🔶🔶🔶🔶🔶🔶🔶🔶 🍒 ब्रज की खिचड़ी🍒 🔶🔶🔶🔶🔶🔶🔶🔶 🌻 निताई गौर हरिबोल🌻 💐श्री राधारमणो विजयते 💐 क्रम संख्या 1 🍜 ब्रज की खिचड़ी -- कुछ अटपटा नाम है , लेकिन चटपटा स्वाद ! रस और अध्यात्म से भरपूर। 👳🏻यह ग्रन्थ रचित है दासभास श्री गिरिराज नांगिया जी द्वारा। 🍩 कैसे पकी यह खिचड़ी : अनेक पदार्थों के सम्मिश्रण को कहते हैं खिचड़ी। उसी खिचड़ी के गुणों को सार्थक करता है यह ग्रन्थ । इस ग्रन्थ में वैष्णव आधार को, वैष्णव भक्ति को सुदृढ़ करने के अनेक मार्ग हैं , अर्थात इस ग्रन्थ में उन छोटी - छोटी बातों का समावेश है , जिनका ज्ञान प्रत्येक वैष्णव को होना अनिवार्य है। 👷🏻 पाठकगण भी बड़े - बड़े निबंधों को पढ़ने कीे बजाए , सार में अधिक रूचि लेते हैं । इस ग्रन्थ में छोटी - छोटी चीजों का उल्लेख करके वैष्णव आधार को दृढ़ करने का प्रयास किया गया है। 🌱आशा है , हमारा यह प्रयास अवश्य ही आप सभी के ह्रदय में ज्ञान को प्रकाशित कर आपको भक्ति मार्ग की और अग्रसर करेगा। क्रमशः 🌺जय राधारमण 🌺जय निताई लेखकः दासाभास डा गिरिराज नांगिया श्रीहरिनाम प्रेस वृन्दावन प्रस्तुति : श्रीलाडलीप्रियनीरू
Tuesday, 26 April 2016
ब्रज की खिचड़ी भाग 1
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