प्रारंभ में कोई भी व्रत या नियम लम्बे
समय के लिए तभी लें
जब आपको पक्का विशवास हो,
डगमग स्तिथि में
यह व्रत कम समय के लिए लें
उसे दृढ होकर पूरा करें ,
एक बार फिर कुछ अधिक समय के लिए
व्रत लें , पूरा करें
इस प्रकार आपको व्रत करने की आदत और अभ्यास
दोनों हो जायेगा .
अब आप दृढ होकर व्रत ले sakte हैं
और यह निश्चित भी है की आप सफल होंगे
हम होंगे कामयाब
जय श्री राधे
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