Thursday, 11 October 2012

258. gandee baat


गन्दी बातें 

गन्दी बातों की प्रशंसा करो या विरोध 
दोनों ही स्थितियों में 
नैगाटिव वाईबरेशंस प्रचारित होती है 

भ्रष्टाचार का विरोध तो जो हुआ सो हुआ,
इससे भ्रस्ताचार का प्रचार अधिक हुआ है 

जिन्हें पता नहीं था, उन्हें भी पता चल गया 
और शायद वे भी अब बिना डरे भ्रष्टाचार का आश्रय लेंगे 

अतः केवल व केवल अच्छी बातों के बारे में ही 
बात होनी चाहिए, गंदी बातें सदा से थी , सदा रहेंगी 
इन्हें दफनाते रहना चाहिए  

JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ NANGIA

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