Friday, 24 March 2017

Suksham Sutra Part 43



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सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर
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 🔮 भाग 4️⃣3️⃣

💡 जो अप्राप्त है उसे न प्राप्त कर
पाने की खिन्नता से अच्छा है
जो प्राप्त है उसका सदुपयोग
करना और उसी में आनन्द
पाने की चेष्टा करना

💡 श्रेष्ठता का मापदण्ड धन नहीं
व्यक्ति के गुण
और उसका ज्ञान है
इसलिए अधिक धन आ जाने पर
अपने से कम धनवान को
कम श्रेष्ठ समझना अज्ञानता ही है

💡 जो लोग ऐश्वर्य और
धन के मद से
अंधे हो जाते हैं उनकी
आँखे खोलने के लिए
दरिद्रता ही सबसे अच्छा
अंजन : सुरमा है.

श्रीमद्भागवत 10.10.13

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚

🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn


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