Monday, 25 June 2012
225. THODA YA BAHUT
थोडे को बहुत
जो थोड़े को बहुत समझते है
वह सज्जन है तो संतोषी, दुर्जन है तो अहंकारी.
जो बोहोत को थोडा समझते है
वह सज्जन है तो विनम्र , दुर्जन है तो लालची
JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia
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