आनंद का अनुभव या प्राप्ति एक ही बात है
आनंद प्राप्ति के लिए यह जानना होगा की आनंद किसमें है और कहाँ मिलता है?
झूठा और क्षनिक आनंद तो लौकिक भौतिक वस्तुओं में मिल ही जाता है
स्थायी एवं सच्चा आनंद उस सचिदानंद भगवान् श्री कृष्ण की भक्ति में
मिलता है , जैसा आनंद चाहिए, वैसा प्रयास करने से mil जायेगा
हम प्रयास करते हैं झूठे आनंद का, चाहते हं सच्चा आनंद
इसलिए निराश होते हं. सूक्ष्मता से आत्मनिरीक्षण करने par
apne aap pataa chal jayegaa. JSR




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