Saturday, 10 December 2011

160. jaisa dhan vaisa vichar



विचारों का कारण धन
जैसा हो धन, वैसा हो अन्न, वैसा हो मन,
अन्न एवं धन के आधार पर मन में तीन प्रकार क विचार उठते हैं-

१. सात्विक, २. राजसिक, ३. तामसिक,

जैसे विचार होते हैं, वैसा ही हमारा आचार या आचरण होता है,
विचारों के कारण ही हम सदा ही  प्रसन्न, क्रियाशील,एवं क्रोधित होते हैं 
अतः सदैव आधार वास्तु धन पर ध्यान रहे की 
किसी भी प्रकार से दूषित या दुसरे को दुःख देकर 
धन का संग्रह न होने पाए


इस प्रकार जब जड़ ठीक होगी तो सब ठीक होगा, 
न बुरे विचार उठेंगे, न बुरा आचरण होगा,
न दुःख होगा, न क्लेश, सर्वत्र होगा - आनंद ही आनंद
  

JAI SHRI RADHE










DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia
Lives, Born, Works = L B W at Vrindaban

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