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सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर
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🔮 भाग 4️⃣0️⃣
💡 श्रीमहाशिवरात्रि की जय
भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीगीता में कहा
वैष्णवानां यथा शम्भु:
अर्थात वैष्णवों में मैं ही शम्भु हूँ. अंतः
शिव को सर्वश्रेष्ठ वैष्णव निरुपित किया.
लेकिन शिव जी के 3 रूप हैं.
ये जो शिव जी का वैष्णव वाला रूप है
ये सदाशिव हैं. ये कृष्ण भक्त हैं जो गोपी
बनकर रास में आये और गोपीश्वर बने.
ये त्रिपुण्ड धारण नही करते
ऊर्ध्वपुंड्र तिलक धारण करते हैं.
💡 महाजनों येन गताः पन्थः
अर्थात महापुरुषों ने जो मार्ग
बताया उसका अनुसरण करो
इसलिए या तो
इस सिद्धांत को अपनाओ और यदि
नही मानते, आप में दम है तो फिर
स्वयं महाजन बन के दिखाओ
लोग आपके दिखाए मार्ग पर चलेंगे
💡 "मन्दिर में दान देने या शिव जी पर दूध चढ़ाने से अच्छा है कि
किसी गरीब को दूध पिलाया जाये "
जो लोग ऐसा कहें उन्हें आप ये उत्तर दें कि
"महंगी शराब पीना, पिज्जा खाना,
डिस्को या पब में जाना या मॉल में
फिल्म देखने से अच्छा है
किसी गरीब को खाना खिलाया जाये "
कटौती भगवान के लिए क्यों अपने लिए क्यों नही?
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn
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