[07:24, 1/2/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
भजन
समस्या समाप्ति के लिए यदि
करेंगे तो एक समस्या शायद समाप्त हो जाय । अगली फिर खड़ी हो जायेगी
अपना मकान ले लेने पर किराये के मकान की समस्या तो समाप्त हो जायेगी । अपने मकान में होने वाली समस्या शुरू हो जायेगी
अतः समस्या समाप्ति के लिए भजन करना कोई बुद्धिमानी नहीं
कामना का भी यही हाल है । एक के बाद एक मुह उठाये आ जाती हैं । अंत नही ह इनका
अतः सार का सार है कि भजन केवल और केवल श्री कृष्ण सुख के लिए करना चाहिए ।
और 16 अक्षर हरेकृष्ण महामन्त्र से कृष्ण जितने शीघ्र प्रसन्न होते हैं कलियुग में । अन्य किसी साधन से नहीं ।
अतः हमे लग जाना हैं । लगे हैं तो भजन कृष्ण प्रीति के उद्देश्य से ही करना है ।
समस्त वैष्णवजन को मेरा सादर प्रणाम जय श्री राधे जय निताई
[10:17, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
पुराण
कुछ लोग सबसे अधिक
एक पुराण को मानते हैं ।
श्रीमद्भागवत ?
नहीं नहीं । ये तो वेद व्यास जी द्वारा प्रचारित है
में जिसकी बात कर रहा हूँ वो
पुराण धूपमें बैठ कर
स्वेटर बुनते हुए या कुछ खाते खाते कुछ बुजुर्ग माताओं द्वारा
रोज़ लिखा जता है ।
इसमें रोज़ नए नए अध्याय भी जोड़े जाते हैं । इसका नाम है
बुढ़िया पुराण
इससे सावधान । और हम आप जब बुजुर्ग हो जाएँ तो हम इस
प्रक्रिया से बचें
समस्त वैष्णवजन के श्रीचरणों में मेरा सादर प्रणाम ।
जय श्रीराधे ।जय निताई
[15:33, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
गलती किसकी
एक व्यक्ति है । उसका कुछ ऐसा स्वाभाव ह की कुछ भी हो उसे उसमे अड़चन निकालनी
पहले तो उसे खुद को यह भान नही था । लोगों के कहने पर उसे पता भी चल गया कि मेरा ये कैसा स्वाभाव ह
उसने बहुत प्रयास किया बदलने का । नही बदला । उसने अब अपना नाम बदल लिया
स्वामी अड़चनानंद
और ये प्रचारित करा दिया कि में मज़बूर हूँ । अड़चन निकालना मेरे स्वभाव में है ।
इतने पर भी हम यदि उससे अड़चन न निकालने की या हमारी बात को सीधा सीधा मानने की उम्मीद करें तो गलती किसकी है ।
निश्चित है की हमारी ।
इसी प्रकार अपने आस पास के लोगों । पारिवारिक जनो को पहचानिये और उनसे वैसी ही आशा कीजिये ।
यदि जानते हुए भी एक दुष्ट से सज्जनता की आशा यदि हम करते हैं तो
गलती किसकी
जयश्रीराधे । जय निताई
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
गलती किसकी
एक व्यक्ति है । उसका कुछ ऐसा स्वाभाव ह की कुछ भी हो उसे उसमे अड़चन निकालनी
पहले तो उसे खुद को यह भान नही था । लोगों के कहने पर उसे पता भी चल गया कि मेरा ये कैसा स्वाभाव ह
उसने बहुत प्रयास किया बदलने का । नही बदला । उसने अब अपना नाम बदल लिया
स्वामी अड़चनानंद
और ये प्रचारित करा दिया कि में मज़बूर हूँ । अड़चन निकालना मेरे स्वभाव में है ।
इतने पर भी हम यदि उससे अड़चन न निकालने की या हमारी बात को सीधा सीधा मानने की उम्मीद करें तो गलती किसकी है ।
निश्चित है की हमारी ।
इसी प्रकार अपने आस पास के लोगों । पारिवारिक जनो को पहचानिये और उनसे वैसी ही आशा कीजिये ।
यदि जानते हुए भी एक दुष्ट से सज्जनता की आशा यदि हम करते हैं तो
गलती किसकी
जयश्रीराधे । जय निताई
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
•¡✽🌿*🌹🐚🌹*🌿✽¡•
3⃣1⃣*1⃣2⃣*1⃣5⃣
गुरुवार पौष
कृष्णपक्ष षष्ठी
•🌸•
◆~🐚~◆
◆!🌿जयनिताई🌿!◆
•🐚 गौरांग महाप्रभु 🐚•
◆!🌿 श्री चैतन्य 🌿!◆
◆~🐚~◆
•🌸•
❗गया से प्रत्यावर्तन❗
🌿 अब सबने उन्हें एक प्रेमी भक्त के रूप में देखा l निरंतर कृष्ण कृष्ण पुकारते थे l नेत्रों से प्रेमजल धारा बहती थी l गौरांग को इस अवस्था को देख नवद्वीप वासियों की आनंद की सीमा न रही l सब कहने लगे निमाई परम् वैष्णव हो गए है l अब श्री गौरांग संकीर्तन कथा में भी जाने लगेI सदाशिव, मुरारि ,गदाधर आदि समस्त वैष्णव कथा नामरस का आस्वादन करने लगे l हरि हरि बोल कर सब नाच उठे l
🌿 श्री गौरांग गंगा स्नान कर घर आते और कृष्ण मन्दिर में चले जाते lपूजा जाप कथा को छोड़कर किसी ओर ध्यान ही न देते l इनकी प्रेमवस्था देखकर माता शची अति आनंदित होती किन्तु मन ही मन चिंता करती रहती l क्योकि न तो इन्हें भोजन की सुध थी न सोने की, न घर की परवाह l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🐚•(*﹏¥
•🌿✽🌿•
•🌹सुप्रभात🌹•
•🐚श्रीकृष्णायसमर्पणं🐚•
•🌹जैश्रीराधेश्याम🌹•
•🌿✽🌿•
¥﹏*)•🐚•(*﹏¥
•¡✽🌿*🌹🐚🌹*🌿✽¡•
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia: •
¡✽🌿*🌹🐚🌹*🌿✽¡•
1⃣*1⃣*1⃣6⃣
शुक्रवार पौष
कृष्णपक्ष सप्तमी
🎈नववर्ष की हार्दिकक बधाई🎈
•🌹•
◆~🐚~◆
◆!🌿जयनिताई🌿!◆
•🐚 गौरांग महाप्रभु 🐚•
◆!🌿 श्री चैतन्य 🌿!◆
◆~🐚~◆
•🌹•
❗अध्यापन अवसान❗
🌿 श्री गौरांग के लौट आने पर छात्र भी अध्ययन के लिये आपके पास आने लगे किन्तु आप उन्हें भी श्री कृष्ण नाम की महिमा पढ़ने सुनाने लगे l श्री कृष्ण के बिना जीवन निष्फल है इत्यादि कहते कहते आप मूर्छित हो जाते l आप केवल कृष्ण भक्ति की व्याख्या करते l
🌿 अन्त में एक दिन सबको यही आशीर्वाद देकर विदा किया कि आपको परा विद्या का ज्ञान है lतुम सब कृष्ण भक्त होओ l छात्रों ने भी प्रार्थना की कि गुरुवर आपके श्री मुख से जो व्याख्या हमने सुनी है जन्म जन्म हमारे हृदय में स्मरण रहेगी l हम आपके साथ ही रहेंगे l इस प्रकार तब प्रभु ने पढ़ना पढ़ाना सब बन्द कर दिया l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🐚•(*﹏¥
•🌿✽🌿•
•🌹सुप्रभात🌹•
•🐚श्रीकृष्णायसमर्पणं🐚•
•🌹जैश्रीराधेश्याम🌹•
•🌿✽🌿•
¥﹏*)•🐚•(*﹏¥
•¡✽🌿*🌹🐚🌹*🌿✽¡•
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
🎊🎉🎊🎈🎉🎊🎉
जय जय श्री राधे 🙌🏻
जय जय श्री राधे 🙌🏻
जय जय श्री राधे 🙌🏻
निताई गोर हरि बोल 🙌🏻
🎊आज का 2016 का यह नववर्ष आप हम सब वैष्णवों में 16 वर्ष की आयु जैसा की आयु जैसा उत्साह उमंग उल्लास भरे दे
🎉और हम लोग
16 अक्षर के महामंत्र की 16 मालाओं के आनंद और आशीष और प्रेम से भर जाए जिससे प्रभु इतने आनंदित हो ,
इतने आनंदित हो ,
इतने आनंदित हो,
🎊कि हमारे जीवन में आनंद ही आनंद हो जाए हमारी सभी के लिए आनंदमई दृष्टि हो जाए और चारों और यह वर्ष आनंद से भरा हो मेरी प्रभु के चरणों में यही प्रार्थना है
जय जय श्री राधे 🙌🏻
🎊🎉🎊🎈🎉🎊🎉
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
💐💐ब्रज की उपासना💐💐
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
🌷 निताई गौर हरिबोल🌷
क्रम संख्या 21
👏पूज्य बाबा श्रीगौरांगदास जी महाराज द्वारा व्रजविभूति श्रीश्यामदासजी को सुनाई महामन्त्र व्याख्या
🙏हरे कृष्ण हरे कृष्ण
कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम
राम राम हरे हरे।।
🌷हरे राम-
श्री राधाजी कहती हैं आप राधा नहीं हो आप 'हरे-राम' हो-राधा-रमण हो। श्रीराधा को हास-परिहास एवं दर्शन आदि से रमित- आनंदित करने वाले हो-
(रमयति तां नर्मनिरीक्षणादिनेति राम:,तस्य सम्बोधने हे राम।")
🌷हरे राम-
श्रीकृष्ण दुहराते हुए कहते हैं 'हरे राम'- मैं राधारमन हूँ? राधे! मैं कुछ निश्चय नहीं कर पा रहा हूँ, मैं कौन हूँ?
