🌲 पैसे वाली 🌲
🌲संसार में सदा अपने समान
या अपने से कम स्तर वाले
लोगों के सम्पर्क में रहो।
बड़े लोगों के सम्पर्क में
आने से आत्म सम्मान
को ठेस लगेगी ।
एक काम होगा कि,
उनके पास जो सुख सुविधा है,
उन्हें प्राप्त करने की
वासना उदित होगी।
🌲मन में कहीं न कहीं
ये भाव घर करेगा कि
'पैसे वाली होगी तो अपने लिए'।
और यदि किसी कारण से
सम्पर्क में आना ही पड़े तो
ईमानदारी से हृदय में
पूरे पक्की तरह
ये भावना बनाकर रखो कि-
ये हमसे अधिक धनवान है,
श्रेष्ठ है, न हम हैं,
न हमें इनकी बराबरी करनी है ।
इनके साथ सदा जूनियर
बनकर ही रहना है ।
ये थोड़ा कठिन भी है ।
ये लौकिक पक्ष है ।
🌲भजन के पक्ष में सदा
अपने से श्रेष्ठतर
वैष्णव का संग करना चाहिए ।
उसके अधिक भजन व भाव को
देखकर हमें भी वैसा भजन या
भाव प्राप्त करने की इच्छा होगी
🌲एक ही भाव : लोक में हानिकर । भजन में लाभकारी ।
🙏 समस्त वैष्णव वृंद को मेरा सादर प्रणाम
🐚 ।। जय श्री राधे ।। 🐚
🐚 ।। जय निताई ।। 🐚
🖋लेखक
दासाभास डॉ गिरिराज
LBW - Lives Born Works at Vrindabn
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