Monday, 16 May 2016

ब्रज की खिचडी भाग 10

📚🍵ब्रज की खिचडी🍵📚

🌻 निताई गौर हरिबोल🌻    

💐श्रीराधारमणो विजयते 💐

       क्रम संख्या 1⃣0⃣

🌿  तुम्हारे पाप का फल 🌿

🏡 एक व्यक्ति का मकान भूकंप में अचानक चकनाचूर हो गया वह दुबारा मकान बनाने की स्थिति में नहीं था, अतः झल्लाकर धर्माचार्यों के पास गया और कहा कि - आप भगवान के अति निकट है, आप भगवान से प्रार्थना करके मेरा मकान दोबारा बनवा दीजिए

🐚 धर्माचार्यों ने भगवान से बात की, और असलियत का पता लगाया और उस बंदे को बताया कि- तुम पिछले जन्म में एक बिल्डर थे, तुमने बहुतों को बेघर किया था  तुम्हे उस पाप की सजा मिली है, और अब तुम्हें भी पूरे जीवन इधर-उधर भटकना होगा, अब तुम्हारे भाग्य में मकान नहीं है।

🐾वह बंदा झल्ला गया । बोला मैं पिछले जन्म को नहीं मानता हूं ।

🌅धर्माचार्यो ने कहा, ठीक है,  तो भगवान को भी मत मानों ।

🌇पिछला जन्म, भगवान,  धर्म, शास्त्र, कर्म,  पाप, पुण्य आदि ये पूरा पैकेज है । न मानो तो पूरा मत मानो ।

🚩नहीं मानते तो फिर तुम्हारा मकान गिरा,  तुम जानो । इससे धर्म का, भगवान का क्या मतलब ??? तुम जानो तुम्हारा काम जाने। 😳

🌟🙌जय श्री राधे जय निताई🙌🌟

लेखक दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
📕श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन ।
🌞प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू



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