Tuesday, 13 December 2016

Sukshm Sutra 31


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सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर
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 🔮 भाग 31

💡 हनुमान जी दास्य भक्ति का सर्वोच्च
उदाहरण है. रामकालीन दास्य भक्तों
मैं तो वे सर्वश्रेष्ठ हैं ही परन्तु यदि
कृष्णकालीन भक्तों में भी जब दास्य भक्ति
का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण पूछा जाता है तो हनुमान
जी का ही नाम आता हैं क्योंकि उनसे श्रेष्ठ
दास्य भक्त आज तक कोई है ही नहीं .

💡 निति कहती  हैं
वंहा न रहें जंहा आपकी
कोई इज्जत नहीं, जंहा
आप रोजगार नही कमा सकते ,
जंहा आप का कोई मित्र नहीं और जंहा
आप कोई ज्ञान अर्जित नही कर सकते

💡 एक ब्राह्मण का बल है-
तेज और विद्या
एक क्षत्रिय का बल है-
उसका बाहूबल
एक वैश्य का बल है-
उसकी दौलत, तथा
एक शुद्र का बल है-
उसकी सेवा परायणता.


 ॥ जय श्री राधे ॥ 
 ॥ जय निताई  ॥ 

 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn

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