✅ मांगना । देना ✅
▶ जब हम किसी से कुछ चाहें तो
▶ उसे प्रसन्न करना
▶ उससे कुछ जान पहचान बनाना
▶ उसके प्रति अपराध न करना
▶ आदि आदि कुछ नियम या चेष्टायें रखनी ही पड़ती हैं । और वो कुछ दे भी देता ह
▶ लेकिन जब कोई देना चाहे तो
▶ वह फिर अकारण ही दे देता है विचार किये बिना ।
▶ जेसे कृपा । यदि हम लेना चाहें तो
▶ भजन
▶ नाम जप
▶ आदि बहुत कुछ ह करने को
▶ और प्रभु देने पर उतारू हो जाएँ तो
▶ माधाइ ने मारा । खून भी आ गया । फिर भी नित्यानंद प्रभु ने कृपा कर ही दी
▶ अतः लगे रहो । कृपा भी सर्वतंत्र स्वतंत्र है । पता नही कब वो बांटने पर उतारू हो जाए । उनकी कृपा की ▶ बाट जोहते हुए भजन करते रहो
▶ समस्त वैष्णवजन को सादर प्रणाम
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
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