Friday, 25 May 2012

214. madanmohanji ka vigrah



 मदनमोहन जी का श्री विग्रह 

सत्ययुग मै - 
महाराज अम्बरीश द्वारा सेवित होता था 

त्रेता मैं - 
इन्द्र द्वारा,बाद में रावन द्वारा, रावन के उद्धार के पश्चात्  
महारानी सीता द्वारा इनकी पूजा की जाती थी 

,  - शत्रुघ्न  को ब्रज मैं स्थापित करने हेतु दिया 

कलियुग में-
राजविप्लवों के बाद 
श्री अद्ध्वैताचार्य को - आदित्य टीला के नीचे प्राप्त हुई यह श्री मूर्ति 
श्री अद्वैत ने अपने पुरोहित परशुराम चतुर्वेदी को दी |

परशुराम से श्री सनातन लाये जो आज तक करौली व वृन्दाबन में पूजित है |
शायद यह दुर्लभ मूर्ति है जो चरों युगों में पूजित हो रही है 

-- 
JAI SHRI RADHE


DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia

madanmohanji ka vigrah

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