Friday, 16 November 2012

275. SABKE LIYE ALAG - ALAG


SABKE LIYE ALAG - ALAG

सबके लिए अलग-अलग

एक निकम्मे के लिए आदेश है - काम करो

जब काम करने लग गया तो आदेश हुआ -
गलत काम मत करो , अच्छे काम करो

जब काम के साथ कामना को जोड़ने लगा तो
आदेश हुआ- निष्काम कर्म करो

जब निष्काम कर्म करने लगा तो आदेश हुआ-
कर्ता - पन  का अभिमान त्यागो
तुम कर्ता नहीं हो करने वाला तो भगवान् है

अतः स्तर  व योग्यता  व अधिकार के अनुसार आदेश है
एक व्यभिचारी बलात्कार करने के बाद यह कहे की
कर्ता  तो भगवान् है, में कर्ता नहीं हूँ, तो
अनर्थ हो जाएगा

गलत काम- वासना से, सकाम  कर्म - स्वार्थ से
काम का अभिमान - मुर्खता से आता है

JAI SHRI RADHE

DASABHAS Dr GIRIRAJ NANGIA
Lives, Born, Works = L B W at Vrindaban
http://shriharinam.blogspot.in/2011/08/time-nhi-hai.html

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