✅ *श्री हनुमान की उपासना* ✅
▶ श्री हनुमान को
श्री राम का परमदास मानकर यदि उपासना की जाएगी तो
वह उपासना एक प्रकार से श्री राम - उपासना ही है |
▶ श्री हनुमान को
स्वयं उपास्य मानकर की गयी उपासना के फलस्वरूप श्री हनुमान
उसे अपने स्वामी श्री राम से मिला देंगे, उसे उनकी और मोड़ देंगे |
अन्ततोगत्वा वह राम उपासक वन ही जायेगा |
▶ लेकिन यह बात सभी मैं नहीं है
श्री हनुमान क्योकि राम के परमभक्त हैं अत:वे ऐसा ही करते हैं
🐚 ॥ जय श्री राधे ॥ 🐚
🐚 ॥ जय निताई ॥ 🐚
🖊 लेखक
दासाभास डा गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at vrindabn
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