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[19:49, 1/13/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
•¡✽🌿🌸◆🎀◆🌸🌿✽¡•
1⃣3⃣*1⃣*1⃣6⃣
बुधवार पौष
शुक्लपक्ष चतुर्थी
•🌸•
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◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🌸गौरांग महाप्रभु 🌸★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
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❗गोपाल चापाल उद्धार❗
🌿 गोपाल चापाल को घर से निकाल दिया l वह गंगा के किनारे पड़ा पड़ा भूखा प्यासा चिल्लाया करता l एक दिन चैतन्य महाप्रभु गंगा स्नान कर उधर से निकले l गोपाल चापाल ने क्षमा माँगी परंतु चैतन्य महाप्रभु भक्त अपराध का परिणाम जगत को दिखाना चाहते थे l इतना कहकर चले गये कि तुम मेरे परम भक्त श्री वास के अपराधी हो तुम्हारा उद्धार होना सम्भव नहीं है l
🌿 किंतु करुणावतार की करुणा तो प्रभु के आगे आगे ही चलती है प्रभु को अपने अधीन रखती है l प्रभु जब सन्यास ग्रहण कर नीलाचल से एक बार नवद्वीप कुलिया ग्राम में पधारे तो उस समय गोपाल चापाल प्रभु की शरण में आया l आपने उसे श्री वास की शरण में भेजा l उनकी कृपा से
उसके पाप नष्ट हुए और उसका कुष्ठ रोग बिल्कुल जाता रहा l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🌸•(*﹏¥
•🎀★🎀•
•🌿सुप्रभात🌿•
•🌸श्रीकृष्णायसमर्पणं🌸•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
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[19:49, 1/13/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
Life style
घर में किसी कमरे की लाइट जली रह जाय । नल खुला रह जाय तो हम प्राय घर के बुजुर्ग को ब्लेम करते हैं ।
यदि हम ब्लेम करते हैं तो न करें । ये सहज है । उन्हें अपमानित न करें ।
और यदि हम बुजुर्ग हैं तो चिढ़ चिढ़ न करें । सहज में स्वीकार के लें कि । हाँ बेटा अब में भूल जता हु । कोशिश करूँगा फिर से न हो
इससे अनावश्यक वाद विवाद से बचेंगे और आनंद का माहौल बना रहेगा ।
लोहड़ी की यही शुभकामना है
समस्त वैष्णवजन के श्रीचरणों में मेरा सादर प्रणाम । जय श्रीराधे
जय निताई
[19:49, 1/13/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
आध्यात्मिक चुटकला
यजमान । जेसी कथा शुकदेव जी ने परीक्षित को सुनाई । वेसी कथा सूना दीजिये
पंडित । क्यों ऐसा क्या हुआ यजमान । कथा समाप्ति पर परीक्षित जी परलोक चले गए थे । क्या तुम भी ।
😳 यजमान भागा
🏃🏻🏃🏻🏃🏻🏃🏻🏃🏻🏃🏻🏃🏻
[18:04, 1/14/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
💐श्रीराधारमणो विजयते 💐
🌻 निताई गौर हरिबोल🌻
📚🍵ब्रज की खिचड़ी 🍵📚
क्रम संख्या 5⃣1⃣
🌿 बंधन तोड़ना नहीं है 🌿
🔄 बंधन तोड़ना नहीं , इसका रास्ता मोड़ना है। अब तक बहन से राखी बंधवाते थे, अब किसी संत से भी कंठी बंधवानी है।
↔अब तक संसार से बंधे थे,
🎎रिश्तों से बंधे थे,
💰धन से बंधे थे,
👤माया से बंधे थे।
🙌अब संसार के स्वामी से बंधना है।
भक्तों से बंधना है
भजन से बंधना है
माया से नहीं मायापति की कृपा शक्ति से बंधना है
❎बंधन तोड़ना नहीं, कहीं और, कहीं अच्छी जगह जोड़ना है। श्री गुरुदेव से कंठी रुपी पट्टा बंधवा लिया तो 'आवारा' से 'पालतू' हो जाओगे। दुनिया के साथ-साथ दुनिया के स्वामी से भी बंध जाओगे। फिर बंधन तोडना नहीं, उससे जोड़ने का काम करेगा।
💃🏻🏃🏻💃🏻🏃🏻💃🏻🏃🏻💃🏻🏃🏻
🌿राजा से आशा🌿
💂राजा से आशा छोड़िए अब वह समय नहीं रहा कि राजा या प्रशासक प्रजा के हित की बात सोचे। पहले भी नहीं था, लेकिन फिर भी कुछ राजा ऐसे अवश्य हुए हैं।
