आज चैतन्य चरितामृत जयंती है
श्री चैतन्य चरितामृत गौडीय सम्प्रदाए का आधार ग्रन्थ है !
श्री कृष्णदास कविराज गोस्वामी रचित यह ग्रन्थ महाप्रभु श्री चैतन्य एवं नित्यानंद प्रभु की
जीवन लीला एवं सिद्धांत तथा दर्शन का ग्रन्थ है !
अध्यन मनन के साथ साथ यह विग्रह स्वरुप होकर अनेक गृह मंदिरों में पूजित भी होता है !
यदि पूरण मनोयोग से इस ग्रन्थ को पढ़ और समझ लिया तो लोकिक एवं
जीव जगत माया एवं दैनिक संशैयों का निवारण हो जाता है !
दो तीन चार बार पढने से यह ह्रदय में स्थापित हो जाता है! फिर कोई संशय नहीं,
भ्रम नहीं, दुःख नहीं| रहता है आनंद ही आनंद !
यह ग्रन्थ मूल रूप में बंगला में लिखित है!
श्री श्यामदास जी द्वारा इसका हिंदी अनुवाद किया गया! श्री नित्यानान्दिनी टीका लिखी!
यह ग्रन्थ विशाल रूप में मूल पयार सहित हिंदी में उपलब्ध है!
यह संभवत एक मात्र संस्करण हैं ,जो सम्पूरण विश्व में हिंदी में उपलब्ध हैं !
JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia
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