Saturday, 27 October 2012

266. VATAAVARAN KA PRABHAV



वातावरण का प्रभाव 

जीवन में लक्ष्य प्राप्ति हेतु वातावरण का 
क्या योगदान होता है -यह बहुत पढ़ा और लिखा  था 

लेकिन शायद  पहली बार अनुभव भी किया 
जब मैने एक वैष्णव  मित्र के साथ तिन दिन दो रात्रि 
श्री राधाकुंड में वास किया 


केवल आवश्यक सुविधाओ सहित कमरे में श्री राधाकुंड के तट पर बने 
श्री राधाश्याम सुंदर मंदिर में वास किया ,मंदिर द्वारा 
ठाकुर को निवेदित प्रसाद ही पाया ।

वहा चल रहे अखुंड श्रीहरिनाम संकीर्तन की ध्वनि  को  
दिन रात श्रवन किया । श्री राधाकुंड स्नान ,आचमन ,दर्शन परिक्रमा ,
दास गोस्वामी समाधी पर प्रवचन , कुंड तट पर 
रात्रि -भजन -नियम आदि से लगा की भजन एवं शांति हेतु 
कितना अनुकूल स्थान है यह 

और स्थान और वातावरण का लक्ष्य प्राप्ति में 
क्या योगदान है -यह शायद आज कुछ -कुछ समझ पाया मैं  


JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ NANGIA
Lives, Born, Works = L B W at Vrindaban

VATAAVARAN KA PRABHAV

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