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सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर
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🔮 भाग 3⃣7⃣
💡 जिस पुष्प में मकरंद होता है
उसका पान करने के लिए
भौरें उसपर मंडराते रहते हैं|
ऐसे ही धन के आ जाने पर योग्य
अथवा योग्य व्यक्ति के पास भी
लोग मंडराने लग जाते है| यह
धन का प्रभाव है परन्तु मनुष्य
कितना भोला है कि इसे वह अपना
प्रभाव समझने लग जाता है|
💡 अपने कर्म द्वारा किए गये
पापों के विनाश के लिए
भगवान को कर्मफल अर्पण
और भगवान की प्रीती के लिए
जो भगवान की पूजा करता है
वह सात्विक भक्त है.
💡 यश, ऐश्वर्य, विषयवासना
और भेद्बुद्दी होकर विबिन्न
प्रतिभाओ में जो
मेरी पूजा करता है
वह राजसिक भक्त है.
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn
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