Thursday 23 February 2012

184. pagal haathi m bhagvaan

पागल हाथी में भगवान् 

एक समारोह मेले मैं एक हाथी पागल हो गया | भगदड मच गयी |
महावत चिल्लाने लगा - भागो भागो भीड़ सब इधर उधर भागने लगी |

एक व्यक्ति जहाँ था वहीँ खड़ा रहा 
हाथी ने उसे कुचल दिया | वह मर गया |

मर गया तो यमराज ने पूछा की तुम वहां से भागे क्यों नहीं |
बोला मैंने यह सुना समझा हैं की कण कण मैं भगवान् होता है इस हाथी मैं भी भगवान् हैं 
और भगवान् सबकी रक्षा करते हैं मैं इसलिए नहीं हटा | और उल्टा ही हुआ |

यमराज ने कहा - जब कण कण मैं भगवान् है |
तो जो महावत भागो भागो कह रहा था 
भीड़ वाले भाग रहे थे तो तुम्हें महावत  और भीड़ मैं भगवान् क्यों न दीखा ?
तुम्हे महावत और भीड़ रूपी  भगवान् की बात क्यूँ न सुनाई दी | भगवान् तो महावत के रूप मैं तुम्हारी रक्षा के लिए चिल्लाते रहे | 

तुम ही अपनी मुर्खतावश वहीं अड़े रहे | और कण कण की वजाय केवल  पागल हाथी मैं 
भगवान् को खोजते रहे |
JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ nangia

पागल हाथी में भगवान्

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