🌷राम-राम-
श्री राधाजी विश्वास दिलाते हुए दो बार कहती हैं- हाँ प्रीतम! आप राम हो, राम हो- राधारमन हो, राधारमन हो।
🌷 हरे-हरे-
किंतु श्रीकृष्ण तो श्रीराधामाधव-घुति से ऐसे सुवलित हैं, कवलित हैं,आश्रयजातिय रसास्वादन में इतने विभोर तथा तन्मय हैं कि वे अपने- आपको कृष्ण रुप में पहचान नहीं पाते।अत: फिर कहते हैं -हरे! राधे! मैं हरा हूँ- राधा हूँ कृष्ण नहीं हूँ।
क्रमशः.........
💐जय श्री राधे
💐जय निताई
📕स्रोत एवम संकलन
दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन द्वारा लिखित व्रज की उपासना ग्रन्थ से
✏प्रस्तुति ।
मोहन किंकरी 🐠 मीनाक्षी 🐠
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
•¡✽🌿🌺*🙌🏻*🌺🌿✽¡•
2⃣*1⃣*1⃣6⃣
शनिवार पौष
कृष्णपक्ष अष्टमी
•🌺•
◆~🙌🏻~◆
◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🌺गौरांग महाप्रभु 🌺★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
◆~🙌🏻~◆
•🌺•
❗संकीर्तन आरम्भ❗
🌿 अब तो श्री गौरांग ने सब शिष्यों के साथ
हरि हरये नमः कृष्ण यादवाय नमःl
गोपाल गोविन्द राम श्री मधुसूदन ll
इस ध्वनि का उच्च ध्वनि से संकीर्तन करना आरम्भ कर दिया l श्री गौरांग दोनों भुजा उठा लेते और प्रेमाविष्ट होकर नृत्य गान करने लगते l हुँकार करते बार बार पछाड़े खाते l
🌿 नादियावासी चकित हो उठे यह निमाई पंडित इतना उद्धत था अब इतना कृष्णप्रेम विकार इसमें कैसे ❓समस्त वैष्णवों की जिह्वा पर हर क्षण श्री गौरांग की कथा चर्चा विलास करने लगी l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🌺•(*﹏¥
•🙌🏻★🙌🏻•
•🌿सुप्रभात🌿•
•🌺श्रीकृष्णायसमर्पणं🌺•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
•🙌🏻★🙌🏻•
¥﹏*)•🌺•(*﹏¥
•¡✽🌿🌺*🙌🏻*🌺🌿✽¡•
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
भजन
समस्या समाप्ति के लिए यदि
करेंगे तो एक समस्या शायद समाप्त हो जाय । अगली फिर खड़ी हो जायेगी
अपना मकान ले लेने पर किराये के मकान की समस्या तो समाप्त हो जायेगी । अपने मकान में होने वाली समस्या शुरू हो जायेगी
अतः समस्या समाप्ति के लिए भजन करना कोई बुद्धिमानी नहीं
कामना का भी यही हाल है । एक के बाद एक मुह उठाये आ जाती हैं । अंत नही ह इनका
अतः सार का सार है कि भजन केवल और केवल श्री कृष्ण सुख के लिए करना चाहिए ।
और 16 अक्षर हरेकृष्ण महामन्त्र से कृष्ण जितने शीघ्र प्रसन्न होते हैं कलियुग में । अन्य किसी साधन से नहीं ।
अतः हमे लग जाना हैं । लगे हैं तो भजन कृष्ण प्रीति के उद्देश्य से ही करना है ।
समस्त वैष्णवजन को मेरा सादर प्रणाम जय श्री राधे जय निताई
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
💐💐ब्रज की उपासना💐💐
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
🌷 निताई गौर हरिबोल🌷
क्रम संख्या 22
✨भगवान् श्रीकृष्ण की आयु✨
👳🏻आचार्य श्री कुमुदेश भट्ट
🎆गोकुल🎆
🌷आयु लीला🌷
👉6 दिन - पूतना वध
👉3माह - शकट भंजन
👉सोवें दिन - नामकरण
संस्कार
👉1वर्ष - तृणावर्त वध
👉3वर्ष 2माह - यमलार्जुन उद्वार-दामोदर लीला
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
🌹 वृन्दावन🌹
👉3वर्ष 3माह- श्री वृन्दावन आगमन
👉3वर्ष 4माह- वत्सचारण वत्सासुर वध
👉4वर्ष 4माह- अघासुर वध,ब्रहममोहन लीला
👉5वर्ष 2माह- गोचारण
👉6वर्ष 9माह- कालियदमन, गोपियों से प्रथम मिलन
👉7वर्ष 2माह- गोवर्धन लीला
👉8वर्ष- वरुण लोक से नन्द को लाये
👉8वर्ष 1माह- रासलीला
👉9वर्ष- अम्बिकावन गमन(,नन्द अजगर ग्रास) शंखचूड़ वध,होरी लीला
👉10-11वर्ष- दानलीलादि विविध राग-अनुराग लीलायें केशिदैत्यवध,अक्रूर आगमन
क्रमशः.........
