Thursday, 15 December 2011

165. budh n KALKI




बुद्ध और कल्कि 

बुद्ध ईश्वर के अवतार अवश्य थे, लेकिन 
उनमें ईश्वर का आवेश मात्र था, वे आवेशावतार थे

जैसे किसी स्त्री में दुर्गा आदि का आवेश 
आ जाता है, वह दुर्गा नहीं होती

इसी प्रकार बुद्ध भी ईश्वर-कोटि नहीं थे, जीव-कोटि थे
एक विशेष ज्ञान एवं आवेश सम्पन्न जीव थे

उन्होंने अहिंसा धर्म का स्तुत्य प्रचार किया
ये वेदों को को नहीं मानते थे - 
नास्तिक थे, 
वेद-विरुद्ध आचरण करते थे इसलिए इन्हें 
ईश्वर नहीं माना जाता है, 
इश्वर कभी भी वेद-विरुद्ध आचरण नहीं करता है.

इसी प्रकार विष्णुयश नामक एक डाकू-शासक 
के घर में संभल नामक नगर में
"कल्कि" का जन्म होगा, ये भी ईश्वर 
की श्रेणी में नहीं होंगे बुद्ध, आदि की भांति यह भी आवेश मात्र हैं - 
ईश्वर नहीं हैं  l


JAI SHRI RADHE

DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia
made to serve ; GOD  thru  Family  n  Humanity
Lives, Born, Works = L B W at Vrindaban

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