[17:42, 1/6/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia: •¡✽🌿🍁◆🔔◆🍁🌿✽¡•
6⃣*1⃣*1⃣6⃣
बुधवार पौष
कृष्णपक्ष द्वादशी
•🍁•
◆~🔔~◆
◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🍁गौरांग महाप्रभु 🍁★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
◆~🔔~◆
•🍁•
❗श्री नित्यानंदमिलन❗
🌿 श्री गौरांग के आविर्भाव से पूर्व विरचंद्रपुर में श्री नित्यानन्द प्रभु अवतीर्ण हो चुके थे l इनके पिता श्री हड़ाई पण्डित और माता श्रीमती पदमावती थी l एक दिन हड़ाई पंडित के घर एक सन्यासी आया जाते समय उसने एक भिक्षा चाही l हड़ाई पण्डित ने वचन दिया जो आप मांगोगे मैं दूँगा l सन्यासी बोला मैं तीर्थ पर्यटन के लिए जाऊँगा अतः कुछ दिन के लिए अपने पुत्र को मेरे साथ भेजो l यह सुनते ही पण्डित जी दुःखी परंतु वचन पालन हेतु श्री नित्यानंद को उस सन्यासी के साथ भेज दिया l
🌿 सन्यासी के साथ अनेक तीर्थ दर्शन करने के बाद मथुरा अपने पूर्व जन्मस्थान पर लौट आये lश्री कृष्ण लीला में आप बलराम ही तो थे l ब्रज का दर्शन करते ही आप प्रेमोन्मत्त हो उठे l स्थान स्थान पर जाकर अपने प्राणप्रिय कृष्ण को ढूँढने लगे l आकाशवाणी द्वारा आप जान गए कि श्री कृष्ण नवद्वीप में अवतार ले चुके हैं l आप वहां से नवद्वीप आकर श्री नंदनाचार्य के घर आकर ठहरे l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🍁•(*﹏¥
•🔔★🔔•
•🌿सुप्रभात🌿•
•🍁श्रीकृष्णायसमर्पणं🍁•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
•🔔★🔔•
¥﹏*)•🍁•(*﹏¥
•¡✽🌿🍁◆🔔◆🍁🌿✽¡•
[17:42, 1/6/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
आँखों में
छलकते आंसू
लोग समझते हैं
कितने भाव से
भजन में
लगा है
ये तो मुझे
पता है कि
मोतियाबिंद
पक गया है
हा हा हा
😜😳😭
[12:42, 1/7/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
फिर उड़ गयी
मेरी
नींद
ये जानकर
कि
तुम्हारा
रात भर
जागना
मेरी
नींद
के लिए था
😒
[12:42, 1/7/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
बिक जाएँ
बाजार में हम
तुम्हारे लिए
मोहन
लेकिन
हमारे उतने
दाम नही
मिलेंगे
कि
फिर भी तुम्हे
खरीद
सकें
😭
समस्त वैष्णवजन
को मेरा सादर प्रणाम
जयश्रीराधे
जय निताई
[12:42, 1/7/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
•¡✽🌿🍁◆🔔◆🍁🌿✽¡•
7⃣*1⃣*1⃣6⃣
गुरुवार पौष
कृष्णपक्ष द्वादशी
•🍁•
◆~🔔~◆
◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🍁गौरांग महाप्रभु 🍁★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
◆~🔔~◆
•🍁•
❗श्री नित्यानंदमिलन❗
🌿 इधर श्री गौरांग ने भी भक्तों को बताया कि सन्यासी नवद्वीप में आ चुके हैं l आप जाकर उनकी खोज कीजिये किन्तु कोई बीही उन्हें ढ़ूँढ न सका l फिर स्वयं चैतन्य महाप्रभु भक्तों के साथ श्री नंदनाचार्य के घर पहुँचे l श्री गौरांग के दर्शन कर पहचान गये कि मेरे श्री कृष्ण यही हैं lदोनों एक दुसरे को अपलक देख रहे थे और नेत्रों से प्रेमाश्रु प्रवाहित कर रहे थे तब श्री वास पण्डित ने
❗वर्हापीडं नटवरवपुः कर्णयोः कर्णिकारं ❗
इत्यादि श्लोक पढ़े l
🌿 सुनते ही श्री निताई मूर्छित होकर धरती पर गिर पड़े l समस्त भक्तगण कृष्ण कृष्ण हरिबोल हरिबोल कहने लगे l श्री गौरांग ने श्री नित्यानंद को अपनी भुजाओं में भर लिया l दोनों एक दूसरे को प्रेमाश्रुधारा से अभिषिक्त करते रहे lश्री गौरांग ने अनेक स्तुति की अपने बड़े भाई श्री बलरामरूप श्री निताई चांद की l अपने साथ ही ले आये और श्री वास पंडित के घर पर ही निवास करने लगे l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🍁•(*﹏¥
•🔔★🔔•
•🌿सुप्रभात🌿•
•🍁श्रीकृष्णायसमर्पणं🍁•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
•🔔★🔔•
¥﹏*)•🍁•(*﹏¥
•¡✽🌿🍁◆🔔◆🍁🌿✽¡•
[12:42, 1/7/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia: 🌿
अपेक्षा
अगर दूसरों से
की जाती है तो वह
कष्ट
बन जाती है
और
अपेक्षा अगर स्वयं
से की जाती है तो वह
प्रतिभा
बन जाती है
मालिनी
[12:42, 1/7/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
खुशियाँ ही खुशियाँ हों
तेरे दामन में
वाह वाह वाह
करने से पहले पूरा सुनना
चाहिए । हमेशा सुन कर
समझकर है धैर्य से
परिस्थिति को
समझना चाहिए
अन्यथा पछतावा
होता है
जेसे कि बाद की
इन दो लाइन में
हम लूटना चाहें तो
निराश न हों
😎
खुशियाँ ही खुशियाँ हों
तेरे दामन में
हम लूटना चाहें तो
निराश न हों
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
☝एक बार इस कविता को
💘दिल से पढ़िये
😋शब्द शब्द में गहराई है...
