बुद्ध और कल्कि
बुद्ध ईश्वर के अवतार अवश्य थे, लेकिन
उनमें ईश्वर का आवेश मात्र था, वे आवेशावतार थे
जैसे किसी स्त्री में दुर्गा आदि का आवेश
आ जाता है, वह दुर्गा नहीं होती
इसी प्रकार बुद्ध भी ईश्वर-कोटि नहीं थे, जीव-कोटि थे
एक विशेष ज्ञान एवं आवेश सम्पन्न जीव थे
उन्होंने अहिंसा धर्म का स्तुत्य प्रचार किया
ये वेदों को को नहीं मानते थे -
नास्तिक थे,
वेद-विरुद्ध आचरण करते थे इसलिए इन्हें
ईश्वर नहीं माना जाता है,
इश्वर कभी भी वेद-विरुद्ध आचरण नहीं करता है.
इसी प्रकार विष्णुयश नामक एक डाकू-शासक
के घर में संभल नामक नगर में
"कल्कि" का जन्म होगा, ये भी ईश्वर
की श्रेणी में नहीं होंगे बुद्ध, आदि की भांति यह भी आवेश मात्र हैं -
ईश्वर नहीं हैं l
JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia
made to serve ; GOD thru Family n Humanity
Lives, Born, Works = L B W at Vrindaban
No comments:
Post a Comment