Sunday, 25 December 2011

170. kalam pen : shri harinam

kalam pen : shri harinam




सर्वसमर्थ कलम पेन  भक्ति अंग : श्री हरिनाम 

स्रष्टि की विविधता, लोगों की अलग-अलग रूचि, वर्किंग स्टायल के कारण ही आज से करोड़ों वर्ष पूर्व 
भगवान की भक्ति या प्रेम प्राप्त करने हेतु भक्ति के चौंसठ अंगों का वर्णन शास्त्रों में किया गया है

चौंसठ में से फिर नौं विशिष्ट अंगों का नवधा-भक्ति के रूप में वर्णन किया 
नौ में से फिर पांच अंगों का वर्णन किया पांच को भी संक्षिप्त करके फिर केवल एक परनिर्देशित किया और वह एक है - 
श्री हरिनाम का जप, संकीर्तन, माला, आदि 

"कलो केशव कीर्तनात"
"हरेर्नामैव केवलं"
"कलियुग केवल नाम अधारा"

श्री हरिनाम महामंत्र - एक ऐसा साधन है जिसका आश्रय लेकर भक्ति प्रारंभ की जा सकती है और सर्वोच्च 
अवस्था वाला भक्त  भी इसका आश्रय लेता ही है

जैसे कलम या पैन कक्षा एक से लेकर पी-एच-डी तक और उसके बाद भी सदैव उपयोगी रहती है - 
वैसे ही है "श्री हरिनाम" या "हरेकृष्ण महामंत्र" का आश्रय 

JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia


Lives, Born, Works = L B W at Vrindaban

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