Saturday, 5 May 2012

207. PEEPAL KA PED


पीपल का वृक्ष कैसे लगेगा ?

'वृक्षनाम अश्वत्थोअहं'-गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है. वृक्षों में, मैं पीपल हूँ. 
आम , नीम  या अन्य वृक्ष  बीज-खाद-जल  डालकर लगाये जाते हैं. लेकिन 
पीपल इस प्रकार नहीं लगता. कभी नहीं लगता.

-पीपल के वृक्ष पर कौआ बैठकर उसके बीज या फल को खता है
 और फिर "बीठ" (मल त्याग) करता है. जहाँ वह बार-बार बीठ करता है
 उसकी बीठ एवं उस खाये हुए बीज के कारण पीपल वृक्ष स्वतः लग जाता है.

-एक बार स्वतः लग जाने के बाद थोड़ा बड़ा होने पर 
भले ही फिर माली उसे वहां से उठाकर खुले स्थान पर दुबारा से लगा देते हैं.

-जिस प्रकार पीपल का बीज भी है और कौवे की "बीठ" भी है. 
लेकिन कौवे के बिनाइ पीपल का फलित होना संभव नहीं है. उसी प्रकार ग्रंथो में विभिन्न मंत्र है. 
उनकी विधि है. सब कुछ है, लेकिन 
श्रीगुरुदेव द्वारा उसे विधिवत काम में फूके बिना, वह मंत्र फलदायी नहीं होता है.

-श्रीनामदेव परम संत थे. प्रभु से साक्षात बात करते थे. लेकिन एक दिन परीक्षा के समय उन्हें
 'कच्चा घड़ा' निर्धारित किया गया. 
क्योंकि सब कुछ  होते हुए वे 'अदीक्षित' थे. यह ज्ञान होने पर उन्होंने तुरंत दीक्षा प्राप्त की.

-अतः भक्ति पथ में आने पर गंभीरता से यदि कुछ  पाना है तो संत-सद्गुरु से दीक्षा परम  आवश्यक  है.
 हमारा भजन व्यर्थ तो नहीं जायेगा लेकिन पूर्ण  फल भी नहीं देगा.
JAI SHRI राधे
DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia

संत नामदेव

No comments:

Post a Comment