💐जय श्री राधे
💐जय निताई
📕स्रोत एवम संकलन
दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन द्वारा लिखित व्रज की उपासना ग्रन्थ से
✏प्रस्तुति ।
मोहन किंकरी 🐠 मीनाक्षी 🐠
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
आज प्रस्थान
बहुत ही सुन्दर । जीवन की सफलता के प्रतीक ये 6 दिन यहाँ अविस्मरणीय हैं
सुबह से रात तक बस भजन । भजन । भजन । कुछ और नहीं ।ये समय ऐसा भागता गया कि ऐसा लगता ह कि अभी 1 दिन ही हुआ
बिनु सत्संग विवेक न पावा
विवेक वही उचित विवेक है जिसके कारण हम अपने जीवन में भजन को प्राथमिकता देने लग जाय
न दिन 24 से अधिक घण्टे का होगा । न महीना 35 दिन का । सब कुछ साथ साथ करते हुए भजन को सर्वोपरि रखना ही सत् विवेक है
और ये सत्संग से प्राप्त होगा ।और सत्संग के अवसर सहज उपलब्ध हैं । अविवेक के कारण हम टालते रहते हैं और बात ऊँची ऊँची
समस्त वैष्णवजन को मेरा प्रणाम जय श्री राधे जय निताई
आज नैमिषारण्य धाम को शत शत नमन वंदन प्रणाम ।
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
•¡✽🌿🌺*🙌🏻*🌺🌿✽¡•
3⃣*1⃣*1⃣6⃣
रविवार पौष
कृष्णपक्ष नवमी
•🌺•
◆~🙌🏻~◆
◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🌺गौरांग महाप्रभु 🌺★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
◆~🙌🏻~◆
•🌺•
❗श्री अद्वैत को स्वप्न दर्शन❗
🌿 श्री निमाई की प्रेम दशा सुन श्री अद्वैत बोले मैंने आज रात्रि में स्वप्न देखा है मुझसे गीता के एक श्लोक का अर्थ नहीं लग रहा था l मैं अन्न जल छोड़कर दुखी हो रहा था l तो एक दिव्याकृति ने आकर कहा उठो आचर्य तुम भोजन करो l इस श्लोक का यह अर्थ है lअब आपके दुःख की कोई बात नहीं है l
🌿 तुमने जिस संकल्प को लेकर अनेक उपवास किये है जितना कृषणाराधन किया है वह अब पूरा होने जा रहा है lसमस्त लोगो को कृष्ण नाम दान देकर सार्वजनीन भजन का मैं प्रचार करूँगा l जैसे ही मेरी आँख खुली वह व्यक्ति अंतर्धान हो गया l सबने जय जय कार करते हुए हरि बोल हरि बोल की आनंद ध्वनि की l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🌺•(*﹏¥
•🙌🏻★🙌🏻•
•🌿सुप्रभात🌿•
•🌺श्रीकृष्णायसमर्पणं🌺•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
•🙌🏻★🙌🏻•
¥﹏*)•🌺•(*﹏¥
•¡✽🌿🌺*🙌🏻*🌺🌿✽¡•
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
💐💐ब्रज की उपासना💐💐
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
🌷 निताई गौर हरिबोल🌷
क्रम संख्या 23
✨भगवान् श्रीकृष्ण की आयु✨
👳🏻आचार्य श्री कुमुदेश भट्ट
🎆मथुरा🎆
🌷आयु लीला🌷
👉11वर्ष 1माह- मथुरा गमन,कंसवध
👉11वर्ष 5माह- यज्ञोपवीत
👉11वर्ष 7माह- गुरुकुल गमन(64 दिन रहे)
👉14वर्ष 2माह- कुब्जा पर कृपा
👉15वर्ष से 32वर्ष- जरासन्ध द्वारा प्रतिवर्ष 18 आक्रमण
💐💐💐💐💐💐💐💐
🎆द्वारका🎇
👉32वर्ष- रुकिमणी विवाह
👉33वर्ष- प्रद्युम्न जन्म
👉34से 40वर्ष में- भौमासुर वध एवं सभी विवाह
👉45वर्ष- कुरुक्षेत्र मिलन
👉51वर्ष- 18 वर्ष बाद प्रद्युम्न का द्वारका आगमन
👉52वर्ष- बलदेव को व्रज भेजा
👉53वर्ष- अनिरूद्र जन्म(श्रीकृष्ण को पौत्र प्राप्ति)
👉72वर्ष- राजसूय यज्ञ,शिशुपाल वध
👉73वर्ष- द्रोपदी चीर-हरण
👉73वर्ष- व्रजलीला अप्रकाश
👉86वर्ष- अज्ञातवास से पांडवो की वापसी
👉87वर्ष- युद्ध की बातें प्रारंभ चलती-टलती रहीं
👉89वर्ष- महाभारत(18 दिन)
👉125वर्ष- व्याध पर कृपा
क्रमशः.........
💐जय श्री राधे
💐जय निताई
📕स्रोत एवम संकलन
दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन द्वारा लिखित व्रज की उपासना ग्रन्थ से
✏प्रस्तुति ।
मोहन किंकरी 🐠 मीनाक्षी 🐠
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
•¡✽🌿🌺*🙌🏻*🌺🌿✽¡•
4⃣*1⃣*1⃣6⃣
सोमवार पौष
कृष्णपक्ष दशमी
•🌺•
◆~🙌🏻~◆
◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🌺गौरांग महाप्रभु 🌺★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
◆~🙌🏻~◆
•🌺•
❗श्री अद्वैत मिलन❗
🌿 एक दिन श्री गौरांग गदाधर को साथ लेकर श्री अद्वैताचार्य के घर जा पहुँचे l श्री आचार्य दोनों भुजा उठाकर कृष्ण कृष्ण उच्चारण करके पूजा कर रहे थे l उन्हें देखते ही श्री गौरांग मूर्छित होकर गिर पड़े l श्री गौरांग का दर्शन करते ही वे जान गये कि यही मेरे प्राणनाथ है l आपने श्री गौरांग की पूजा अर्चना की l श्री गदाधर विस्मित होकर बोले आचार्य निमाई की इस प्रकार पूजा ❗
🌿 श्री आचार्य बोले स्वयं कृष्ण ही गौरांग रूप में अवतीर्ण हुए है l यह सुनते ही गदाधर पछाड़ खाकर प्रभु के चरणों में गिर पड़े l कुछ देर बाद श्री गौरांग ने गदाधर को उठाकर आलिंगन किया l श्री अद्वैत बोले हे नाथ अब सबको अपने श्री मुख से कृष्णनाम संकीर्तन विलास द्वारा कृतार्थ कीजिये l उस दिन से भक्तगणों के साथ निरंतर संकीर्तन रास का आरम्भ हो गया और निरंतर कृष्णप्रेमाविष्ट रहने लगे प्रभु गौरांग l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
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•🌿सुप्रभात🌿•
•🌺श्रीकृष्णायसमर्पणं🌺•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
•🙌🏻★🙌🏻•
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[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
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4⃣*1⃣*1⃣6⃣
सोमवार पौष
कृष्णपक्ष दशमी
•🌺•
◆~🙌🏻~◆
◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🌺गौरांग महाप्रभु 🌺★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
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❗श्री अद्वैत मिलन❗
🌿 एक दिन श्री गौरांग गदाधर को साथ लेकर श्री अद्वैताचार्य के घर जा पहुँचे l श्री आचार्य दोनों भुजा उठाकर कृष्ण कृष्ण उच्चारण करके पूजा कर रहे थे l उन्हें देखते ही श्री गौरांग मूर्छित होकर गिर पड़े l श्री गौरांग का दर्शन करते ही वे जान गये कि यही मेरे प्राणनाथ है l आपने श्री गौरांग की पूजा अर्चना की l श्री गदाधर विस्मित होकर बोले आचार्य निमाई की इस प्रकार पूजा ❗
🌿 श्री आचार्य बोले स्वयं कृष्ण ही गौरांग रूप में अवतीर्ण हुए है l यह सुनते ही गदाधर पछाड़ खाकर प्रभु के चरणों में गिर पड़े l कुछ देर बाद श्री गौरांग ने गदाधर को उठाकर आलिंगन किया l श्री अद्वैत बोले हे नाथ अब सबको अपने श्री मुख से कृष्णनाम संकीर्तन विलास द्वारा कृतार्थ कीजिये l उस दिन से भक्तगणों के साथ निरंतर संकीर्तन रास का आरम्भ हो गया और निरंतर कृष्णप्रेमाविष्ट रहने लगे प्रभु गौरांग l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🌺•(*﹏¥
•🙌🏻★🙌🏻•
•🌿सुप्रभात🌿•
•🌺श्रीकृष्णायसमर्पणं🌺•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
•🙌🏻★🙌🏻•
¥﹏*)•🌺•(*﹏¥
•¡✽🌿🌺*🙌🏻*🌺🌿✽¡•
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
पुराण
कुछ लोग सबसे अधिक
एक पुराण को मानते हैं ।
श्रीमद्भागवत ?
