Wednesday, 14 March 2012

192. rajaa se aashaa



राजा से आशा छोडिये

अब वह समय नहीं रहा की राजा या प्रशाशक प्रजा के हित की बात सोचें 

पहले भी नहीं था, लेकिन फिर भी कुछ राजा ऐसे
अवश्य हुए हैं | लेकिन कलियुग मैं एसी कल्पना करना व्यर्थ है 

आजकल राजा या प्रशासक का टारगेट सड़क बनवाने से मिलने वाली अपनी कमीशन पर रहता है 
आनुसंगिक रूप से सड़क बनने का लाभ प्रजा को मिल जाय तो ठीक, न मिले तो तो ठीक 

इसलिए इनसे आशा छोडिये और स्वयं पर स्वयं का शासन रखिये |
ज्यादा ज्यादा छोटी - छोटी निजी संस्था या 
संगठन बनाइये और अपनी व्यवस्था दुरुस्त रखिये | 

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JAI SHRI RADHE


DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia
made to serve ; GOD  thru  Family  n  Humanity
Lives, Born, Works = L B W at Vrindaban

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