पागल हाथी में भगवान्
एक समारोह मेले मैं एक हाथी पागल हो गया | भगदड मच गयी |
महावत चिल्लाने लगा - भागो भागो भीड़ सब इधर उधर भागने लगी |
एक व्यक्ति जहाँ था वहीँ खड़ा रहा
हाथी ने उसे कुचल दिया | वह मर गया |
मर गया तो यमराज ने पूछा की तुम वहां से भागे क्यों नहीं |
बोला मैंने यह सुना समझा हैं की कण कण मैं भगवान् होता है इस हाथी मैं भी भगवान् हैं
और भगवान् सबकी रक्षा करते हैं मैं इसलिए नहीं हटा | और उल्टा ही हुआ |
यमराज ने कहा - जब कण कण मैं भगवान् है |
तो जो महावत भागो भागो कह रहा था
भीड़ वाले भाग रहे थे तो तुम्हें महावत और भीड़ मैं भगवान् क्यों न दीखा ?
तुम्हे महावत और भीड़ रूपी भगवान् की बात क्यूँ न सुनाई दी | भगवान् तो महावत के रूप मैं तुम्हारी रक्षा के लिए चिल्लाते रहे |
तुम ही अपनी मुर्खतावश वहीं अड़े रहे | और कण कण की वजाय केवल पागल हाथी मैं
भगवान् को खोजते रहे |
JAI SHRI RADHE
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