दशहरा
आज एक फोन आया
'और दशहरा कैसा मना ?'
मैंने कहा- भाई मेरे इर्द-गिर्द कोई
रावण है ही नही या शायद मुझे दिखता नहीं
तो कैसा दशहरा ???
ये तो गोविन्द की नगरी वृन्दाबन है,
यहाँ तो बस आनंद ही आनंद है
न रावण है न दशहरा !!!
JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ NANGIA
No comments:
Post a Comment