तीन काम : तीन निष्ठा
धर्म निष्ठ - पुण्य अर्जित
इनकी धर्म मैं निष्ठा होती है |
ये धर्म का पालन करते हुए पुण्य अर्जित करते हैं
और इस लोक में आगामी जन्म में सुख भोग करते हैं |
अधिक से अधिक स्वर्ग प्राप्त कर वहां दिव्य सुख भोगते हैं |
स्वरूप निष्ठ - भक्ति की ओर
इन्हें अपने स्वरूप का ज्ञान होता है की में नित्य श्री कृष्ण का दास हूँ |
उनकी सेवा, उनकी भक्ति ही मेरा मुख्य काम है,जीवन का उद्देश्य है |
अत: ये भगवतभक्ति में सम्पूर्ण रूप से लगकर
भगवान् की चरणों की सेवा प्राप्त कर लेते है |
निति निपुण - व्यवहार कुशल
इन्हें नीति यानी उचित - अनुचीत का ज्ञान होता है
लोग कैसे प्रसन्न होते हैं | ये भली प्रकार जानते हैं |
अत : ये कुशल व्यापारी होते हैं |
सभी से प्रेम सोहार्द पूर्ण व्यवहार करते हुए इसी लोक में
यश व सम्मान को प्राप्त करते हैं |
JAI SHRI RADHE
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