⛺जब आंख खुली तो अम्मा की
⛺गोदी का एक सहारा था
⛺उसका नन्हा सा आंचल मुझको
⛺भूमण्डल से प्यारा था
🌹उसके चेहरे की झलक देख
🌹चेहरा फूलों सा खिलता था
🌹उसके स्तन की एक बूंद से
🌹मुझको जीवन मिलता था
👄हाथों से बालों को नोंचा
👄पैरों से खूब प्रहार किया
👄फिर भी उस मां ने पुचकारा
👄हमको जी भर के प्यार किया
🌹मैं उसका राजा बेटा था
🌹वो आंख का तारा कहती थी
🌹मैं बनूं बुढापे में उसका
🌹बस एक सहारा कहती थी
🌂उंगली को पकड. चलाया था
🌂पढने विद्यालय भेजा था
🌂मेरी नादानी को भी निज
🌂अन्तर में सदा सहेजा था
🌹मेरे सारे प्रश्नों का वो
🌹फौरन जवाब बन जाती थी
🌹मेरी राहों के कांटे चुन
🌹वो खुद गुलाब बन जाती थी
👓मैं बडा हुआ तो कॉलेज से
👓इक रोग प्यार का ले आया
👓जिस दिल में मां की मूरत थी
👓वो रामकली को दे आया
🌹शादी की पति से बाप बना
🌹अपने रिश्तों में झूल गया
🌹अब करवाचौथ मनाता हूं
🌹मां की ममता को भूल गया
☝हम भूल गये उसकी ममता
☝मेरे जीवन की थाती थी
☝हम भूल गये अपना जीवन
☝वो अमृत वाली छाती थी
🌹हम भूल गये वो खुद भूखी
🌹रह करके हमें खिलाती थी
🌹हमको सूखा बिस्तर देकर
🌹खुद गीले में सो जाती थी
💻हम भूल गये उसने ही
💻होठों को भाषा सिखलायी थी
💻मेरी नीदों के लिए रात भर
💻उसने लोरी गायी थी
🌹हम भूल गये हर गलती पर
🌹उसने डांटा समझाया था
🌹बच जाउं बुरी नजर से
🌹काला टीका सदा लगाया था
🏯हम बडे हुए तो ममता वाले
🏯सारे बन्धन तोड. आए
🏯बंगले में कुत्ते पाल लिए
🏯मां को वृद्धाश्रम छोड आए
🌹उसके सपनों का महल गिरा कर
🌹कंकर-कंकर बीन लिए
🌹खुदग़र्जी में उसके सुहाग के
🌹आभूषण तक छीन लिए
👑हम मां को घर के बंटवारे की
👑अभिलाषा तक ले आए
👑उसको पावन मंदिर से
👑गाली की भाषा तक ले आए
🌹मां की ममता को देख मौत भी
🌹आगे से हट जाती है
🌹गर मां अपमानित होती
🌹धरती की छाती फट जाती है
💧घर को पूरा जीवन देकर
💧बेचारी मां क्या पाती है
💧रूखा सूखा खा लेती है
💧पानी पीकर सो जाती है
🌹जो मां जैसी देवी घर के
🌹मंदिर में नहीं रख सकते हैं
🌹वो लाखों पुण्य भले कर लें
🌹इंसान नहीं बन सकते हैं
✋मां जिसको भी जल दे दे
✋वो पौधा संदल बन जाता है
✋मां के चरणों को छूकर पानी
✋गंगाजल बन जाता है
🌹मां के आंचल ने युगों-युगों से
🌹भगवानों को पाला है
🌹मां के चरणों में जन्नत है
🌹गिरिजाघर और शिवाला है
🌹हर घर में मां की पूजा हो
🌹ऐसा संकल्प उठाता हूं
🌹मैं दुनियां की हर मां के
🌹चरणों में ये शीश झुकाता हूं...
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
अधिकतर
ऐसा होता है कि
पोस्ट के
विषय को
न देखते हुए
हम
पोस्ट लगाने
वाले को दृष्टि में
रखकर
कमेंट देते हैं
इसमें भाव ये
रहता ह कि
हमे अनुचित लग रही ह
लेकिन
लगाने वाला यदि
दमदार है तो
ठीक ही होगी
फिर भी
संशय होने पर
पूछना अवश्य चाहिए
क्योंकि दमदार
व्यक्ति भी कभी
गलती कर बैठता है
या उसका नज़रिया
भिन्न हो तो हमे भी
तो पता चले
क्या सोचते हैं आप ❓
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
अति धन संचय
भविष्य के लिए वर्तमान की
उपेक्षा ही इसका कारण है जी । इसलिए सदा आज पर केंद्रित रहें हम । कल की सोचें लेकिन आज को खोकर नहीं । संतुलन ।
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia: 🌿
एक गिलहरी रोज अपने काम पर समय से आती थी और अपना काम पूरी मेहनत तथा ईमानदारी से करती थी l गिलहरी जरुरत से ज्यादा काम कर के खूब खुश थी क्योंकि उसके मालिक जंगल के राजा शेर ने उससे दस बोरी अखरोट देने का वादा कर रक्खा था l
🌿गिलहरी काम करते-करते थक जाती थी सोचती थी कि थोड़ा आराम कर लूँ …. पर जैसे ही उसे याद आता:- कि शेर उसे ज्यादा काम करने के बदले दस बोरी अखरोट देने का वादा किया है, वह फिर से काम पर लग जाती l गिलहरी जब दूसरीे गिलहरियों को खेलते – कुदते देखती थी तो उसकी भी ईच्छा खेलने की होती, पर उसे फिर अखरोट की बोरी याद आ जाती और वो फिर काम पर लग जाती l
🌿शेर कभी – कभी उसे दूसरे शेर के पास भी काम करने के लिये भेज देता था l ऐसा नहीं कि शेर उसे अखरोट नहीं देना चाहता था l शेर बहुत ईमानदार था l ऐसे ही समय बीतता रहा….
🌿एक दिन ऐसा भी आया जब जंगल के राजा शेर ने गिलहरी को दस बोरी अखरोट दे कर आजाद कर दिया l गिलहरी अखरोट के पास बैठ कर सोचने लगी कि:- अब अखरोट मेरे किस काम के........ दाँत तो घिस गये, इसे खाऊँगी कैसे ? पूरी जिन्दगी काम करते – करते वह बहुत कमजोर और बिमार हो गई थी वह उसमें से एक अखरोट भी नहीं खा सकी और पानी पीने के बाद वह मर गई l
🌿उसके बाद उसके बच्चों ने आधा खाया, आधा खराब किया और थोड़ा बहुत बांट दिया l उन्हें अखरोटों को कमाने की कहानी से कोई लेना देना नहीं था l
🌿सन्तमत विचार-दोस्तों यह कहानी आज जीवन की हकीकत बन चुकी है l इन्सान अपनी ईच्छाओं का त्याग करता है, और पूरी जिन्दगी नौकरी/धंधे में बिता देता है l 60 वर्ष की ऊम्र तक वह कमजोर और बिमार हो चुका होता है वो रिटायर्ड होने के बाद उसे जो उसका लाभ मिलता है ... तब तक पीढ़ी बदल चुकी होती है, परिवार को चलाने वाला मुखिया बदल जाता है ।
🌿 क्या नये मुखिया को इस बात का अन्दाजा लग पायेगा की इस लाभ के लिये गिलहरी की कितनी इच्छायें मरी होगी ? कितने दुख तकलीफ सहे होंगे ? अपने कितने सपनें मारे होंगें !!!
