🌺 धाम वास 🌺
🌺 प्रायः देखने में आता है कि
अच्छे निष्ठावान साधको को भी
वृंदावन वास मुश्किल से मिलता है
अनेकानेक अड़चनें आती हैं ।
इससे धैर्य नहीं खोना चाहिए ।
ये धाम निष्ठा को और अधिक
परिपक्व करने के लिए होता है
जैसे- बी.ए, बी.काम सहज में
हो जाता है और इनकी कोई
बखत भी नहीं ।
🌺 सुलभता से प्राप्त होने पर साधक
बार बार घर भागता है ।
कभी गर्मी कभी सर्दी
या अन्य किसी कारण से ।
जिसे यदि बड़ी मुश्किल
से धाम वास मिलता है,
वह फिर सहज धाम
छोड़ता नहीं और धाम निष्ठा पूर्वक
धाम का आनंद लेता है ।
🌺 ठीक वैसे जैसे आई.ए. एस. करना
अत्यधिक कठिन होता है
लेकिन यदि एकबार हो गये तो फिर
जीवन भर की गयी।
🌺 ये जो अड़चने हैं-
ये आई. ए. एस. की प्रतीक हैं ।
अतः इन्हें परीक्षा मानिये
और प्रयास करते रहिये।
बेहद अड़चनो के बाद यदि एकबार
आप आ गए तो फिर वापिस जाने
का नाम नहीं लोगे
और ठाकुर भी यही चाहते हैं
आपसे इसलिए पक्का कर रहे हैं ।
🙏 समस्त वैष्णव वृन्द को दासाभास का प्रणाम
🐚 ।। जय श्री राधे ।। 🐚
🐚 ।। जय निताई ।। 🐚
🖋 लेखक
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at Vrindabn
धन्यवाद!!
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