सबके लिए अलग-अलग
एक निकम्मे के लिए आदेश है - काम करो
जब काम करने लग गया तो आदेश हुआ -
गलत काम मत करो , अच्छे काम करो
जब काम के साथ कामना को जोड़ने लगा तो
आदेश हुआ- निष्काम कर्म करो
जब निष्काम कर्म करने लगा तो आदेश हुआ-
कर्ता - पन का अभिमान त्यागो
तुम कर्ता नहीं हो करने वाला तो भगवान् है
अतः स्तर व योग्यता व अधिकार के अनुसार आदेश है
एक व्यभिचारी बलात्कार करने के बाद यह कहे की
कर्ता तो भगवान् है, में कर्ता नहीं हूँ, तो
अनर्थ हो जाएगा
गलत काम- वासना से, सकाम कर्म - स्वार्थ से
काम का अभिमान - मुर्खता से आता है
JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ NANGIA
Lives, Born, Works = L B W at Vrindaban
http://shriharinam.blogspot.in/2011/08/time-nhi-hai.html