नहीं नहीं । ये तो वेद व्यास जी द्वारा प्रचारित है
में जिसकी बात कर रहा हूँ वो
पुराण धूपमें बैठ कर
स्वेटर बुनते हुए या कुछ खाते खाते कुछ बुजुर्ग माताओं द्वारा
रोज़ लिखा जता है ।
इसमें रोज़ नए नए अध्याय भी जोड़े जाते हैं । इसका नाम है
बुढ़िया पुराण
इससे सावधान । और हम आप जब बुजुर्ग हो जाएँ तो हम इस
प्रक्रिया से बचें
समस्त वैष्णवजन के श्रीचरणों में मेरा सादर प्रणाम ।
जय श्रीराधे ।जय निताई
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
💐💐ब्रज की उपासना💐💐
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
🌷 निताई गौर हरिबोल🌷
क्रम संख्या 24
📖श्रीमद्भागवत में वर्णित
🙏भगवान् श्रीकृष्ण के 36 लौकिक गुण🙏
1⃣ सदैव सत्य बोलना
2⃣ आचार से रहना
3⃣ ह्रदय में धैर्य रखना
4⃣ क्षमा करना
5⃣ संसारी माया-मोह से विरक्त रहना
6⃣ जो कुछ परमेश्वर देवें उसमें संतोष रखना
7⃣ मीठे वचन बोलना
8⃣ मन और इन्द्रियों को वश में रखना
9⃣ सब छोटे-बड़ों को बराबर जानकर किसी का अपमान न करना
1⃣0⃣ किसी के दुर्वचन कहने से बुरा न मानना
1⃣1⃣ किसी काम में जल्दी
1⃣2⃣ सुनी हुई बात याद रखना
क्रमशः.........
💐जय श्री राधे
💐जय निताई
📕स्रोत एवम संकलन
दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन द्वारा लिखित व्रज की उपासना ग्रन्थ से
✏प्रस्तुति ।
मोहन किंकरी 🐠 मीनाक्षी 🐠
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
गलती किसकी
एक व्यक्ति है । उसका कुछ ऐसा स्वाभाव ह की कुछ भी हो उसे उसमे अड़चन निकालनी
पहले तो उसे खुद को यह भान नही था । लोगों के कहने पर उसे पता भी चल गया कि मेरा ये कैसा स्वाभाव ह
उसने बहुत प्रयास किया बदलने का । नही बदला । उसने अब अपना नाम बदल लिया
स्वामी अड़चनानंद
और ये प्रचारित करा दिया कि में मज़बूर हूँ । अड़चन निकालना मेरे स्वभाव में है ।
इतने पर भी हम यदि उससे अड़चन न निकालने की या हमारी बात को सीधा सीधा मानने की उम्मीद करें तो गलती किसकी है ।
निश्चित है की हमारी ।
इसी प्रकार अपने आस पास के लोगों । पारिवारिक जनो को पहचानिये और उनसे वैसी ही आशा कीजिये ।
यदि जानते हुए भी एक दुष्ट से सज्जनता की आशा यदि हम करते हैं तो
गलती किसकी
जयश्रीराधे । जय निताई
[18:21, 1/5/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
कुछ की 5 की
कुछ की 6 की ह व्रत
अपने गुरु स्थान के अनुसार रखे भृम म न पड़ें । या जिस पत्रा के हिसाब से पूरे साल से रखते आये हैं उसी के अनुसार रखे ।
बड़े लज्जा की बात है कि हज़ारों बार बताने पर भी संशय क्यों होता है ।
इसी से आपके व्यक्तित्व का पता चलता है की आप सीरियस नही हैं टाइम पास हैं ।और सबका समय खराब करते हैं ।
सावधान होकर गाँठ बांधिए । आगे से फिर पूछने पर जुर्माना हो सकता है ।
[18:21, 1/5/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia: •
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5⃣*1⃣*1⃣6⃣
मंगलवार पौष
कृष्णपक्ष एकादशी
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◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🍁गौरांग महाप्रभु 🍁★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
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❗आत्मैश्वर्य प्रकाश❗
🌿 श्री गौरांग के रूप में स्वयं श्री कृष्ण ही अवतीर्ण हुए है इस रहस्य को भक्त समुदाय भी न जान सका था lश्री महाप्रभु पाखण्डी एवं निंदक लोगों को भी सत्य पथगामी करने के लिये और भक्तो पर कृपा करने के लिए अपने स्वरूप तथा ऐश्वर्य को प्रकाशित करने लगे l
🌿 श्रीवासपण्डित को आपने अपना चतुर्भुज रूप दिखाया l चार वर्षीय नारायणी को प्रेम प्रदान की शक्ति प्रकाशित करते हुए आपने कहा नारायणी कृष्ण कहकर रोओ तो l वह रोने लगी सब चकित हो उठे lश्री मुरारि गुप्त को आपने वराह रूप के दर्शन कराये l इस प्रकार आपने अपने स्वरूप एवं ऐश्वर्य को प्रकाशित किया l सब भक्तगण निर्भय होकर हर स्थान पर स्वतंत्र रूप से उच्च ध्वनि नाम संकीर्तन करने लगे l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🍁•(*﹏¥
•🔔★🔔•
•🌿सुप्रभात🌿•
•🍁श्रीकृष्णायसमर्पणं🍁•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
•🔔★🔔•
¥﹏*)•🍁•(*﹏¥
•¡✽🌿🍁◆🔔◆🍁🌿✽¡•
[18:21, 1/5/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
अनन्यता
हम निष्काम
सकाम या
कृष्णसुख हेतु
किसी भी भाव या उद्देश्य से भजन करें । हमारा इष्ट एक ही होना चाहिए ।
ऐसा नहीं कि पूजा उपासना कृष्ण की और मनौती मांगने वैष्णवदेवी जाएँ ।
पूजा हो या मनौती सब एक ही इष्ट की हो । इसे ही अनन्यता कहते हैं ।
जयश्रीराधे । जय निताई
[18:21, 1/5/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
💐💐ब्रज की उपासना💐💐
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
🌷 निताई गौर हरिबोल🌷
क्रम संख्या 25
📖श्रीमद्भागवत में वर्णित
🙏भगवान् श्रीकृष्ण के 36 लौकिक गुण🙏
1⃣3⃣ अपना कहा हुआ वचन न भूलना
1⃣4⃣ ज्ञान को स्थिर रखना
1⃣5⃣ मन में वैराग्य रखकर स्त्री और पुत्रों से अधिक मोह न रखना
1⃣6⃣ धन पाकर किसी से अभिमान की बात न बोलना
1⃣7⃣ बल अधिक होने से घमंड ना करना
1⃣8⃣सबसे श्रेष्ठ होना
1⃣9⃣ सब विद्याओं को जानना
2⃣0⃣ दूसरे का दु:ख देखकर दुखित होना
2⃣1⃣ किसी से न डरना
2⃣2⃣ जो कोई अपना दु:ख कहे उसका हाल मन लगाकर सुनना
2⃣3⃣ भूत,भविष्य, वर्तमान तीनों कालो की बातें जानना
2⃣4⃣ अपने मन का हाल किसी से न बतला-कर समुंद्र के समान गंभीर रहना
क्रमशः.........