🚸लेकिन कलयुग में ऐसी कल्पना करना व्यर्थ है। आजकल राजा या प्रशासक का टारगेट सड़क बनवाने से मिलने वाली अपनी कमीशन पर रहता है ।
🚫आनुसंगिक रुप से सड़क बनने का लाभ प्रजा को मिल जाए तो ठीक, न मिले तो ठीक
❎इसलिए इनसे आशा छोड़िए वह स्वयं पर स्वयं का शासन रखिए। ज्यादा- ज्यादा छोटी- छोटी निजी संस्था का संगठन बनाइए और अपनी व्यवस्था दुरुस्त रखिए।
💃🏻🏃🏻💃🏻🏃🏻💃🏻🏃🏻💃🏻🏃🏻
🌿दैन्य 🌿
😞एक उच्च अधिकारी या क्रिमिनल या अपने से अति श्रेष्ठ के समक्ष हम दीन हो रहे हैं । विनम्रता से पेश आ रहे हैं। यह ठीक है।
😌कहीं ना कहीं ऐसी परिस्थिति है, मजबूरी है लेकिन अपने में श्रेष्ठा - उच्च -कुल, उच्च - विद्या, उच्च रुप, उच्चता का समावेश होते हुए भी अपने से नीचे के समक्ष भी विनम्र होना वास्तविक दैन्य या विनम्रता है।
🎅राजा राम अपरिमित श्री, बल, बुद्धि, ऐश्वर्य के होते हुए भी समुद्र से तीन दिन तक मार्ग देने हेतु प्रार्थना करते रहें, यह है दैन्य।
🙌महाप्रभु ने कहा है- 'अमानिना मानदेन 'अर्थात स्वयं अमानी होकर दूसरे को मान दो ।अर्थात जो मान योग्य नहीं भी है, उसे भी मान दो।
🎉 भक्ति का प्रथम लक्षण है दैन्य, जितना अधिक दैन्य: उतनी अधिक भक्ति
🙌🏻जय श्री राधे। जय निताई🙌🏻
📕स्रोत एवम् संकलन
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन द्वारा लिखित व्रज की खिचड़ी ग्रन्थ से
📝 प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू
[18:04, 1/14/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia: 👣
आज का चिन्तन
👣
🌸दुनिया में आदमी को और कोई इतना परेशान नहीं करता जितना उसकी स्वयं की कमजोरी, गलत आदतें, व्यसन, उसके स्वयं के दुर्गुण। संसार की सारी बाधाओं ने आदमी को उतना दुःखी नहीं किया होगा जितना कि स्वयं की कमजोरियों ने।
🌸कभी किसी दूसरे व्यक्ति ने आपको आपकी कमजोरियों की ओर ध्यान दिलाया भी होगा तो उसका आभार मानने की बजाय आप उस पर क्रुद्ध हुए होंगे और आज तक उसे अपना शत्रु भी बना रखा होगा।
🌸इस दुनिया का बहुत मुश्किल कार्य अगर कोई है तो वह है स्वयं की कमजोरियों को पहचान लेना। आत्म निरीक्षण बड़ा कठिन है। स्वयं को दोषों को दूर करने का काम कोई साहसी ही कर सकता है। जीवन को सफलता और आनंद की ओर ले जाना है तो अपनी कमजोरियों की लिस्ट बनायें और आज से ही उन्हें दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हो जाएँ। - संजीव कृष्ण ठाकुर जी, वृन्दावन।
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
[18:04, 1/14/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
पाप एवम् अपराध
मन
वाणी
शरीर
से शरीर को दृष्टि में रखकर निषिद्ध कार्य किये जाते हैं उन्हें पाप कहते हैं
स्मृति शास्त्र में कुछ प्रायश्चित हैं उनसे अपने मन की ग्लानि समाप्त होती है । फल तो भोगना ही पड़ेगा ।
सबसे श्रेष्ठ प्रायश्चित है उस पाप को दृढ़ता से दुबारा न करना
अपराध
चार हैं
सेवा अपराध
नाम अपराध
वैष्णव अपराध
भगवद् अपराध
विग्रह सेवा । नाम । वैष्णवसेवा और भगवद् चिंतन ।
ये चारों यद्यपि शरीर से किये जाते हैं क्योंकि 'शरीर माद्यम खलु धर्म साधनम' । फिर भी ये चारों शरीर के लिए नहीं 'जीव' या जीवात्मा के कल्याण हेतु किये जाते हैं ।
जिससे ये जीवात्मा बार बार जन्म न ले और प्रभु की चरण सेवा प्राप्त हो जाय ।
इस प्रकार इन चारों का सम्बन्ध जीवात्मा से है । इसलिए इनको
अपराध
कहते हैं । अपराध का कोई प्रायश्चित नही । अपराध क्षमा कराया जाता है । अथवा अपराध के कारण हमारी प्रगति बाधित होती है ।
अतः पाप और अपराध के अंतर को सदा समझे रहना है हमें ।
समस्त वैष्णवजन के श्रीचरणों में सादर प्रणाम । जय श्री राधे ।
जय निताई