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
कश्तिया खड़ीं रहीं
हमे मोहन से
मिलाने को
और हम
लगे रहे
दुनिया को
रिझाने में
प्रश्नों के
उत्तर बताने में
🙈
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
•¡✽🌿◆🍒🎼🍒◆🌿✽¡•
🍒 सन्त जन कहते है कि भगवान राम ने इसलिये लीला की कि मनुष्य उसका अनुसरण करे l उसमे तन्मय होकर पाप कर्मों को भूल जाये l जब जब मन चंचल होवे तब नामामृत और कथामृत का पान करो l
🍒 मन ऐसा है कि अपने प्रति किये उपकार को भूल जाता है और अपकार को याद रखता है l मन को सुधारने के लिये मन के आगे न लगा दो तो हो जायेगा नमन सबका मन से नमन करो l सभी प्रभु के स्वरूप हैं l
🍒 मन के पीछे न लगा दो तो बन जायेगा मनन l मनन करना कठिन है किन्तु सत्संग के एकाध शब्द का भी मनन करके धारण किया जाये तो कल्याण निश्चित है l
📝 मालिनी
◆¡﹏*(•🌿•)*﹏¡◆
*🍒🎼🍒*
🌿कृष्णमयरात्रि🌿
•🍒श्रीकृष्णायसमर्पणं🍒•
🌿जयश्रीराधेकृष्ण🌿
*🍒🎼🍒*
◆¡﹏*(•🌿•)*﹏¡◆
•¡✽🌿◆🍒🎼🍒◆🌿✽¡•
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
•¡✽🌿🌹◆🔔◆🌹🌿✽¡•
8⃣*1⃣*1⃣6⃣
शुक्रवार पौष
कृष्णपक्ष त्रयोदशी
•🌹•
◆~🔔~◆
◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🌹गौरांग महाप्रभु 🌹★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
◆~🔔~◆
•🌹•
❗व्यासपूजा षड्भुजरूप दर्शन❗
🌿 व्यास पूजा के दिन श्री गौरांग सब भक्तों के साथ श्री वास पंडित के घर एकत्रित हुए l वहां संकीर्तन में श्री निताई चाँद प्रेमाविष्ट हो उठे और रात्रि में अपना दण्ड कमंडल तोड़ डाला चैतन्य महाप्रभु उन्हें गंगा स्नान करा कर घर ले आये l तब श्री वास पंडित ने एक सुंदर माला श्री नित्यानंद जी के साथ में दी कि श्री वास जी का पूजन कीजिये l माला हाथ में लेकर उन्होंने श्री गौरांग महाप्रभु के गले में डाल दी l इसलिये श्री वास के मूल व्यास तो श्री कृष्ण यही गौरांग हैं l
🌿 माला गले में डालते ही श्री चैतन्य महाप्रभु षड्भुज रूप में प्रकटित हो गए l दो हाथों में वे वंशी धारण कर रहे थे l दो हाथों में आपने धनुष बाण ग्रहण कर रखा था और दो हाथ ऊँचे उठाकर हरि बोल हरि बोल उच्चारण कर रहे थे l मानो वे श्री कृष्ण श्री राम तथा श्री गौरांग स्वरूपों की एकता ही प्रकाशित कर रहे थे lभक्तों ने नृत्यगान संकीर्तन किया मध्य में वे नाच रहे थे श्री निमाई -निताई l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🌹•(*﹏¥
•🔔★🔔•
•🌿सुप्रभात🌿•
•🌹श्रीकृष्णायसमर्पणं🌹•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
•🔔★🔔•
¥﹏*)•🌹•(*﹏¥
•¡✽🌿🌹◆🔔◆🌹🌿✽¡•
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
अभाव
तभी तक रहता है जब तक
संसार में
स्वभाव
रहता है ।
और भजन के
प्रभाव
से वंचित रहता ह
भजन से ऐसा
भाव
बन जाता है कि समस्त
कुभाव
अभाव
सद्भाव बन जाते है
🍁🍁
जय श्री राधे । जय निताई
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
तन , मन, धन
बिचार करें इनमे से क्या क्या भगवान को देना चाहिये ?
तन और धन ये अपने परिवार और संसार वालों को देना चाहिये और मन भगवान को देना चाहिए
एक बात और है जिसको जिस वस्तु की आवश्यकता हो उसे वही देना चाहिये
भगवान को मन की आवश्यकता है क्यूं की उनका मन चोरी हो गया किसने चुराया ?