💐जय श्री राधे
💐जय निताई
📕स्रोत एवम संकलन
दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन द्वारा लिखित व्रज की उपासना ग्रन्थ से
✏प्रस्तुति ।
मोहन किंकरी 🐠 मीनाक्षी 🐠
[18:21, 1/5/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia: .
मेरे दिल में
जो तुने अपने
हाथों से लगाया था
मोहन
उस मोहब्बत के
पौधे को
पानी तो दे जाओ .......❤🌹
भजन
समस्या समाप्ति के लिए यदि
करेंगे तो एक समस्या शायद समाप्त हो जाय । अगली फिर खड़ी हो जायेगी
अपना मकान ले लेने पर किराये के मकान की समस्या तो समाप्त हो जायेगी । अपने मकान में होने वाली समस्या शुरू हो जायेगी
अतः समस्या समाप्ति के लिए भजन करना कोई बुद्धिमानी नहीं
कामना का भी यही हाल है । एक के बाद एक मुह उठाये आ जाती हैं । अंत नही ह इनका
अतः सार का सार है कि भजन केवल और केवल श्री कृष्ण सुख के लिए करना चाहिए ।
और 16 अक्षर हरेकृष्ण महामन्त्र से कृष्ण जितने शीघ्र प्रसन्न होते हैं कलियुग में । अन्य किसी साधन से नहीं ।
अतः हमे लग जाना हैं । लगे हैं तो भजन कृष्ण प्रीति के उद्देश्य से ही करना है ।
समस्त वैष्णवजन को मेरा सादर प्रणाम जय श्री राधे जय निताई
[10:17, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
पुराण
कुछ लोग सबसे अधिक
एक पुराण को मानते हैं ।
श्रीमद्भागवत ?
नहीं नहीं । ये तो वेद व्यास जी द्वारा प्रचारित है
में जिसकी बात कर रहा हूँ वो
पुराण धूपमें बैठ कर
स्वेटर बुनते हुए या कुछ खाते खाते कुछ बुजुर्ग माताओं द्वारा
रोज़ लिखा जता है ।
इसमें रोज़ नए नए अध्याय भी जोड़े जाते हैं । इसका नाम है
बुढ़िया पुराण
इससे सावधान । और हम आप जब बुजुर्ग हो जाएँ तो हम इस
प्रक्रिया से बचें
समस्त वैष्णवजन के श्रीचरणों में मेरा सादर प्रणाम ।
जय श्रीराधे ।जय निताई
[15:33, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
गलती किसकी
एक व्यक्ति है । उसका कुछ ऐसा स्वाभाव ह की कुछ भी हो उसे उसमे अड़चन निकालनी
पहले तो उसे खुद को यह भान नही था । लोगों के कहने पर उसे पता भी चल गया कि मेरा ये कैसा स्वाभाव ह
उसने बहुत प्रयास किया बदलने का । नही बदला । उसने अब अपना नाम बदल लिया
स्वामी अड़चनानंद
और ये प्रचारित करा दिया कि में मज़बूर हूँ । अड़चन निकालना मेरे स्वभाव में है ।
इतने पर भी हम यदि उससे अड़चन न निकालने की या हमारी बात को सीधा सीधा मानने की उम्मीद करें तो गलती किसकी है ।
निश्चित है की हमारी ।
इसी प्रकार अपने आस पास के लोगों । पारिवारिक जनो को पहचानिये और उनसे वैसी ही आशा कीजिये ।
यदि जानते हुए भी एक दुष्ट से सज्जनता की आशा यदि हम करते हैं तो
गलती किसकी
जयश्रीराधे । जय निताई
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
गलती किसकी
एक व्यक्ति है । उसका कुछ ऐसा स्वाभाव ह की कुछ भी हो उसे उसमे अड़चन निकालनी
पहले तो उसे खुद को यह भान नही था । लोगों के कहने पर उसे पता भी चल गया कि मेरा ये कैसा स्वाभाव ह
उसने बहुत प्रयास किया बदलने का । नही बदला । उसने अब अपना नाम बदल लिया
स्वामी अड़चनानंद
और ये प्रचारित करा दिया कि में मज़बूर हूँ । अड़चन निकालना मेरे स्वभाव में है ।
इतने पर भी हम यदि उससे अड़चन न निकालने की या हमारी बात को सीधा सीधा मानने की उम्मीद करें तो गलती किसकी है ।
निश्चित है की हमारी ।
इसी प्रकार अपने आस पास के लोगों । पारिवारिक जनो को पहचानिये और उनसे वैसी ही आशा कीजिये ।
यदि जानते हुए भी एक दुष्ट से सज्जनता की आशा यदि हम करते हैं तो
गलती किसकी
जयश्रीराधे । जय निताई
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
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3⃣1⃣*1⃣2⃣*1⃣5⃣
गुरुवार पौष
कृष्णपक्ष षष्ठी
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◆!🌿जयनिताई🌿!◆
•🐚 गौरांग महाप्रभु 🐚•
◆!🌿 श्री चैतन्य 🌿!◆
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❗गया से प्रत्यावर्तन❗
🌿 अब सबने उन्हें एक प्रेमी भक्त के रूप में देखा l निरंतर कृष्ण कृष्ण पुकारते थे l नेत्रों से प्रेमजल धारा बहती थी l गौरांग को इस अवस्था को देख नवद्वीप वासियों की आनंद की सीमा न रही l सब कहने लगे निमाई परम् वैष्णव हो गए है l अब श्री गौरांग संकीर्तन कथा में भी जाने लगेI सदाशिव, मुरारि ,गदाधर आदि समस्त वैष्णव कथा नामरस का आस्वादन करने लगे l हरि हरि बोल कर सब नाच उठे l
🌿 श्री गौरांग गंगा स्नान कर घर आते और कृष्ण मन्दिर में चले जाते lपूजा जाप कथा को छोड़कर किसी ओर ध्यान ही न देते l इनकी प्रेमवस्था देखकर माता शची अति आनंदित होती किन्तु मन ही मन चिंता करती रहती l क्योकि न तो इन्हें भोजन की सुध थी न सोने की, न घर की परवाह l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🐚•(*﹏¥
•🌿✽🌿•
•🌹सुप्रभात🌹•
•🐚श्रीकृष्णायसमर्पणं🐚•
•🌹जैश्रीराधेश्याम🌹•
•🌿✽🌿•
¥﹏*)•🐚•(*﹏¥
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[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia: •
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1⃣*1⃣*1⃣6⃣
शुक्रवार पौष
कृष्णपक्ष सप्तमी
🎈नववर्ष की हार्दिकक बधाई🎈
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◆!🌿जयनिताई🌿!◆
•🐚 गौरांग महाप्रभु 🐚•
◆!🌿 श्री चैतन्य 🌿!◆
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•🌹•
❗अध्यापन अवसान❗
🌿 श्री गौरांग के लौट आने पर छात्र भी अध्ययन के लिये आपके पास आने लगे किन्तु आप उन्हें भी श्री कृष्ण नाम की महिमा पढ़ने सुनाने लगे l श्री कृष्ण के बिना जीवन निष्फल है इत्यादि कहते कहते आप मूर्छित हो जाते l आप केवल कृष्ण भक्ति की व्याख्या करते l
🌿 अन्त में एक दिन सबको यही आशीर्वाद देकर विदा किया कि आपको परा विद्या का ज्ञान है lतुम सब कृष्ण भक्त होओ l छात्रों ने भी प्रार्थना की कि गुरुवर आपके श्री मुख से जो व्याख्या हमने सुनी है जन्म जन्म हमारे हृदय में स्मरण रहेगी l हम आपके साथ ही रहेंगे l इस प्रकार तब प्रभु ने पढ़ना पढ़ाना सब बन्द कर दिया l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🐚•(*﹏¥
•🌿✽🌿•
•🌹सुप्रभात🌹•
•🐚श्रीकृष्णायसमर्पणं🐚•
•🌹जैश्रीराधेश्याम🌹•
•🌿✽🌿•
¥﹏*)•🐚•(*﹏¥
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[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
🎊🎉🎊🎈🎉🎊🎉
जय जय श्री राधे 🙌🏻
जय जय श्री राधे 🙌🏻
जय जय श्री राधे 🙌🏻
निताई गोर हरि बोल 🙌🏻
🎊आज का 2016 का यह नववर्ष आप हम सब वैष्णवों में 16 वर्ष की आयु जैसा की आयु जैसा उत्साह उमंग उल्लास भरे दे
🎉और हम लोग
16 अक्षर के महामंत्र की 16 मालाओं के आनंद और आशीष और प्रेम से भर जाए जिससे प्रभु इतने आनंदित हो ,
इतने आनंदित हो ,
इतने आनंदित हो,
🎊कि हमारे जीवन में आनंद ही आनंद हो जाए हमारी सभी के लिए आनंदमई दृष्टि हो जाए और चारों और यह वर्ष आनंद से भरा हो मेरी प्रभु के चरणों में यही प्रार्थना है
जय जय श्री राधे 🙌🏻
🎊🎉🎊🎈🎉🎊🎉
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
💐💐ब्रज की उपासना💐💐
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
🌷 निताई गौर हरिबोल🌷
क्रम संख्या 21
👏पूज्य बाबा श्रीगौरांगदास जी महाराज द्वारा व्रजविभूति श्रीश्यामदासजी को सुनाई महामन्त्र व्याख्या
🙏हरे कृष्ण हरे कृष्ण
कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम
राम राम हरे हरे।।
🌷हरे राम-
श्री राधाजी कहती हैं आप राधा नहीं हो आप 'हरे-राम' हो-राधा-रमण हो। श्रीराधा को हास-परिहास एवं दर्शन आदि से रमित- आनंदित करने वाले हो-
(रमयति तां नर्मनिरीक्षणादिनेति राम:,तस्य सम्बोधने हे राम।")
🌷हरे राम-
श्रीकृष्ण दुहराते हुए कहते हैं 'हरे राम'- मैं राधारमन हूँ? राधे! मैं कुछ निश्चय नहीं कर पा रहा हूँ, मैं कौन हूँ?