[18:04, 1/14/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
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1⃣4⃣*1⃣*1⃣6⃣
गुरुवार पौष
शुक्लपक्ष पंचमी
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◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🌷गौरांग महाप्रभु 🌷★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
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❗श्रीवासांगन में ऐश्वर्य प्रकाश❗
🌿 श्रीवासांगन में एक वर्ष का अखण्ड संकीर्तन आयोजित किया गया l श्री गौरांग ने अपना अद्भुत ऐश्वर्य प्रकाशित किया l सात पहर तक प्रभु महाभाव में आविष्ट रहे l भक्तो ने आपका राज राजेश्वर रूप में अभिषेक किया l इस आवेश में प्रभु ने श्री धर पर अपूर्व कृपा प्रकाश की l
🌿 अनेक वर मांगने का आदेश देने पर भी श्री धर ने जन्म जन्म में भगवदभक्ति का वर प्रभु से माँगा l श्री मुरारिगुप्त श्री हरिदास ठाकुर श्री अद्वैताचार्य मुकुन्द आदि अनेक भक्तों को अपना स्वरूप दिखाया और उन पर अपूर्व कृपा की l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
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•🌷श्रीकृष्णायसमर्पणं🌷•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
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[18:04, 1/14/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
19 janvari को
बाबा श्रीकृपा सिंधु दास जी का तिरोभाव उत्सव है । आप यदि धाम में हों तो अवश्य भागवत निवास में सत्संग करें । प्रसाद पाएं 11 से 1 बजे ।
कृपा सिंधु दास जी के गुरुदेव ने भेजा की तुम जाओ और पंडित बाबाकी सेवा में रहो ।
पंडित बाबा सेवा लेते नही थे किसी की । वापिस कर दिया इन्हें । दो तीन बार ऐसा हुआ ।
अंत में आपने पंडित बाबा से कहा
आप मेरे गुरु नही हो जो में आपकी बात मानूँ । में यहीं रहकर आपकी सेवा करूँगा । आपकी बात नही मानुगा और वापिस नही जाऊँगा
और आपने ऐसी सेवा की कि उदाहरण बन गयी । बाबा के किस दांत में दर्द है ये बाबा को नहीं कृपा सिंधु दास बाबा को पता होता था ।
इन्ही का तिरोभाव उत्सव है 19 को । अवश्य दर्शन कीजिये ।
जय श्री राधे । जय निताई9
[18:04, 1/14/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
पतंग की गुडी उडावन लागे व्रजबाल॥
सुंदर पताका बांधे मनमोहन बाजत मोरन के ताल॥१॥
कोउ पकरत कोउ खेंचत कोउ चंचल नयन विशाल।
कोउ नाचत कोउ करत कुलाहल कोउ बजावत बहोत करताल॥२॥
कोउ गुडीगुडीसो उरझावत आवत खेंचत दोरिरसाल।
परमानंद स्वामी मनमोहन रीझ रहेत एकही ताल॥३॥
[18:04, 1/14/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
ॐ
संस्कृत के बारे में ये 20 तथ्य जान कर आपको भारतीय होने पर गर्व होगा
संस्कृत भाषा के बारे में रोचक तथ्य
किसी मंदिर या गुरुकुल के पास से गुजरते हुए आपने संस्कृत के श्लोक या मंत्र तो अवश्य ही सुने होंगे. इन मन्त्रों और श्लोकों से बचपन में ही हमारा रिश्ता टूट चुका है पर फिर भी आज ये श्लोक कभी-कभी सुनाई दे ही जाते हैं. संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है लेकिन वर्तमान में विलुप्त होने की कगार पर है..2001 में संस्कृत बोलने वाले लोगो की संख्या सिर्फ 14135 थी। दुनिया जहाँ संस्कृत की महिमा समझकर संस्कृत सीखना चाह रही है स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटीज के पाठ्यक्रम में संस्कृत को जोड़ा जा रहा है वही भारत इस दिशा में कोई खास कदम नही उठा रहा है। आज हम आपको संस्कृत के बारे में कुछ ऐसे तथ्य बता रहे हैं, जो किसी भी भारतीय का सर गर्व से ऊंचा कर देंगे.
1. संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी माना जाता है।
2. संस्कृत उत्तराखंड की आधिकारिक भाषा है।
3. अरब लोगो की दखलंदाजी से पहले संस्कृत भारत की राष्ट्रीय भाषा थी।
4. NASA के मुताबिक, संस्कृत धरती पर बोली जाने वाली सबसे स्पष्ट भाषा है।
5. संस्कृत में दुनिया की किसी भी भाषा से ज्यादा शब्द है वर्तमान में संस्कृत के शब्दकोष में 102 अरब 78 करोड़ 50 लाख शब्द है।
6. संस्कृत किसी भी विषय के लिए एक अद्भुत खजाना है। जैसे हाथी के लिए ही संस्कृत में 100 से ज्यादा शब्द है।
7. NASA के पास संस्कृत में ताड़पत्रो पर लिखी 60,000 पांडुलिपियां है जिन पर नासा रिसर्च कर रहा है।
8. फ़ोबर्स मैगज़ीन ने जुलाई,1987 में संस्कृत को Computer Software के लिए सबसे बेहतर भाषा माना था।
9. किसी और भाषा के मुकाबले संस्कृत में सबसे कम शब्दो में वाक्य पूरा हो जाता है।
10. संस्कृत दुनिया की अकेली ऐसी भाषा है जिसे बोलने में जीभ की सभी मांसपेशियो का इस्तेमाल होता है।
11. अमेरिकन हिंदु युनिवर्सिटी के अनुसार संस्कृत में बात करने वाला मनुष्य बीपी, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल आदि रोग से मुक्त हो जाएगा. संस्कृत में बात करने से मानव शरीर का तंत्रिका तंत्र सक्रिय रहता है जिससे कि व्यक्ति का शरीर सकारात्मक आवेश(Positive Charges) के साथ सक्रिय हो जाता है।
12. संस्कृत स्पीच थेरेपी में भी मददगार है यह एकाग्रता को बढ़ाती है।
13. कर्नाटक के मुत्तुर गांव के लोग केवल संस्कृत में ही बात करते है।
14. सुधर्मा संस्कृत का पहला अखबार था, जो 1970 में शुरू हुआ था। आज भी इसका ऑनलाइन संस्करण उपलब्ध है।
15. जर्मनी में बड़ी संख्या में संस्कृतभाषियो की मांग है। जर्मनी की 14 यूनिवर्सिटीज़ में संस्कृत पढ़ाई जाती है।
16. नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार जब वो अंतरिक्ष ट्रैवलर्स को मैसेज भेजते थे तो उनके वाक्य उलट हो जाते थे. इस वजह से मैसेज का अर्थ ही बदल जाता था. उन्होंले कई भाषाओं का प्रयोग किया लेकिन हर बार यही समस्या आई. आखिर में उन्होंने संस्कृत में मैसेज भेजा क्योंकि संस्कृत के वाक्य उल्टे हो जाने पर भी अपना अर्थ नही बदलते हैं।
17. आपको जानकर हैरानी होगी कि Computer द्वारा गणित के सवालो को हल करने वाली विधि यानि Algorithms संस्कृत में बने है ना कि अंग्रेजी में।
18. नासा के वैज्ञानिको द्वारा बनाए जा रहे 6th और 7th जेनरेशन Super Computers संस्कृत भाषा पर आधारित होंगे जो 2034 तक बनकर तैयार हो जाएंगे।
19. संस्कृत सीखने से दिमाग तेज हो जाता है और याद करने की शक्ति बढ़ जाती है। इसलिए London और Ireland के कई स्कूलो में संस्कृत को Compulsory Subject बना दिया है।
20. इस समय दुनिया के 17 से ज्यादा देशो की कम से कम एक University में तकनीकी शिक्षा के कोर्सेस में संस्कृत पढ़ाई जाती है।
🌻🌻🌴💐💐💐🌺🌺🌸🌿🌸🌴🍀🍀🌹🍀🍀🍁🍁🍀🍀🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏
[18:04, 1/14/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संस्कृत की एक और खासियत है इसमें क्रम दोष नही होता । जेसे
आप कल हमारे घर आइये
को कैसे भी लिख सकते हैं जेस
कल आइये घर आप हमारे या
घर आप कल हमारे आइय
