कोई सेवा बताइए
प्राय: हम गुरुजनों से, वरिष्ठ जनों से
यह कहते है की महाराज मेरे लायक कोई सेवा बताइए
हमने पूछी और उन्होंने बता दी
हो सकता है हमको अच्छी न लगे , आपके स्वरूप के अनुकूल न हो
हमने यदि कर दी तो हो सकता है अहं आ जाये
और बहुत सम्भावना है
की आज सेवा मांगी, कल सेवा के बदले मैं हम भी कुछ मांगने लग जाएँ
अत: सेवा पूछनी नहीं है, स्वयं देखनी है, समझनी है और करनी है
जो उल्लास आये उसमें ह्रदय का रस व् प्रेम मिलकर सेवा करो, आनंद लो |
JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia
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