लगना और होना
एक माँ या माता-पिता को
अपना बालक अत्यधिक प्रिय तो लगता ही है
खूबसूरत भी लगता है, उसके नैन-नक्ष बहुत सुन्दर लगते हैं
कोई दूसरा या सौन्दर्य-विशेषज्ञ ही यह
बता सकता है कि यह बालक कितना सुंदर है या नहीं भी है
इसी प्रकार भजन-साधन में अनेक लोग अपनी रुचि के अनुसार
साधन भजन करते हैं क्योंकि वह उनको अच्छा लगता है,
वह उनका साधन है
ये तो कोई संत-वैष्णव-गुरु-ही बतायेगा कि
वह अच्छा है, ठीक है, या ठीक नहीं है
अच्छा लगना एक बात है अच्छा होना दूसरी बात है
नशेवाजों को नशा करना अच्छा लगता है किन्तु नशा करना कोई अच्छी बात थोड़े ही है
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