श्री राधा रानी ने । हा हा हा
हे भगवन । रत्नाकर समुद्र ही जिनका घर हो उनको कुछ तुच्छ रत्न भेंट क्या करने से क्या फायदा ।
साक्षात् लक्ष्मी ही जिनकी गृहणी हो उनको द्रव्य चढ़ाना से भी क्या होगा ।
आपके मन को श्री राधा रानी ने चुरा लिया है अतः प्रभू मैं आपको अपना मन दे रहा हूँ कृपा करके स्वीकार करिये । तन और धन तो देने योग्य भी नही आपको
फ़ॉर्वर्डेड । एडिटेड
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
ये संतुलन के लिए है
यदि चुनना पड़े तो मन ही भगवान के लिए उपयुक्त है
तन मन धन तीनो दे पाएं तो फिर बात ही क्या । बलिहार आप के भाव को । जय हो जय हो
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े परमार्थी
वेश धरे अवधूत
श्याम नाम का गोला छूटे
भाज जाये यमदूत
संतो।।राधे श्याम।
🙏🙌🌷🙌🙏
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
Banduk guruji
Goli mantra
Target shyamashyam🙏
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े करुणा मय
चंदन तिलक स्वरूप
राधे राधे रटत हैं
तर जाएँ भव कूप
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े पुरुषार्थी
लगे रहें दिन रैन
नाम नाम हरिनाम ते
डबे रहें दोउ नैन
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े मृदु भाषी
बोले मीठे बैन
युगल चरण हिय राख़ के
पावत हे सुख चैन।
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
वाह प्रिया जी
नाम का आश्रय ऐसे ही होता है
हरिनाम रटते रहो
जब लगि तन में प्राण
आज ही दीं दयाल के
भनक पड़ेगी कान
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े धनवान
खोदे नाम धन की खान
लुटाते नामी पे जान
बस ये ही चतुर सुजान
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े धनवान
करते सबको मालामाल
देते नाम का आश्रय
कट जाते सब बवाल
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े धनवान हैं
खोदे नाम की खान
जान लुटाते भक्त पे
जानिये चतुर सुजान
एडिटेड
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े धनवान हैं
करते मालामाल
देते आश्रय नाम का
मिटत सभी जंजाल
एडिटेड
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
मोको तो कछु आव नही
गाउँ हरि गुण गान
हरे कृष्ण हरे राम बिनु
जानू नही कछु आन
एडिटेड
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
शुभम माधवी आ गए
आएं एक दो और
नाम भजन और गीत का
चलता रहे ये दौर
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
चलता रहे ये दौर
भजे नित श्यामा श्याम
बस यही है आस हमारी
नहीं चाहिए कछु और
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े धनवान है
देते नाम का दान
कृष्ण रस की वर्षा से
भीगे आठो याम ।🙏🙏
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
नाम सरल सुन्दर सदा
कलि में परम उपाय
रैन दिवस तू नाम रट
इधर उधर क्यों जाय
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
भीगे आठो याम
भजे हम श्याम श्याम
सदा रहे मुख में नाम
नहीं भाये दूजो काम
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
नाम जपो नाम जपो
चंहु और ये शोर
वक़्त है अब ही संभल जा प्राणी
कहीं बीत ना जाये ये जीवन की भौर
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
भाये दूजो काम नही
लगे रहें दिन रात
कृष्ण कृष्ण ही सार है
व्यर्थ दूसरी बात
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े धनवान है
ले कर अपनी शरण मे
करते हमें कृतारथ।
संत बड़े धनवान है
संत बड़े धनवान है ।
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
जपत नाम की माला
मन में बैठायो नन्द का लाला
चाहे याचक हो या अयाचक
सबको अपना बना डाला
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
व्यर्थ दूसरी बात
साँची केवल हरि भजना
कह गए शिव भोले
उमा से अनुभव अपना
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
राम नाम की लूट हुई
आज जपें सब नाम
लंच प्रसादी भूल कर
नाम नाम बस नाम
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
नाम दान ब्रज प्रेम रस
को देतो संसार
कलि में सुन्दर गौर को
जो न होत अवतार
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
नाम सुमिरन जो दिल से करें
तो मिट जाये सब भूख
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
नाम रस जैसो
जग में दूसरो
रस न कोय।
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
नाम सुमिरन जो दिल से करें
तो मिट जाये सब भूख प्यास
हरि दर्शन होंगे मुझे
लगी रहे ये आस
एडेड
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
लगी रहे ये आस
आस बुझने ना पावे
मिल जायेंगे प्रियतम
बात ये सच्ची पावे
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
Shree radha govind naam te lage milan ki aas
Jo unke darshan mile to bhad jaaye pyaas
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
इधर नाम में ध्यान लगाओ
मानव जीवन का हल पाओ
इन हालों से क्या हल होगा
जीवन केवल निष्फल होगा
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
Shree radha govind sarkar hai ham sab k praan
Rahe sukhi sada prasannchit pooran mangal kaam
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
हरे कृष्ण की धुन में
हर वैष्णव बौराय
गौर चंद्र की कृपा से
नित नयो जीवन पाये
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
क्यों इतना वक़्त गुज़ारते हो
देखते हुए खुद को आईने में
कुछ वक़्त बैठो प्रभु के सामने
खूबसूरत हो जाओगे सही माईने में
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
गौरचंद्र गौरांग हैं
नाम प्रेम धन माली
जिसने नाम धन पा लिया
सारी दौलत पाली
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
ना मैं जाऊं द्वारका और ना जाऊँ काशी
जहाँ लगा दूं नाम रटन वहीँ मेरा अविनाशी
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
आइना मैला हो गया
नाम करेगा साफ
कृष्ण प्रेम मिल जाएगा
कट जायेंगे पाप
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
गौरांग बोलिते हबे पुलक शारीर
हरी हरी बोलिते नयने बहबे नीर
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
नाम जपन के आलसी
भोजन के होशियार
तुलसी ऐसे जीव को
बार बार धिक्कार
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
मोपे ऐसी कृपा करो
श्री किशोरी जू प्यारी
नित नित सेवु नाम को
नैन बसें गिरधारी
