Saturday, 29 September 2012

252. ARE BABA ! KUCHH KARO !!

ARE BABA ! KUCHH KARO !!

अरे बाबा कुछ करो !

यदि भगवान् चाहते की हम कुछ न करें  तो
हमें एक गोल पत्थर बना कर हिमालय के ऊपर रख देते

हमें आँख, नक्, कान, हाथ, मन, मस्तिष्क 
बुद्धि, वाणी, आदि-आदि देकर सब तरह से लैस 
करके किस लिए भेजा ??

खाली बैठ कर प्रारब्ध-प्रारब्ध रोने के लिए नहीं
अपितु कुछ करने के लिए ये सब दिया है

दिए हुए का उपयोग नहीं करोगे तो अगले जन्म में 
नहिं मिलेगा, मिलेगा भी तो बन्दर की तरह
आँख, नक् आदि सब है, लेकिन किसी काम का नहीं

अतः कुछ करो ! बहुत ही अच्छा हो की भजन करो !!!!!!!!!!
JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ NANGIA

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