⚱⚱⚱⚱⚱⚱⚱⚱⚱⚱
सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर
🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺🏺
🔮 भाग 4️⃣1️⃣
💡 यदि शरीर में कष्ट आने पर
आपको वह कष्ट बहुत अधिक
भासता है आप बहुत अधिक
बेचैन हो जाते हैं
तो समझिये आपका
देह में बहुत अधिक अध्यास है
और इसके विपरीत जिसका
देहाध्यास कम हो जाता है
उसे कष्ट भुत कम भासते है.
💡 बहुत अधिक ग्रन्थ पढ़ लेना,
अनेक विषयों की जानकारी
कर लेना, वाद-विवाद में
पारंगत हो जाना, किसी भी विषय
पर व्याख्यान दे लेना का मतलब
कोई बहुत बड़ा पंडित हो जाना
नही हैं. पंडित तो वह है जिसने
ज्ञान की केवल दो ही बातें पढ़ी हों
और उनका आचरण कर पूरा पूरा
अपने जीवन में उन्हें उतारा हो.
💡 फूल भगवान् की पूजा के लिये हैं अन्तः
अतिथि का स्वागत
फूलों की बजाय फल से करें
खर्च बराबर होगा परन्तु फूल कुछ देर बाद मुरझा जायेंगे और
पैरों तले आयेंगे लेकिन फल सेवन से अतिथि का स्वास्थ्यवर्धन
होगा और अतिथि को चाहिए कि बचे हुए फल गरीब और
जरुरतमन्द बच्चों में बाँट दे, इससे उनका भी पोषण होगा.
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn
No comments:
Post a Comment