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
एक घंटा मोबाइल नही छुओ तो,
मोबाइल के दिल से आवाज आती है...
मालिक, जिन्दा हो या चल बसे। 😷😷😂😂
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
श्यामा श्याम के नाम से
मिटते सारे पाप
महामंत्र का नाम जपो
जो सबका है बाप😊
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
कारे कारे कजरारे
मोटे मोटे नैन
रूप माधुरी लखि के
छकि रहूँ दिन रैन।।
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
भज ले हरि का नाम रे मनुआ
भज ले हरि का नाम
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
हर पल बसो मेरे नैनन में
नित नित छवि तुम्हारी हो
क्यों खोजे मन इधर उधर
जब नैनन में छवि प्यारी हो
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
जीवन के दिन चार
सखी अब जोर लगा दो
रात दिन कु करो इक
आलस्य भगा दो
कब तक पूछोगे प्रश्न
अब स्वयं उत्तर बन जाओ
करके स्वास् स्वास् में नाम
भाव से तर जाओ
भाव से तर जाओ।
🌷💧🌷💧
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
हरी बोल हरी बोल हरी बोल रसना
हरी के भजन बिनु नहीं कोउ अपना।।
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
कृष्ण नाम की माधुरी
लगे प्रात से शाम
नाम जपन में बीत रहे
प्रात दिवस और शाम
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
अब जाग सखी
अब जाग सखी
तेने रूप माधुरी
नाए लखि
नित नित माया के
झूठे जालन में
बन मीन फसी।🐠
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
बन मीन फसी
जल सागर में
है नागर को मन
नागरि में
और नागरि
को मन गागर में
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
किरण दी
मेरे मोबाइल में एक ऐसा अलार्म भरा हुआ है । यदि लगातार एक घण्टे मोबाइल ओन रहता है
तो आवाज़ आती है
📣 फ़ालतू है
📣 फालतू है
📣 फालतू है
ये आवाज़ से स्पीकर ओन हो जाता है । घर में सबको पता चल जाता है कि भजन हो रहा या चैट
इसलिए में बीच बीच में बंद कर देता हूँ । जय श्री राधे
🔔🔔🔔🔔🔔🔔
6⃣*1⃣*1⃣6⃣
बुधवार पौष
कृष्णपक्ष द्वादशी
•🍁•
◆~🔔~◆
◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🍁गौरांग महाप्रभु 🍁★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
◆~🔔~◆
•🍁•
❗श्री नित्यानंदमिलन❗
🌿 श्री गौरांग के आविर्भाव से पूर्व विरचंद्रपुर में श्री नित्यानन्द प्रभु अवतीर्ण हो चुके थे l इनके पिता श्री हड़ाई पण्डित और माता श्रीमती पदमावती थी l एक दिन हड़ाई पंडित के घर एक सन्यासी आया जाते समय उसने एक भिक्षा चाही l हड़ाई पण्डित ने वचन दिया जो आप मांगोगे मैं दूँगा l सन्यासी बोला मैं तीर्थ पर्यटन के लिए जाऊँगा अतः कुछ दिन के लिए अपने पुत्र को मेरे साथ भेजो l यह सुनते ही पण्डित जी दुःखी परंतु वचन पालन हेतु श्री नित्यानंद को उस सन्यासी के साथ भेज दिया l
🌿 सन्यासी के साथ अनेक तीर्थ दर्शन करने के बाद मथुरा अपने पूर्व जन्मस्थान पर लौट आये lश्री कृष्ण लीला में आप बलराम ही तो थे l ब्रज का दर्शन करते ही आप प्रेमोन्मत्त हो उठे l स्थान स्थान पर जाकर अपने प्राणप्रिय कृष्ण को ढूँढने लगे l आकाशवाणी द्वारा आप जान गए कि श्री कृष्ण नवद्वीप में अवतार ले चुके हैं l आप वहां से नवद्वीप आकर श्री नंदनाचार्य के घर आकर ठहरे l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🍁•(*﹏¥
•🔔★🔔•
•🌿सुप्रभात🌿•
•🍁श्रीकृष्णायसमर्पणं🍁•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
•🔔★🔔•
¥﹏*)•🍁•(*﹏¥
•¡✽🌿🍁◆🔔◆🍁🌿✽¡•
[17:42, 1/6/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
आँखों में
छलकते आंसू
लोग समझते हैं
कितने भाव से
भजन में
लगा है
ये तो मुझे
पता है कि
मोतियाबिंद
पक गया है
हा हा हा
😜😳😭
[12:42, 1/7/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
फिर उड़ गयी
मेरी
नींद
ये जानकर
कि
तुम्हारा
रात भर
जागना
मेरी
नींद
के लिए था
😒
[12:42, 1/7/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
बिक जाएँ
बाजार में हम
तुम्हारे लिए
मोहन
लेकिन
हमारे उतने
दाम नही
मिलेंगे
कि
फिर भी तुम्हे
खरीद
सकें
😭
समस्त वैष्णवजन
को मेरा सादर प्रणाम
जयश्रीराधे
जय निताई
[12:42, 1/7/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
•¡✽🌿🍁◆🔔◆🍁🌿✽¡•
7⃣*1⃣*1⃣6⃣
गुरुवार पौष
कृष्णपक्ष द्वादशी
•🍁•
◆~🔔~◆
◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🍁गौरांग महाप्रभु 🍁★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
◆~🔔~◆
•🍁•
❗श्री नित्यानंदमिलन❗
🌿 इधर श्री गौरांग ने भी भक्तों को बताया कि सन्यासी नवद्वीप में आ चुके हैं l आप जाकर उनकी खोज कीजिये किन्तु कोई बीही उन्हें ढ़ूँढ न सका l फिर स्वयं चैतन्य महाप्रभु भक्तों के साथ श्री नंदनाचार्य के घर पहुँचे l श्री गौरांग के दर्शन कर पहचान गये कि मेरे श्री कृष्ण यही हैं lदोनों एक दुसरे को अपलक देख रहे थे और नेत्रों से प्रेमाश्रु प्रवाहित कर रहे थे तब श्री वास पण्डित ने
❗वर्हापीडं नटवरवपुः कर्णयोः कर्णिकारं ❗
इत्यादि श्लोक पढ़े l
🌿 सुनते ही श्री निताई मूर्छित होकर धरती पर गिर पड़े l समस्त भक्तगण कृष्ण कृष्ण हरिबोल हरिबोल कहने लगे l श्री गौरांग ने श्री नित्यानंद को अपनी भुजाओं में भर लिया l दोनों एक दूसरे को प्रेमाश्रुधारा से अभिषिक्त करते रहे lश्री गौरांग ने अनेक स्तुति की अपने बड़े भाई श्री बलरामरूप श्री निताई चांद की l अपने साथ ही ले आये और श्री वास पंडित के घर पर ही निवास करने लगे l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🍁•(*﹏¥
•🔔★🔔•
•🌿सुप्रभात🌿•
•🍁श्रीकृष्णायसमर्पणं🍁•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
•🔔★🔔•
¥﹏*)•🍁•(*﹏¥
•¡✽🌿🍁◆🔔◆🍁🌿✽¡•
[12:42, 1/7/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia: 🌿
अपेक्षा
अगर दूसरों से
की जाती है तो वह
कष्ट
बन जाती है
और
अपेक्षा अगर स्वयं
से की जाती है तो वह
प्रतिभा
बन जाती है
मालिनी
[12:42, 1/7/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
खुशियाँ ही खुशियाँ हों
तेरे दामन में
वाह वाह वाह
करने से पहले पूरा सुनना
चाहिए । हमेशा सुन कर
समझकर है धैर्य से
परिस्थिति को
समझना चाहिए
अन्यथा पछतावा
होता है
जेसे कि बाद की
इन दो लाइन में
हम लूटना चाहें तो
निराश न हों
😎
खुशियाँ ही खुशियाँ हों
तेरे दामन में
हम लूटना चाहें तो
निराश न हों
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
☝एक बार इस कविता को
💘दिल से पढ़िये
😋शब्द शब्द में गहराई है...