आदि । ये देव भाषा है । समस्त देव गण इसी भाषा में बात करते हैं
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[19:49, 1/13/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
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🌿 गोपाल चापाल को घर से निकाल दिया l वह गंगा के किनारे पड़ा पड़ा भूखा प्यासा चिल्लाया करता l एक दिन चैतन्य महाप्रभु गंगा स्नान कर उधर से निकले l गोपाल चापाल ने क्षमा माँगी परंतु चैतन्य महाप्रभु भक्त अपराध का परिणाम जगत को दिखाना चाहते थे l इतना कहकर चले गये कि तुम मेरे परम भक्त श्री वास के अपराधी हो तुम्हारा उद्धार होना सम्भव नहीं है l
🌿 किंतु करुणावतार की करुणा तो प्रभु के आगे आगे ही चलती है प्रभु को अपने अधीन रखती है l प्रभु जब सन्यास ग्रहण कर नीलाचल से एक बार नवद्वीप कुलिया ग्राम में पधारे तो उस समय गोपाल चापाल प्रभु की शरण में आया l आपने उसे श्री वास की शरण में भेजा l उनकी कृपा से
उसके पाप नष्ट हुए और उसका कुष्ठ रोग बिल्कुल जाता रहा l
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Life style
घर में किसी कमरे की लाइट जली रह जाय । नल खुला रह जाय तो हम प्राय घर के बुजुर्ग को ब्लेम करते हैं ।
यदि हम ब्लेम करते हैं तो न करें । ये सहज है । उन्हें अपमानित न करें ।
और यदि हम बुजुर्ग हैं तो चिढ़ चिढ़ न करें । सहज में स्वीकार के लें कि । हाँ बेटा अब में भूल जता हु । कोशिश करूँगा फिर से न हो
इससे अनावश्यक वाद विवाद से बचेंगे और आनंद का माहौल बना रहेगा ।
लोहड़ी की यही शुभकामना है
समस्त वैष्णवजन के श्रीचरणों में मेरा सादर प्रणाम । जय श्रीराधे
जय निताई
[19:49, 1/13/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
आध्यात्मिक चुटकला
यजमान । जेसी कथा शुकदेव जी ने परीक्षित को सुनाई । वेसी कथा सूना दीजिये
पंडित । क्यों ऐसा क्या हुआ यजमान । कथा समाप्ति पर परीक्षित जी परलोक चले गए थे । क्या तुम भी ।
😳 यजमान भागा
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[18:04, 1/14/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
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📚🍵ब्रज की खिचड़ी 🍵📚
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🌿 बंधन तोड़ना नहीं है 🌿
🔄 बंधन तोड़ना नहीं , इसका रास्ता मोड़ना है। अब तक बहन से राखी बंधवाते थे, अब किसी संत से भी कंठी बंधवानी है।
↔अब तक संसार से बंधे थे,
🎎रिश्तों से बंधे थे,
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माया से नहीं मायापति की कृपा शक्ति से बंधना है
❎बंधन तोड़ना नहीं, कहीं और, कहीं अच्छी जगह जोड़ना है। श्री गुरुदेव से कंठी रुपी पट्टा बंधवा लिया तो 'आवारा' से 'पालतू' हो जाओगे। दुनिया के साथ-साथ दुनिया के स्वामी से भी बंध जाओगे। फिर बंधन तोडना नहीं, उससे जोड़ने का काम करेगा।
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🌿राजा से आशा🌿
💂राजा से आशा छोड़िए अब वह समय नहीं रहा कि राजा या प्रशासक प्रजा के हित की बात सोचे। पहले भी नहीं था, लेकिन फिर भी कुछ राजा ऐसे अवश्य हुए हैं।
🚸लेकिन कलयुग में ऐसी कल्पना करना व्यर्थ है। आजकल राजा या प्रशासक का टारगेट सड़क बनवाने से मिलने वाली अपनी कमीशन पर रहता है ।