🌷राम-राम-
श्री राधाजी विश्वास दिलाते हुए दो बार कहती हैं- हाँ प्रीतम! आप राम हो, राम हो- राधारमन हो, राधारमन हो।
🌷 हरे-हरे-
किंतु श्रीकृष्ण तो श्रीराधामाधव-घुति से ऐसे सुवलित हैं, कवलित हैं,आश्रयजातिय रसास्वादन में इतने विभोर तथा तन्मय हैं कि वे अपने- आपको कृष्ण रुप में पहचान नहीं पाते।अत: फिर कहते हैं -हरे! राधे! मैं हरा हूँ- राधा हूँ कृष्ण नहीं हूँ।
क्रमशः.........
💐जय श्री राधे
💐जय निताई
📕स्रोत एवम संकलन
दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन द्वारा लिखित व्रज की उपासना ग्रन्थ से
✏प्रस्तुति ।
मोहन किंकरी 🐠 मीनाक्षी 🐠
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
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2⃣*1⃣*1⃣6⃣
शनिवार पौष
कृष्णपक्ष अष्टमी
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◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🌺गौरांग महाप्रभु 🌺★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
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❗संकीर्तन आरम्भ❗
🌿 अब तो श्री गौरांग ने सब शिष्यों के साथ
हरि हरये नमः कृष्ण यादवाय नमःl
गोपाल गोविन्द राम श्री मधुसूदन ll
इस ध्वनि का उच्च ध्वनि से संकीर्तन करना आरम्भ कर दिया l श्री गौरांग दोनों भुजा उठा लेते और प्रेमाविष्ट होकर नृत्य गान करने लगते l हुँकार करते बार बार पछाड़े खाते l
🌿 नादियावासी चकित हो उठे यह निमाई पंडित इतना उद्धत था अब इतना कृष्णप्रेम विकार इसमें कैसे ❓समस्त वैष्णवों की जिह्वा पर हर क्षण श्री गौरांग की कथा चर्चा विलास करने लगी l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🌺•(*﹏¥
•🙌🏻★🙌🏻•
•🌿सुप्रभात🌿•
•🌺श्रीकृष्णायसमर्पणं🌺•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
•🙌🏻★🙌🏻•
¥﹏*)•🌺•(*﹏¥
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[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
भजन
समस्या समाप्ति के लिए यदि
करेंगे तो एक समस्या शायद समाप्त हो जाय । अगली फिर खड़ी हो जायेगी
अपना मकान ले लेने पर किराये के मकान की समस्या तो समाप्त हो जायेगी । अपने मकान में होने वाली समस्या शुरू हो जायेगी
अतः समस्या समाप्ति के लिए भजन करना कोई बुद्धिमानी नहीं
कामना का भी यही हाल है । एक के बाद एक मुह उठाये आ जाती हैं । अंत नही ह इनका
अतः सार का सार है कि भजन केवल और केवल श्री कृष्ण सुख के लिए करना चाहिए ।
और 16 अक्षर हरेकृष्ण महामन्त्र से कृष्ण जितने शीघ्र प्रसन्न होते हैं कलियुग में । अन्य किसी साधन से नहीं ।
अतः हमे लग जाना हैं । लगे हैं तो भजन कृष्ण प्रीति के उद्देश्य से ही करना है ।
समस्त वैष्णवजन को मेरा सादर प्रणाम जय श्री राधे जय निताई
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
💐💐ब्रज की उपासना💐💐
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
🌷 निताई गौर हरिबोल🌷
क्रम संख्या 22
✨भगवान् श्रीकृष्ण की आयु✨
👳🏻आचार्य श्री कुमुदेश भट्ट
🎆गोकुल🎆
🌷आयु लीला🌷
👉6 दिन - पूतना वध
👉3माह - शकट भंजन
👉सोवें दिन - नामकरण
संस्कार
👉1वर्ष - तृणावर्त वध
👉3वर्ष 2माह - यमलार्जुन उद्वार-दामोदर लीला
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
🌹 वृन्दावन🌹
👉3वर्ष 3माह- श्री वृन्दावन आगमन
👉3वर्ष 4माह- वत्सचारण वत्सासुर वध
👉4वर्ष 4माह- अघासुर वध,ब्रहममोहन लीला
👉5वर्ष 2माह- गोचारण
👉6वर्ष 9माह- कालियदमन, गोपियों से प्रथम मिलन
👉7वर्ष 2माह- गोवर्धन लीला
👉8वर्ष- वरुण लोक से नन्द को लाये
👉8वर्ष 1माह- रासलीला
👉9वर्ष- अम्बिकावन गमन(,नन्द अजगर ग्रास) शंखचूड़ वध,होरी लीला
👉10-11वर्ष- दानलीलादि विविध राग-अनुराग लीलायें केशिदैत्यवध,अक्रूर आगमन
क्रमशः.........