⛺जब आंख खुली तो अम्मा की
⛺गोदी का एक सहारा था
⛺उसका नन्हा सा आंचल मुझको
⛺भूमण्डल से प्यारा था
🌹उसके चेहरे की झलक देख
🌹चेहरा फूलों सा खिलता था
🌹उसके स्तन की एक बूंद से
🌹मुझको जीवन मिलता था
👄हाथों से बालों को नोंचा
👄पैरों से खूब प्रहार किया
👄फिर भी उस मां ने पुचकारा
👄हमको जी भर के प्यार किया
🌹मैं उसका राजा बेटा था
🌹वो आंख का तारा कहती थी
🌹मैं बनूं बुढापे में उसका
🌹बस एक सहारा कहती थी
🌂उंगली को पकड. चलाया था
🌂पढने विद्यालय भेजा था
🌂मेरी नादानी को भी निज
🌂अन्तर में सदा सहेजा था
🌹मेरे सारे प्रश्नों का वो
🌹फौरन जवाब बन जाती थी
🌹मेरी राहों के कांटे चुन
🌹वो खुद गुलाब बन जाती थी
👓मैं बडा हुआ तो कॉलेज से
👓इक रोग प्यार का ले आया
👓जिस दिल में मां की मूरत थी
👓वो रामकली को दे आया
🌹शादी की पति से बाप बना
🌹अपने रिश्तों में झूल गया
🌹अब करवाचौथ मनाता हूं
🌹मां की ममता को भूल गया
☝हम भूल गये उसकी ममता
☝मेरे जीवन की थाती थी
☝हम भूल गये अपना जीवन
☝वो अमृत वाली छाती थी
🌹हम भूल गये वो खुद भूखी
🌹रह करके हमें खिलाती थी
🌹हमको सूखा बिस्तर देकर
🌹खुद गीले में सो जाती थी
💻हम भूल गये उसने ही
💻होठों को भाषा सिखलायी थी
💻मेरी नीदों के लिए रात भर
💻उसने लोरी गायी थी
🌹हम भूल गये हर गलती पर
🌹उसने डांटा समझाया था
🌹बच जाउं बुरी नजर से
🌹काला टीका सदा लगाया था
🏯हम बडे हुए तो ममता वाले
🏯सारे बन्धन तोड. आए
🏯बंगले में कुत्ते पाल लिए
🏯मां को वृद्धाश्रम छोड आए
🌹उसके सपनों का महल गिरा कर
🌹कंकर-कंकर बीन लिए
🌹खुदग़र्जी में उसके सुहाग के
🌹आभूषण तक छीन लिए
👑हम मां को घर के बंटवारे की
👑अभिलाषा तक ले आए
👑उसको पावन मंदिर से
👑गाली की भाषा तक ले आए
🌹मां की ममता को देख मौत भी
🌹आगे से हट जाती है
🌹गर मां अपमानित होती
🌹धरती की छाती फट जाती है
💧घर को पूरा जीवन देकर
💧बेचारी मां क्या पाती है
💧रूखा सूखा खा लेती है
💧पानी पीकर सो जाती है
🌹जो मां जैसी देवी घर के
🌹मंदिर में नहीं रख सकते हैं
🌹वो लाखों पुण्य भले कर लें
🌹इंसान नहीं बन सकते हैं
✋मां जिसको भी जल दे दे
✋वो पौधा संदल बन जाता है
✋मां के चरणों को छूकर पानी
✋गंगाजल बन जाता है
🌹मां के आंचल ने युगों-युगों से
🌹भगवानों को पाला है
🌹मां के चरणों में जन्नत है
🌹गिरिजाघर और शिवाला है
🌹हर घर में मां की पूजा हो
🌹ऐसा संकल्प उठाता हूं
🌹मैं दुनियां की हर मां के
🌹चरणों में ये शीश झुकाता हूं...
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
अधिकतर
ऐसा होता है कि
पोस्ट के
विषय को
न देखते हुए
हम
पोस्ट लगाने
वाले को दृष्टि में
रखकर
कमेंट देते हैं
इसमें भाव ये
रहता ह कि
हमे अनुचित लग रही ह
लेकिन
लगाने वाला यदि
दमदार है तो
ठीक ही होगी
फिर भी
संशय होने पर
पूछना अवश्य चाहिए
क्योंकि दमदार
व्यक्ति भी कभी
गलती कर बैठता है
या उसका नज़रिया
भिन्न हो तो हमे भी
तो पता चले
क्या सोचते हैं आप ❓
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
अति धन संचय
भविष्य के लिए वर्तमान की
उपेक्षा ही इसका कारण है जी । इसलिए सदा आज पर केंद्रित रहें हम । कल की सोचें लेकिन आज को खोकर नहीं । संतुलन ।
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia: 🌿
एक गिलहरी रोज अपने काम पर समय से आती थी और अपना काम पूरी मेहनत तथा ईमानदारी से करती थी l गिलहरी जरुरत से ज्यादा काम कर के खूब खुश थी क्योंकि उसके मालिक जंगल के राजा शेर ने उससे दस बोरी अखरोट देने का वादा कर रक्खा था l
🌿गिलहरी काम करते-करते थक जाती थी सोचती थी कि थोड़ा आराम कर लूँ …. पर जैसे ही उसे याद आता:- कि शेर उसे ज्यादा काम करने के बदले दस बोरी अखरोट देने का वादा किया है, वह फिर से काम पर लग जाती l गिलहरी जब दूसरीे गिलहरियों को खेलते – कुदते देखती थी तो उसकी भी ईच्छा खेलने की होती, पर उसे फिर अखरोट की बोरी याद आ जाती और वो फिर काम पर लग जाती l
🌿शेर कभी – कभी उसे दूसरे शेर के पास भी काम करने के लिये भेज देता था l ऐसा नहीं कि शेर उसे अखरोट नहीं देना चाहता था l शेर बहुत ईमानदार था l ऐसे ही समय बीतता रहा….
🌿एक दिन ऐसा भी आया जब जंगल के राजा शेर ने गिलहरी को दस बोरी अखरोट दे कर आजाद कर दिया l गिलहरी अखरोट के पास बैठ कर सोचने लगी कि:- अब अखरोट मेरे किस काम के........ दाँत तो घिस गये, इसे खाऊँगी कैसे ? पूरी जिन्दगी काम करते – करते वह बहुत कमजोर और बिमार हो गई थी वह उसमें से एक अखरोट भी नहीं खा सकी और पानी पीने के बाद वह मर गई l
🌿उसके बाद उसके बच्चों ने आधा खाया, आधा खराब किया और थोड़ा बहुत बांट दिया l उन्हें अखरोटों को कमाने की कहानी से कोई लेना देना नहीं था l
🌿सन्तमत विचार-दोस्तों यह कहानी आज जीवन की हकीकत बन चुकी है l इन्सान अपनी ईच्छाओं का त्याग करता है, और पूरी जिन्दगी नौकरी/धंधे में बिता देता है l 60 वर्ष की ऊम्र तक वह कमजोर और बिमार हो चुका होता है वो रिटायर्ड होने के बाद उसे जो उसका लाभ मिलता है ... तब तक पीढ़ी बदल चुकी होती है, परिवार को चलाने वाला मुखिया बदल जाता है ।
🌿 क्या नये मुखिया को इस बात का अन्दाजा लग पायेगा की इस लाभ के लिये गिलहरी की कितनी इच्छायें मरी होगी ? कितने दुख तकलीफ सहे होंगे ? अपने कितने सपनें मारे होंगें !!!