🚫आनुसंगिक रुप से सड़क बनने का लाभ प्रजा को मिल जाए तो ठीक, न मिले तो ठीक
❎इसलिए इनसे आशा छोड़िए वह स्वयं पर स्वयं का शासन रखिए। ज्यादा- ज्यादा छोटी- छोटी निजी संस्था का संगठन बनाइए और अपनी व्यवस्था दुरुस्त रखिए।
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🌿दैन्य 🌿
😞एक उच्च अधिकारी या क्रिमिनल या अपने से अति श्रेष्ठ के समक्ष हम दीन हो रहे हैं । विनम्रता से पेश आ रहे हैं। यह ठीक है।
😌कहीं ना कहीं ऐसी परिस्थिति है, मजबूरी है लेकिन अपने में श्रेष्ठा - उच्च -कुल, उच्च - विद्या, उच्च रुप, उच्चता का समावेश होते हुए भी अपने से नीचे के समक्ष भी विनम्र होना वास्तविक दैन्य या विनम्रता है।
🎅राजा राम अपरिमित श्री, बल, बुद्धि, ऐश्वर्य के होते हुए भी समुद्र से तीन दिन तक मार्ग देने हेतु प्रार्थना करते रहें, यह है दैन्य।
🙌महाप्रभु ने कहा है- 'अमानिना मानदेन 'अर्थात स्वयं अमानी होकर दूसरे को मान दो ।अर्थात जो मान योग्य नहीं भी है, उसे भी मान दो।
🎉 भक्ति का प्रथम लक्षण है दैन्य, जितना अधिक दैन्य: उतनी अधिक भक्ति
🙌🏻जय श्री राधे। जय निताई🙌🏻
📕स्रोत एवम् संकलन
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन द्वारा लिखित व्रज की खिचड़ी ग्रन्थ से
📝 प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू
[18:04, 1/14/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia: 👣
आज का चिन्तन
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🌸दुनिया में आदमी को और कोई इतना परेशान नहीं करता जितना उसकी स्वयं की कमजोरी, गलत आदतें, व्यसन, उसके स्वयं के दुर्गुण। संसार की सारी बाधाओं ने आदमी को उतना दुःखी नहीं किया होगा जितना कि स्वयं की कमजोरियों ने।
🌸कभी किसी दूसरे व्यक्ति ने आपको आपकी कमजोरियों की ओर ध्यान दिलाया भी होगा तो उसका आभार मानने की बजाय आप उस पर क्रुद्ध हुए होंगे और आज तक उसे अपना शत्रु भी बना रखा होगा।
🌸इस दुनिया का बहुत मुश्किल कार्य अगर कोई है तो वह है स्वयं की कमजोरियों को पहचान लेना। आत्म निरीक्षण बड़ा कठिन है। स्वयं को दोषों को दूर करने का काम कोई साहसी ही कर सकता है। जीवन को सफलता और आनंद की ओर ले जाना है तो अपनी कमजोरियों की लिस्ट बनायें और आज से ही उन्हें दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हो जाएँ। - संजीव कृष्ण ठाकुर जी, वृन्दावन।
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[18:04, 1/14/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
पाप एवम् अपराध
मन
वाणी
शरीर
से शरीर को दृष्टि में रखकर निषिद्ध कार्य किये जाते हैं उन्हें पाप कहते हैं
स्मृति शास्त्र में कुछ प्रायश्चित हैं उनसे अपने मन की ग्लानि समाप्त होती है । फल तो भोगना ही पड़ेगा ।
सबसे श्रेष्ठ प्रायश्चित है उस पाप को दृढ़ता से दुबारा न करना
अपराध
चार हैं
सेवा अपराध
नाम अपराध
वैष्णव अपराध
भगवद् अपराध
विग्रह सेवा । नाम । वैष्णवसेवा और भगवद् चिंतन ।
ये चारों यद्यपि शरीर से किये जाते हैं क्योंकि 'शरीर माद्यम खलु धर्म साधनम' । फिर भी ये चारों शरीर के लिए नहीं 'जीव' या जीवात्मा के कल्याण हेतु किये जाते हैं ।
जिससे ये जीवात्मा बार बार जन्म न ले और प्रभु की चरण सेवा प्राप्त हो जाय ।
