Saturday, 22 July 2017

Suksham Sutra Part 45

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सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर
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🔮 भाग 4⃣5⃣

💡 भगवान की कृपा से मनुष्य जन्म प्राप्त होता है और उनकी अति कृपा से भक्ति प्राप्त होती है .

💡 भगवदीय आचरण में संलग्न रहने पर अधिक पूजे जाऔगे, यह ऐसे ही है जैसे हाथी पर भगवान की सवारी निकले और सब लोग उन्हें प्रणाम करें - इस पर हाथी ये समझे कि लोग मुझे प्रणाम कर रहे हैं, यह उसका भ्रम ही तो है, अतः भगवत कृपा को अपना पुरुषार्थ मान अहंकार करना क्या भूल नहीं है?



💡 काम - क्रोध - मोह - लोभ
प्रकृति प्रदत्त हैं, इन्हें पूर्णरूपेण त्यागना असंभव है परंतु निरंतर अभ्यासपूर्वक इनकी दिशा मोड़ी जा सकती है, चतुराई से भगवान की और इन्हें लगाना असंभव नहीं है .

🐚 ।। जय श्री राधे ।। 🐚
🐚 ।। जय निताई ।। 🐚

🖊लखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at Vrindabn


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