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
कश्तिया खड़ीं रहीं
हमे मोहन से
मिलाने को
और हम
लगे रहे
दुनिया को
रिझाने में
प्रश्नों के
उत्तर बताने में
🙈
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
•¡✽🌿◆🍒🎼🍒◆🌿✽¡•
🍒 सन्त जन कहते है कि भगवान राम ने इसलिये लीला की कि मनुष्य उसका अनुसरण करे l उसमे तन्मय होकर पाप कर्मों को भूल जाये l जब जब मन चंचल होवे तब नामामृत और कथामृत का पान करो l
🍒 मन ऐसा है कि अपने प्रति किये उपकार को भूल जाता है और अपकार को याद रखता है l मन को सुधारने के लिये मन के आगे न लगा दो तो हो जायेगा नमन सबका मन से नमन करो l सभी प्रभु के स्वरूप हैं l
🍒 मन के पीछे न लगा दो तो बन जायेगा मनन l मनन करना कठिन है किन्तु सत्संग के एकाध शब्द का भी मनन करके धारण किया जाये तो कल्याण निश्चित है l
📝 मालिनी
◆¡﹏*(•🌿•)*﹏¡◆
*🍒🎼🍒*
🌿कृष्णमयरात्रि🌿
•🍒श्रीकृष्णायसमर्पणं🍒•
🌿जयश्रीराधेकृष्ण🌿
*🍒🎼🍒*
◆¡﹏*(•🌿•)*﹏¡◆
•¡✽🌿◆🍒🎼🍒◆🌿✽¡•
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
•¡✽🌿🌹◆🔔◆🌹🌿✽¡•
8⃣*1⃣*1⃣6⃣
शुक्रवार पौष
कृष्णपक्ष त्रयोदशी
•🌹•
◆~🔔~◆
◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🌹गौरांग महाप्रभु 🌹★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
◆~🔔~◆
•🌹•
❗व्यासपूजा षड्भुजरूप दर्शन❗
🌿 व्यास पूजा के दिन श्री गौरांग सब भक्तों के साथ श्री वास पंडित के घर एकत्रित हुए l वहां संकीर्तन में श्री निताई चाँद प्रेमाविष्ट हो उठे और रात्रि में अपना दण्ड कमंडल तोड़ डाला चैतन्य महाप्रभु उन्हें गंगा स्नान करा कर घर ले आये l तब श्री वास पंडित ने एक सुंदर माला श्री नित्यानंद जी के साथ में दी कि श्री वास जी का पूजन कीजिये l माला हाथ में लेकर उन्होंने श्री गौरांग महाप्रभु के गले में डाल दी l इसलिये श्री वास के मूल व्यास तो श्री कृष्ण यही गौरांग हैं l
🌿 माला गले में डालते ही श्री चैतन्य महाप्रभु षड्भुज रूप में प्रकटित हो गए l दो हाथों में वे वंशी धारण कर रहे थे l दो हाथों में आपने धनुष बाण ग्रहण कर रखा था और दो हाथ ऊँचे उठाकर हरि बोल हरि बोल उच्चारण कर रहे थे l मानो वे श्री कृष्ण श्री राम तथा श्री गौरांग स्वरूपों की एकता ही प्रकाशित कर रहे थे lभक्तों ने नृत्यगान संकीर्तन किया मध्य में वे नाच रहे थे श्री निमाई -निताई l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🌹•(*﹏¥
•🔔★🔔•
•🌿सुप्रभात🌿•
•🌹श्रीकृष्णायसमर्पणं🌹•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
•🔔★🔔•
¥﹏*)•🌹•(*﹏¥
•¡✽🌿🌹◆🔔◆🌹🌿✽¡•
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
अभाव
तभी तक रहता है जब तक
संसार में
स्वभाव
रहता है ।
और भजन के
प्रभाव
से वंचित रहता ह
भजन से ऐसा
भाव
बन जाता है कि समस्त
कुभाव
अभाव
सद्भाव बन जाते है
🍁🍁
जय श्री राधे । जय निताई
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
तन , मन, धन
बिचार करें इनमे से क्या क्या भगवान को देना चाहिये ?
तन और धन ये अपने परिवार और संसार वालों को देना चाहिये और मन भगवान को देना चाहिए
एक बात और है जिसको जिस वस्तु की आवश्यकता हो उसे वही देना चाहिये
भगवान को मन की आवश्यकता है क्यूं की उनका मन चोरी हो गया किसने चुराया ?
