कितना दबते हैं
अभद्र या शालीनता रहित अहंकार पूर्ण दुर्व्यव्हारी
व्यक्ति से लोग इसलिए दूर दूर रहते हैं या बात
नहीं करते हैं या कम बात करते हैं कि क्यों
इस घटिया बन्दे के मुंह लगा जाय |
लेकिन वह अभद्र यह समझता है देखो !
लोग मुझसे कितना दबते हैं कितना भय खाते है
उसकी यह दुष्टता पूर्ण सोच उसे और अधिक अव्यव्हारी
एवं दुष्ट बना देती है
और वह अपने सर्वनाश कि ओर अग्रसर होता रहता है |
JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia
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