Monday, 15 October 2012

261. gopiyon ko kya fark hai

गोपियों को फरक नहीं पड़ता 

ब्रज गोपियों को किसी ने सन्देश दिया की 
आज तो श्री कृष्ण ने मथुरा की कुबड़ी 'कुब्जा ' को 
अपना लिया है , अब  वह तुम्हारे नहीं रहे 



ब्रज गोपियों ने कहा -
'ब्याहों लाख ,धरो  दस कुब्जा तोउ  श्याम हमारे' 
अर्थात  वे लाखो विवाह  कर ले और
दसियों कुब्जाओ को अपना  ले इससे हमारे श्याम सुंदर को 
यदि सुख मिलता है तो हमे आनंद है 
हमे कोई फर्ख नहीं परता - 
'श्याम सुंदर फिर भी  हमारे हैं, थे और हमारे रहेंगे 

यह है स्वसुखगंध लेश शुन्य 
एवं तत्सुख सुखित्व विशुद्ध गोपी -प्रेम, जय हो !!!!! 
यहाँ अपने सुख, कामना, कल्याण के लिए भक्ति नहीं की जा रही 
अपियु श्री कृष्ण के सुख, आनंद के लिए समर्पण है, भक्ति है 

JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ NANGIA


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