श्री राधा रानी ने । हा हा हा
हे भगवन । रत्नाकर समुद्र ही जिनका घर हो उनको कुछ तुच्छ रत्न भेंट क्या करने से क्या फायदा ।
साक्षात् लक्ष्मी ही जिनकी गृहणी हो उनको द्रव्य चढ़ाना से भी क्या होगा ।
आपके मन को श्री राधा रानी ने चुरा लिया है अतः प्रभू मैं आपको अपना मन दे रहा हूँ कृपा करके स्वीकार करिये । तन और धन तो देने योग्य भी नही आपको
फ़ॉर्वर्डेड । एडिटेड
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
ये संतुलन के लिए है
यदि चुनना पड़े तो मन ही भगवान के लिए उपयुक्त है
तन मन धन तीनो दे पाएं तो फिर बात ही क्या । बलिहार आप के भाव को । जय हो जय हो
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े परमार्थी
वेश धरे अवधूत
श्याम नाम का गोला छूटे
भाज जाये यमदूत
संतो।।राधे श्याम।
🙏🙌🌷🙌🙏
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
Banduk guruji
Goli mantra
Target shyamashyam🙏
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े करुणा मय
चंदन तिलक स्वरूप
राधे राधे रटत हैं
तर जाएँ भव कूप
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े पुरुषार्थी
लगे रहें दिन रैन
नाम नाम हरिनाम ते
डबे रहें दोउ नैन
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े मृदु भाषी
बोले मीठे बैन
युगल चरण हिय राख़ के
पावत हे सुख चैन।
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
वाह प्रिया जी
नाम का आश्रय ऐसे ही होता है
हरिनाम रटते रहो
जब लगि तन में प्राण
आज ही दीं दयाल के
भनक पड़ेगी कान
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े धनवान
खोदे नाम धन की खान
लुटाते नामी पे जान
बस ये ही चतुर सुजान
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े धनवान
करते सबको मालामाल
देते नाम का आश्रय
कट जाते सब बवाल
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े धनवान हैं
खोदे नाम की खान
जान लुटाते भक्त पे
जानिये चतुर सुजान
एडिटेड
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े धनवान हैं
करते मालामाल
देते आश्रय नाम का
मिटत सभी जंजाल
एडिटेड
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
मोको तो कछु आव नही
गाउँ हरि गुण गान
हरे कृष्ण हरे राम बिनु
जानू नही कछु आन
एडिटेड
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
शुभम माधवी आ गए
आएं एक दो और
नाम भजन और गीत का
चलता रहे ये दौर
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
चलता रहे ये दौर
भजे नित श्यामा श्याम
बस यही है आस हमारी
नहीं चाहिए कछु और
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े धनवान है
देते नाम का दान
कृष्ण रस की वर्षा से
भीगे आठो याम ।🙏🙏
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
नाम सरल सुन्दर सदा
कलि में परम उपाय
रैन दिवस तू नाम रट
इधर उधर क्यों जाय
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
भीगे आठो याम
भजे हम श्याम श्याम
सदा रहे मुख में नाम
नहीं भाये दूजो काम
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
नाम जपो नाम जपो
चंहु और ये शोर
वक़्त है अब ही संभल जा प्राणी
कहीं बीत ना जाये ये जीवन की भौर
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
भाये दूजो काम नही
लगे रहें दिन रात
कृष्ण कृष्ण ही सार है
व्यर्थ दूसरी बात
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संत बड़े धनवान है
ले कर अपनी शरण मे
करते हमें कृतारथ।
संत बड़े धनवान है
संत बड़े धनवान है ।
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
जपत नाम की माला
मन में बैठायो नन्द का लाला
चाहे याचक हो या अयाचक
सबको अपना बना डाला
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
व्यर्थ दूसरी बात
साँची केवल हरि भजना
कह गए शिव भोले
उमा से अनुभव अपना
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
राम नाम की लूट हुई
आज जपें सब नाम
लंच प्रसादी भूल कर
नाम नाम बस नाम
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
नाम दान ब्रज प्रेम रस
को देतो संसार
कलि में सुन्दर गौर को
जो न होत अवतार
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
नाम सुमिरन जो दिल से करें
तो मिट जाये सब भूख
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
नाम रस जैसो
जग में दूसरो
रस न कोय।
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
नाम सुमिरन जो दिल से करें
तो मिट जाये सब भूख प्यास
हरि दर्शन होंगे मुझे
लगी रहे ये आस
एडेड
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
लगी रहे ये आस
आस बुझने ना पावे
मिल जायेंगे प्रियतम
बात ये सच्ची पावे
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
Shree radha govind naam te lage milan ki aas
Jo unke darshan mile to bhad jaaye pyaas
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
इधर नाम में ध्यान लगाओ
मानव जीवन का हल पाओ
इन हालों से क्या हल होगा
जीवन केवल निष्फल होगा
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
Shree radha govind sarkar hai ham sab k praan
Rahe sukhi sada prasannchit pooran mangal kaam
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
हरे कृष्ण की धुन में
हर वैष्णव बौराय
गौर चंद्र की कृपा से
नित नयो जीवन पाये
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
क्यों इतना वक़्त गुज़ारते हो
देखते हुए खुद को आईने में
कुछ वक़्त बैठो प्रभु के सामने
खूबसूरत हो जाओगे सही माईने में
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
गौरचंद्र गौरांग हैं
नाम प्रेम धन माली
जिसने नाम धन पा लिया
सारी दौलत पाली
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
ना मैं जाऊं द्वारका और ना जाऊँ काशी
जहाँ लगा दूं नाम रटन वहीँ मेरा अविनाशी
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
आइना मैला हो गया
नाम करेगा साफ
कृष्ण प्रेम मिल जाएगा
कट जायेंगे पाप
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
गौरांग बोलिते हबे पुलक शारीर
हरी हरी बोलिते नयने बहबे नीर
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
नाम जपन के आलसी
भोजन के होशियार
तुलसी ऐसे जीव को
बार बार धिक्कार
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
मोपे ऐसी कृपा करो
श्री किशोरी जू प्यारी
नित नित सेवु नाम को
नैन बसें गिरधारी
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
एक घंटा मोबाइल नही छुओ तो,
मोबाइल के दिल से आवाज आती है...
मालिक, जिन्दा हो या चल बसे। 😷😷😂😂
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
श्यामा श्याम के नाम से
मिटते सारे पाप
महामंत्र का नाम जपो
जो सबका है बाप😊
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
कारे कारे कजरारे
मोटे मोटे नैन
रूप माधुरी लखि के
छकि रहूँ दिन रैन।।
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
भज ले हरि का नाम रे मनुआ
भज ले हरि का नाम
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
हर पल बसो मेरे नैनन में
नित नित छवि तुम्हारी हो
क्यों खोजे मन इधर उधर
जब नैनन में छवि प्यारी हो
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
जीवन के दिन चार
सखी अब जोर लगा दो
रात दिन कु करो इक
आलस्य भगा दो
कब तक पूछोगे प्रश्न
अब स्वयं उत्तर बन जाओ
करके स्वास् स्वास् में नाम
भाव से तर जाओ
भाव से तर जाओ।
🌷💧🌷💧
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
हरी बोल हरी बोल हरी बोल रसना
हरी के भजन बिनु नहीं कोउ अपना।।
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
कृष्ण नाम की माधुरी
लगे प्रात से शाम
नाम जपन में बीत रहे
प्रात दिवस और शाम
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
अब जाग सखी
अब जाग सखी
तेने रूप माधुरी
नाए लखि
नित नित माया के
झूठे जालन में
बन मीन फसी।🐠
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
बन मीन फसी
जल सागर में
है नागर को मन
नागरि में
और नागरि
को मन गागर में
[17:37, 1/8/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
किरण दी
मेरे मोबाइल में एक ऐसा अलार्म भरा हुआ है । यदि लगातार एक घण्टे मोबाइल ओन रहता है
तो आवाज़ आती है
📣 फ़ालतू है
📣 फालतू है
📣 फालतू है
ये आवाज़ से स्पीकर ओन हो जाता है । घर में सबको पता चल जाता है कि भजन हो रहा या चैट
इसलिए में बीच बीच में बंद कर देता हूँ । जय श्री राधे
🔔🔔🔔🔔🔔🔔
No comments:
Post a Comment