Wednesday, 2 November 2016

सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर भाग 27



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सूक्ष्म सूत्र / गागर में सागर
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 🔮 भाग 27

💡 यश कामी लोगो की
एक अद्भुत विशेषता
होती है कि वे दुसरो का
आदर और सम्मान
केवल इसलिए
करते है कि उन्हें सम्मान
और यश प्राप्त हो.     

💡 पतंग आसमान की उचाईयो को
तब तक नही छूती है जब तक कि वह
जमीन पर खड़े व्यक्ति के हाथ की डोर
से जुडी है. डोर टूटी नही कि पतंग का
कही दूर जाकर नीचे गिरना तय है.
ऐसे ही उचाईयो पर पहुंचे हुए व्यक्ति
को भी ध्यान रखना चाहिए कि उसकी
डोर भी किसी भी किसी के हाथ है-अंतः सावधान
कही डोर टूटी तो गिरना तय है.

💡 एक नेत्रहीन संत प्रतिदिन
मन्दिर में आरती करने जाया करते.
किसी ने उनसे पूछ ही लिया-
महाराज आप तो नेत्रहीन हो
यंहा आकर आप कैसे भगवान की
आरती करते हो ?
संत बोले- मैं ही तो नेत्रहीन हूँ
प्रभु थोड़े ही है, वे तो मुझे देख हही लेंगे
बस हो गया मेरा काम.

🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई  ॥ 🐚

🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया 
LBW - Lives Born Works at vrindabn


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