💐जय श्री राधे
💐जय निताई
📕स्रोत एवम संकलन
दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन द्वारा लिखित व्रज की उपासना ग्रन्थ से
✏प्रस्तुति ।
मोहन किंकरी 🐠 मीनाक्षी 🐠
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
आज प्रस्थान
बहुत ही सुन्दर । जीवन की सफलता के प्रतीक ये 6 दिन यहाँ अविस्मरणीय हैं
सुबह से रात तक बस भजन । भजन । भजन । कुछ और नहीं ।ये समय ऐसा भागता गया कि ऐसा लगता ह कि अभी 1 दिन ही हुआ
बिनु सत्संग विवेक न पावा
विवेक वही उचित विवेक है जिसके कारण हम अपने जीवन में भजन को प्राथमिकता देने लग जाय
न दिन 24 से अधिक घण्टे का होगा । न महीना 35 दिन का । सब कुछ साथ साथ करते हुए भजन को सर्वोपरि रखना ही सत् विवेक है
और ये सत्संग से प्राप्त होगा ।और सत्संग के अवसर सहज उपलब्ध हैं । अविवेक के कारण हम टालते रहते हैं और बात ऊँची ऊँची
समस्त वैष्णवजन को मेरा प्रणाम जय श्री राधे जय निताई
आज नैमिषारण्य धाम को शत शत नमन वंदन प्रणाम ।
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
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3⃣*1⃣*1⃣6⃣
रविवार पौष
कृष्णपक्ष नवमी
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◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🌺गौरांग महाप्रभु 🌺★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
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❗श्री अद्वैत को स्वप्न दर्शन❗
🌿 श्री निमाई की प्रेम दशा सुन श्री अद्वैत बोले मैंने आज रात्रि में स्वप्न देखा है मुझसे गीता के एक श्लोक का अर्थ नहीं लग रहा था l मैं अन्न जल छोड़कर दुखी हो रहा था l तो एक दिव्याकृति ने आकर कहा उठो आचर्य तुम भोजन करो l इस श्लोक का यह अर्थ है lअब आपके दुःख की कोई बात नहीं है l
🌿 तुमने जिस संकल्प को लेकर अनेक उपवास किये है जितना कृषणाराधन किया है वह अब पूरा होने जा रहा है lसमस्त लोगो को कृष्ण नाम दान देकर सार्वजनीन भजन का मैं प्रचार करूँगा l जैसे ही मेरी आँख खुली वह व्यक्ति अंतर्धान हो गया l सबने जय जय कार करते हुए हरि बोल हरि बोल की आनंद ध्वनि की l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🌺•(*﹏¥
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•🌿सुप्रभात🌿•
•🌺श्रीकृष्णायसमर्पणं🌺•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
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[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
💐💐ब्रज की उपासना💐💐
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
🌷 निताई गौर हरिबोल🌷
क्रम संख्या 23
✨भगवान् श्रीकृष्ण की आयु✨
👳🏻आचार्य श्री कुमुदेश भट्ट
🎆मथुरा🎆
🌷आयु लीला🌷
👉11वर्ष 1माह- मथुरा गमन,कंसवध
👉11वर्ष 5माह- यज्ञोपवीत
👉11वर्ष 7माह- गुरुकुल गमन(64 दिन रहे)
👉14वर्ष 2माह- कुब्जा पर कृपा
👉15वर्ष से 32वर्ष- जरासन्ध द्वारा प्रतिवर्ष 18 आक्रमण
💐💐💐💐💐💐💐💐
🎆द्वारका🎇
👉32वर्ष- रुकिमणी विवाह
👉33वर्ष- प्रद्युम्न जन्म
👉34से 40वर्ष में- भौमासुर वध एवं सभी विवाह
👉45वर्ष- कुरुक्षेत्र मिलन
👉51वर्ष- 18 वर्ष बाद प्रद्युम्न का द्वारका आगमन
👉52वर्ष- बलदेव को व्रज भेजा
👉53वर्ष- अनिरूद्र जन्म(श्रीकृष्ण को पौत्र प्राप्ति)
👉72वर्ष- राजसूय यज्ञ,शिशुपाल वध
👉73वर्ष- द्रोपदी चीर-हरण
👉73वर्ष- व्रजलीला अप्रकाश
👉86वर्ष- अज्ञातवास से पांडवो की वापसी
👉87वर्ष- युद्ध की बातें प्रारंभ चलती-टलती रहीं
👉89वर्ष- महाभारत(18 दिन)
👉125वर्ष- व्याध पर कृपा
क्रमशः.........
💐जय श्री राधे
💐जय निताई
📕स्रोत एवम संकलन
दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन द्वारा लिखित व्रज की उपासना ग्रन्थ से
✏प्रस्तुति ।
मोहन किंकरी 🐠 मीनाक्षी 🐠
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
•¡✽🌿🌺*🙌🏻*🌺🌿✽¡•
4⃣*1⃣*1⃣6⃣
सोमवार पौष
कृष्णपक्ष दशमी
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◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🌺गौरांग महाप्रभु 🌺★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
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❗श्री अद्वैत मिलन❗
🌿 एक दिन श्री गौरांग गदाधर को साथ लेकर श्री अद्वैताचार्य के घर जा पहुँचे l श्री आचार्य दोनों भुजा उठाकर कृष्ण कृष्ण उच्चारण करके पूजा कर रहे थे l उन्हें देखते ही श्री गौरांग मूर्छित होकर गिर पड़े l श्री गौरांग का दर्शन करते ही वे जान गये कि यही मेरे प्राणनाथ है l आपने श्री गौरांग की पूजा अर्चना की l श्री गदाधर विस्मित होकर बोले आचार्य निमाई की इस प्रकार पूजा ❗
🌿 श्री आचार्य बोले स्वयं कृष्ण ही गौरांग रूप में अवतीर्ण हुए है l यह सुनते ही गदाधर पछाड़ खाकर प्रभु के चरणों में गिर पड़े l कुछ देर बाद श्री गौरांग ने गदाधर को उठाकर आलिंगन किया l श्री अद्वैत बोले हे नाथ अब सबको अपने श्री मुख से कृष्णनाम संकीर्तन विलास द्वारा कृतार्थ कीजिये l उस दिन से भक्तगणों के साथ निरंतर संकीर्तन रास का आरम्भ हो गया और निरंतर कृष्णप्रेमाविष्ट रहने लगे प्रभु गौरांग l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🌺•(*﹏¥
•🙌🏻★🙌🏻•
•🌿सुप्रभात🌿•
•🌺श्रीकृष्णायसमर्पणं🌺•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
•🙌🏻★🙌🏻•
¥﹏*)•🌺•(*﹏¥
•¡✽🌿🌺*🙌🏻*🌺🌿✽¡•
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
•¡✽🌿🌺*🙌🏻*🌺🌿✽¡•
4⃣*1⃣*1⃣6⃣
सोमवार पौष
कृष्णपक्ष दशमी
•🌺•
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◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🌺गौरांग महाप्रभु 🌺★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
◆~🙌🏻~◆
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❗श्री अद्वैत मिलन❗
🌿 एक दिन श्री गौरांग गदाधर को साथ लेकर श्री अद्वैताचार्य के घर जा पहुँचे l श्री आचार्य दोनों भुजा उठाकर कृष्ण कृष्ण उच्चारण करके पूजा कर रहे थे l उन्हें देखते ही श्री गौरांग मूर्छित होकर गिर पड़े l श्री गौरांग का दर्शन करते ही वे जान गये कि यही मेरे प्राणनाथ है l आपने श्री गौरांग की पूजा अर्चना की l श्री गदाधर विस्मित होकर बोले आचार्य निमाई की इस प्रकार पूजा ❗
🌿 श्री आचार्य बोले स्वयं कृष्ण ही गौरांग रूप में अवतीर्ण हुए है l यह सुनते ही गदाधर पछाड़ खाकर प्रभु के चरणों में गिर पड़े l कुछ देर बाद श्री गौरांग ने गदाधर को उठाकर आलिंगन किया l श्री अद्वैत बोले हे नाथ अब सबको अपने श्री मुख से कृष्णनाम संकीर्तन विलास द्वारा कृतार्थ कीजिये l उस दिन से भक्तगणों के साथ निरंतर संकीर्तन रास का आरम्भ हो गया और निरंतर कृष्णप्रेमाविष्ट रहने लगे प्रभु गौरांग l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
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•🌿सुप्रभात🌿•
•🌺श्रीकृष्णायसमर्पणं🌺•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
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[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
पुराण
कुछ लोग सबसे अधिक
एक पुराण को मानते हैं ।
श्रीमद्भागवत ?
