से की गईं दुर्गा - पूजा भक्ति का एक अंग हो सकती है ।दुर्गा को स्वतन्त्र शक्ति मान के की गईं पूजा शक्ति पूजा है ।
🌻 वैसे वैष्णवो को इन 9 दिनों में इन 9 अंगो का श्रद्धा सहित विशेष अनुष्ठान पूर्वक पालन करना चाहिए।
☑🍁 1. श्रवण= कथा या ग्रन्थ-पाठ सुनना
☑ 🍁 2. कीर्तन= संकीर्तन का आयोजन
☑ 🍁 3. स्मरण= जप पूर्वक प्रभु का स्मरण
☑🍁 4. पादसेवन = श्रीविग्रह की विशेष चरण सेवा व् चरण दर्शन।
☑🍁 5. अर्चन= श्रीविग्रह की विशेष श्रृंगार आदि से सेवा -अर्चना, आरती ।
☑🍁 6. वंदन= पदगान द्वारा प्रभु की आज विशेष वंदना।
☑🍁 7. दास्य= मैं प्रभु का नित्य दास हूँ = इस भाव को दृढ़ करते हुए प्रभु- सेवा में लगना।
☑🍁 8. सख्य= प्रभु ही मेरे सच्चे मित्र है इस भाव को दृढ़ करते हुए प्रभु- सेवा में लगना।
☑🍁 9. आत्मनिवेदन= अपने आप को सब प्रकार से प्रभु को समर्थन करना।
🌻 इस प्रकार नवरात्र का आयोजन करना वैष्णव नवरात्र है ।
🌺जय श्री राधारमण
🌺जय निताई
🍒 ब्रज की खिचड़ी🍒
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🌻 निताई गौर हरिबोल🌻
💐श्री राधारमणो विजयते 💐
क्रम संख्या 4
🌿🌿 वैष्णव नवरात्र 🌿🌿
🌻 नवरात्र में दुर्गा माँ अति प्रचलित है। दुर्गा देवी प्रभु की एक शक्ति है । अनेक दुर्गाओं का वर्णन शास्त्रो में प्राप्त होता है ।
आदि दुर्गा वैष्णवो के श्रीगोपाल -मंत्र की अदिष्ठात्री है । ये अति दुर्गम- कठिन= श्री कृष्ण भक्ति को देने वाली है ।
🌻 इस भाव से की गईं दुर्गा - पूजा भक्ति का एक अंग हो सकती है ।दुर्गा को स्वतन्त्र शक्ति मान के की गईं पूजा शक्ति पूजा है ।
🌻 वैसे वैष्णवो को इन 9 दिनों में इन 9 अंगो का श्रद्धा सहित विशेष अनुष्ठान पूर्वक पालन करना चाहिए।
☑🍁 1. श्रवण= कथा या ग्रन्थ-पाठ सुनना
☑ 🍁 2. कीर्तन= संकीर्तन का आयोजन
☑ 🍁 3. स्मरण= जप पूर्वक प्रभु का स्मरण
☑🍁 4. पादसेवन = श्रीविग्रह की विशेष चरण सेवा व् चरण दर्शन।
☑🍁 5. अर्चन= श्रीविग्रह की विशेष श्रृंगार आदि से सेवा -अर्चना, आरती ।
☑🍁 6. वंदन= पदगान द्वारा प्रभु की आज विशेष वंदना।
☑🍁 7. दास्य= मैं प्रभु का नित्य दास हूँ = इस भाव को दृढ़ करते हुए प्रभु- सेवा में लगना।
☑🍁 8. सख्य= प्रभु ही मेरे सच्चे मित्र है इस भाव को दृढ़ करते हुए प्रभु- सेवा में लगना।
☑🍁 9. आत्मनिवेदन= अपने आप को सब प्रकार से प्रभु को समर्थन करना।
🌻 इस प्रकार नवरात्र का आयोजन करना वैष्णव नवरात्र है ।
🌺जय श्री राधारमण
🌺जय निताई
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