Friday, 18 August 2017

Dasabhas Lekhni Part 3

Dasabhas Lekhni Part 3


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           दासाभास लेखनी
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💎 भाग 3⃣

1⃣ होली के साथ साथ प्रिया प्रियतम की झूलन लीला भी निकुंज में नित्य होती है।

2⃣ जिसके पास एक सौ रुपये की पूंजी नहीं, धन नहीं उसका शनि ग्रह बिगाड़ेगा तो क्या बिगाड़ेगा ऐसे ही जो भजन की एबीसीडी जानता नहीं, भजन करता नहीं, भक्ति का परिचय नहीं, केवल निंदा ही निंदा; तो उसका अपराध बिगाड़ेगा भी तो क्या ? भजन हो तो ही तो कुछ बिगड़ेगा। क्या सोचते हैं आप?

3⃣ विरक्ति या वैराग्य केवल बाबा जी या विरक्तों के लिए नहीं है संसारी, गृहस्थी व्यक्ति को भी धीरे धीरे विरक्ति - वैराग्य का अभ्यास करना चाहिये।

🔔 ।। जय श्री राधे ।। 🔔
🔔 ।। जय निताई  ।। 🔔

🖋लेखक
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at Vrindabn

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