इस प्रकार इन चारों का सम्बन्ध जीवात्मा से है । इसलिए इनको
अपराध
कहते हैं । अपराध का कोई प्रायश्चित नही । अपराध क्षमा कराया जाता है । अथवा अपराध के कारण हमारी प्रगति बाधित होती है ।
अतः पाप और अपराध के अंतर को सदा समझे रहना है हमें ।
समस्त वैष्णवजन के श्रीचरणों में सादर प्रणाम । जय श्री राधे ।
जय निताई
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◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
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❗श्रीवासांगन में ऐश्वर्य प्रकाश❗
🌿 श्रीवासांगन में एक वर्ष का अखण्ड संकीर्तन आयोजित किया गया l श्री गौरांग ने अपना अद्भुत ऐश्वर्य प्रकाशित किया l सात पहर तक प्रभु महाभाव में आविष्ट रहे l भक्तो ने आपका राज राजेश्वर रूप में अभिषेक किया l इस आवेश में प्रभु ने श्री धर पर अपूर्व कृपा प्रकाश की l
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[18:04, 1/14/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
19 janvari को
बाबा श्रीकृपा सिंधु दास जी का तिरोभाव उत्सव है । आप यदि धाम में हों तो अवश्य भागवत निवास में सत्संग करें । प्रसाद पाएं 11 से 1 बजे ।
कृपा सिंधु दास जी के गुरुदेव ने भेजा की तुम जाओ और पंडित बाबाकी सेवा में रहो ।
पंडित बाबा सेवा लेते नही थे किसी की । वापिस कर दिया इन्हें । दो तीन बार ऐसा हुआ ।
अंत में आपने पंडित बाबा से कहा
आप मेरे गुरु नही हो जो में आपकी बात मानूँ । में यहीं रहकर आपकी सेवा करूँगा । आपकी बात नही मानुगा और वापिस नही जाऊँगा
और आपने ऐसी सेवा की कि उदाहरण बन गयी । बाबा के किस दांत में दर्द है ये बाबा को नहीं कृपा सिंधु दास बाबा को पता होता था ।
इन्ही का तिरोभाव उत्सव है 19 को । अवश्य दर्शन कीजिये ।
जय श्री राधे । जय निताई9
[18:04, 1/14/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
पतंग की गुडी उडावन लागे व्रजबाल॥
सुंदर पताका बांधे मनमोहन बाजत मोरन के ताल॥१॥
कोउ पकरत कोउ खेंचत कोउ चंचल नयन विशाल।
कोउ नाचत कोउ करत कुलाहल कोउ बजावत बहोत करताल॥२॥
कोउ गुडीगुडीसो उरझावत आवत खेंचत दोरिरसाल।
परमानंद स्वामी मनमोहन रीझ रहेत एकही ताल॥३॥
[18:04, 1/14/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
ॐ
संस्कृत के बारे में ये 20 तथ्य जान कर आपको भारतीय होने पर गर्व होगा
संस्कृत भाषा के बारे में रोचक तथ्य
किसी मंदिर या गुरुकुल के पास से गुजरते हुए आपने संस्कृत के श्लोक या मंत्र तो अवश्य ही सुने होंगे. इन मन्त्रों और श्लोकों से बचपन में ही हमारा रिश्ता टूट चुका है पर फिर भी आज ये श्लोक कभी-कभी सुनाई दे ही जाते हैं. संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है लेकिन वर्तमान में विलुप्त होने की कगार पर है..2001 में संस्कृत बोलने वाले लोगो की संख्या सिर्फ 14135 थी। दुनिया जहाँ संस्कृत की महिमा समझकर संस्कृत सीखना चाह रही है स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटीज के पाठ्यक्रम में संस्कृत को जोड़ा जा रहा है वही भारत इस दिशा में कोई खास कदम नही उठा रहा है। आज हम आपको संस्कृत के बारे में कुछ ऐसे तथ्य बता रहे हैं, जो किसी भी भारतीय का सर गर्व से ऊंचा कर देंगे.
1. संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी माना जाता है।
2. संस्कृत उत्तराखंड की आधिकारिक भाषा है।
3. अरब लोगो की दखलंदाजी से पहले संस्कृत भारत की राष्ट्रीय भाषा थी।
4. NASA के मुताबिक, संस्कृत धरती पर बोली जाने वाली सबसे स्पष्ट भाषा है।
5. संस्कृत में दुनिया की किसी भी भाषा से ज्यादा शब्द है वर्तमान में संस्कृत के शब्दकोष में 102 अरब 78 करोड़ 50 लाख शब्द है।
6. संस्कृत किसी भी विषय के लिए एक अद्भुत खजाना है। जैसे हाथी के लिए ही संस्कृत में 100 से ज्यादा शब्द है।
7. NASA के पास संस्कृत में ताड़पत्रो पर लिखी 60,000 पांडुलिपियां है जिन पर नासा रिसर्च कर रहा है।
8. फ़ोबर्स मैगज़ीन ने जुलाई,1987 में संस्कृत को Computer Software के लिए सबसे बेहतर भाषा माना था।
9. किसी और भाषा के मुकाबले संस्कृत में सबसे कम शब्दो में वाक्य पूरा हो जाता है।
10. संस्कृत दुनिया की अकेली ऐसी भाषा है जिसे बोलने में जीभ की सभी मांसपेशियो का इस्तेमाल होता है।
11. अमेरिकन हिंदु युनिवर्सिटी के अनुसार संस्कृत में बात करने वाला मनुष्य बीपी, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल आदि रोग से मुक्त हो जाएगा. संस्कृत में बात करने से मानव शरीर का तंत्रिका तंत्र सक्रिय रहता है जिससे कि व्यक्ति का शरीर सकारात्मक आवेश(Positive Charges) के साथ सक्रिय हो जाता है।
12. संस्कृत स्पीच थेरेपी में भी मददगार है यह एकाग्रता को बढ़ाती है।
13. कर्नाटक के मुत्तुर गांव के लोग केवल संस्कृत में ही बात करते है।
14. सुधर्मा संस्कृत का पहला अखबार था, जो 1970 में शुरू हुआ था। आज भी इसका ऑनलाइन संस्करण उपलब्ध है।
15. जर्मनी में बड़ी संख्या में संस्कृतभाषियो की मांग है। जर्मनी की 14 यूनिवर्सिटीज़ में संस्कृत पढ़ाई जाती है।
16. नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार जब वो अंतरिक्ष ट्रैवलर्स को मैसेज भेजते थे तो उनके वाक्य उलट हो जाते थे. इस वजह से मैसेज का अर्थ ही बदल जाता था. उन्होंले कई भाषाओं का प्रयोग किया लेकिन हर बार यही समस्या आई. आखिर में उन्होंने संस्कृत में मैसेज भेजा क्योंकि संस्कृत के वाक्य उल्टे हो जाने पर भी अपना अर्थ नही बदलते हैं।
17. आपको जानकर हैरानी होगी कि Computer द्वारा गणित के सवालो को हल करने वाली विधि यानि Algorithms संस्कृत में बने है ना कि अंग्रेजी में।
18. नासा के वैज्ञानिको द्वारा बनाए जा रहे 6th और 7th जेनरेशन Super Computers संस्कृत भाषा पर आधारित होंगे जो 2034 तक बनकर तैयार हो जाएंगे।
19. संस्कृत सीखने से दिमाग तेज हो जाता है और याद करने की शक्ति बढ़ जाती है। इसलिए London और Ireland के कई स्कूलो में संस्कृत को Compulsory Subject बना दिया है।
20. इस समय दुनिया के 17 से ज्यादा देशो की कम से कम एक University में तकनीकी शिक्षा के कोर्सेस में संस्कृत पढ़ाई जाती है।
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[18:04, 1/14/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
संस्कृत की एक और खासियत है इसमें क्रम दोष नही होता । जेसे
आप कल हमारे घर आइये
को कैसे भी लिख सकते हैं जेस
कल आइये घर आप हमारे या
घर आप कल हमारे आइय
आदि । ये देव भाषा है । समस्त देव गण इसी भाषा में बात करते हैं
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