गन्दी बातें
गन्दी बातों की प्रशंसा करो या विरोध
दोनों ही स्थितियों में
नैगाटिव वाईबरेशंस प्रचारित होती है
भ्रष्टाचार का विरोध तो जो हुआ सो हुआ,
इससे भ्रस्ताचार का प्रचार अधिक हुआ है
जिन्हें पता नहीं था, उन्हें भी पता चल गया
और शायद वे भी अब बिना डरे भ्रष्टाचार का आश्रय लेंगे
अतः केवल व केवल अच्छी बातों के बारे में ही
बात होनी चाहिए, गंदी बातें सदा से थी , सदा रहेंगी
इन्हें दफनाते रहना चाहिए
JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ NANGIA
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