Wednesday, 11 May 2016

ब्रज की खिचड़ी भाग -6

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     🍒 ब्रज की खिचड़ी🍒
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🌻 निताई गौर हरिबोल🌻    

💐श्रीराधारमणो विजयते 💐

         क्रम संख्या 6

🌿🌿गोपियों का प्रेम🌿🌿

💫 ब्रज गोपियों को किसी ने सन्देश दिया कि आज तो श्री कृष्ण ने मथुरा की कुबड़ी 'कुब्जा' को अपना लिया है , वह अब तुम्हारे नही रहे ।

💐ये पहला अवसर हुआ कि कृष्ण ने गोपियों के अतिरिक्त किसी को प्रिया रूप में अपनाया ।

🌻 ब्रज गोपियों ने कहा-
'ब्याहें लाख, धरें दस कुब्जा, तोऊ श्याम हमारे'

⚡अर्थात वे लाखों विवाह कर लें और दसियों कुब्जायों को अपना ले इससे हमारे श्याम सुंदर को यदि सुख मिलता है तो हमे आनंद है हमे कोई फर्क नहीं पड़ता -

🌷'श्यामसुन्दर फिर भी हमारे है, थे और हमारे रहेगे ।

🌹ये है स्वसुख गंध लेशशुन्य एवं तत्सुख सुखित्व विशुद्ध गोपी -प्रेम, जय हो!!!!!!!!

💐 यहां अपने सुख, कामना, कल्याण के लिए भक्ति नही की जा रही अपितु श्रीकृष्ण के सुख, आनंद के लिए समर्पण है, भक्ति है।

🍁कृष्ण की प्रिया
ब्रज में राधारानी हैं
🍁मथुरा में कुब्जा हैं।   
🍁द्वारका में रुक्मिणी सत्यभामा आदि हैं । अर्थात कुब्जा को कभी न्यून नही समझना है ।

🌺जय श्री राधारमण
🌺जय निताई

लेखकः
दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन
प्रस्तुति । श्रीलाडलीप्रियनीरू


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