नहीं नहीं । ये तो वेद व्यास जी द्वारा प्रचारित है
में जिसकी बात कर रहा हूँ वो
पुराण धूपमें बैठ कर
स्वेटर बुनते हुए या कुछ खाते खाते कुछ बुजुर्ग माताओं द्वारा
रोज़ लिखा जता है ।
इसमें रोज़ नए नए अध्याय भी जोड़े जाते हैं । इसका नाम है
बुढ़िया पुराण
इससे सावधान । और हम आप जब बुजुर्ग हो जाएँ तो हम इस
प्रक्रिया से बचें
समस्त वैष्णवजन के श्रीचरणों में मेरा सादर प्रणाम ।
जय श्रीराधे ।जय निताई
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
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💐💐ब्रज की उपासना💐💐
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🌷 निताई गौर हरिबोल🌷
क्रम संख्या 24
📖श्रीमद्भागवत में वर्णित
🙏भगवान् श्रीकृष्ण के 36 लौकिक गुण🙏
1⃣ सदैव सत्य बोलना
2⃣ आचार से रहना
3⃣ ह्रदय में धैर्य रखना
4⃣ क्षमा करना
5⃣ संसारी माया-मोह से विरक्त रहना
6⃣ जो कुछ परमेश्वर देवें उसमें संतोष रखना
7⃣ मीठे वचन बोलना
8⃣ मन और इन्द्रियों को वश में रखना
9⃣ सब छोटे-बड़ों को बराबर जानकर किसी का अपमान न करना
1⃣0⃣ किसी के दुर्वचन कहने से बुरा न मानना
1⃣1⃣ किसी काम में जल्दी
1⃣2⃣ सुनी हुई बात याद रखना
क्रमशः.........
💐जय श्री राधे
💐जय निताई
📕स्रोत एवम संकलन
दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन द्वारा लिखित व्रज की उपासना ग्रन्थ से
✏प्रस्तुति ।
मोहन किंकरी 🐠 मीनाक्षी 🐠
[20:46, 1/4/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
गलती किसकी
एक व्यक्ति है । उसका कुछ ऐसा स्वाभाव ह की कुछ भी हो उसे उसमे अड़चन निकालनी
पहले तो उसे खुद को यह भान नही था । लोगों के कहने पर उसे पता भी चल गया कि मेरा ये कैसा स्वाभाव ह
उसने बहुत प्रयास किया बदलने का । नही बदला । उसने अब अपना नाम बदल लिया
स्वामी अड़चनानंद
और ये प्रचारित करा दिया कि में मज़बूर हूँ । अड़चन निकालना मेरे स्वभाव में है ।
इतने पर भी हम यदि उससे अड़चन न निकालने की या हमारी बात को सीधा सीधा मानने की उम्मीद करें तो गलती किसकी है ।
निश्चित है की हमारी ।
इसी प्रकार अपने आस पास के लोगों । पारिवारिक जनो को पहचानिये और उनसे वैसी ही आशा कीजिये ।
यदि जानते हुए भी एक दुष्ट से सज्जनता की आशा यदि हम करते हैं तो
गलती किसकी
जयश्रीराधे । जय निताई
[18:21, 1/5/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
कुछ की 5 की
कुछ की 6 की ह व्रत
अपने गुरु स्थान के अनुसार रखे भृम म न पड़ें । या जिस पत्रा के हिसाब से पूरे साल से रखते आये हैं उसी के अनुसार रखे ।
बड़े लज्जा की बात है कि हज़ारों बार बताने पर भी संशय क्यों होता है ।
इसी से आपके व्यक्तित्व का पता चलता है की आप सीरियस नही हैं टाइम पास हैं ।और सबका समय खराब करते हैं ।
सावधान होकर गाँठ बांधिए । आगे से फिर पूछने पर जुर्माना हो सकता है ।
[18:21, 1/5/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia: •
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5⃣*1⃣*1⃣6⃣
मंगलवार पौष
कृष्णपक्ष एकादशी
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◆!🌿जयनिताई🌿!◆
★🍁गौरांग महाप्रभु 🍁★
◆!🌿श्रीचैतन्य🌿!◆
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❗आत्मैश्वर्य प्रकाश❗
🌿 श्री गौरांग के रूप में स्वयं श्री कृष्ण ही अवतीर्ण हुए है इस रहस्य को भक्त समुदाय भी न जान सका था lश्री महाप्रभु पाखण्डी एवं निंदक लोगों को भी सत्य पथगामी करने के लिये और भक्तो पर कृपा करने के लिए अपने स्वरूप तथा ऐश्वर्य को प्रकाशित करने लगे l
🌿 श्रीवासपण्डित को आपने अपना चतुर्भुज रूप दिखाया l चार वर्षीय नारायणी को प्रेम प्रदान की शक्ति प्रकाशित करते हुए आपने कहा नारायणी कृष्ण कहकर रोओ तो l वह रोने लगी सब चकित हो उठे lश्री मुरारि गुप्त को आपने वराह रूप के दर्शन कराये l इस प्रकार आपने अपने स्वरूप एवं ऐश्वर्य को प्रकाशित किया l सब भक्तगण निर्भय होकर हर स्थान पर स्वतंत्र रूप से उच्च ध्वनि नाम संकीर्तन करने लगे l
🌿 उपरोक्त सार व्रजविभूति श्रीश्यामदास जी के ग्रंथ से लेते हुए हम भी अपने जीवन को भक्तिमय बनाये यही प्रार्थना है प्रभु के चरणों में l
क्रमशः........
✏ मालिनी
¥﹏*)•🍁•(*﹏¥
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•🌿सुप्रभात🌿•
•🍁श्रीकृष्णायसमर्पणं🍁•
•🌿जैश्रीराधेश्याम🌿•
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¥﹏*)•🍁•(*﹏¥
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[18:21, 1/5/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
अनन्यता
हम निष्काम
सकाम या
कृष्णसुख हेतु
किसी भी भाव या उद्देश्य से भजन करें । हमारा इष्ट एक ही होना चाहिए ।
ऐसा नहीं कि पूजा उपासना कृष्ण की और मनौती मांगने वैष्णवदेवी जाएँ ।
पूजा हो या मनौती सब एक ही इष्ट की हो । इसे ही अनन्यता कहते हैं ।
जयश्रीराधे । जय निताई
[18:21, 1/5/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia:
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💐💐ब्रज की उपासना💐💐
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🌷 निताई गौर हरिबोल🌷
क्रम संख्या 25
📖श्रीमद्भागवत में वर्णित
🙏भगवान् श्रीकृष्ण के 36 लौकिक गुण🙏
1⃣3⃣ अपना कहा हुआ वचन न भूलना
1⃣4⃣ ज्ञान को स्थिर रखना
1⃣5⃣ मन में वैराग्य रखकर स्त्री और पुत्रों से अधिक मोह न रखना
1⃣6⃣ धन पाकर किसी से अभिमान की बात न बोलना
1⃣7⃣ बल अधिक होने से घमंड ना करना
1⃣8⃣सबसे श्रेष्ठ होना
1⃣9⃣ सब विद्याओं को जानना
2⃣0⃣ दूसरे का दु:ख देखकर दुखित होना
2⃣1⃣ किसी से न डरना
2⃣2⃣ जो कोई अपना दु:ख कहे उसका हाल मन लगाकर सुनना
2⃣3⃣ भूत,भविष्य, वर्तमान तीनों कालो की बातें जानना
2⃣4⃣ अपने मन का हाल किसी से न बतला-कर समुंद्र के समान गंभीर रहना
क्रमशः.........
💐जय श्री राधे
💐जय निताई
📕स्रोत एवम संकलन
दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन द्वारा लिखित व्रज की उपासना ग्रन्थ से
✏प्रस्तुति ।
मोहन किंकरी 🐠 मीनाक्षी 🐠
[18:21, 1/5/2016] Dasabhas DrGiriraj Nangia: .
मेरे दिल में
जो तुने अपने
हाथों से लगाया था
मोहन
उस मोहब्बत के
पौधे को
पानी तो दे जाओ .......❤🌹
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