Wednesday, 25 October 2017

Dasabhas Lekhni Part 6


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             दासाभास लेखनी
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💎 भाग 6⃣

1⃣ शिव जीः त्रिलोचना सखी - श्रीगौरदास जी महाराज ने चर्चा में बताया कि श्रीभक्तमाल में श्रीप्रियादास जी श्री नरसी मेहता के चरित्र में गान किया है कि एक वीहड़ में शिवलिंग की उपासना करने पर श्री शिवजी साक्षात प्रकट हुए और नरसी मेहता का हाथ पकड़ कर उन्हें भी श्री रासलीला के दर्शन कराये। वहां पर शिवजी को त्रिलोचना सखी बताया है और उनकी दीपक सेवा का वर्णन है शिवजी ने नरसी मेहता जी को भी दीपक सेवा देते हुए उन्हें सखी नाम दिया है। आदि - आदि। त्रिलोचना सखी की जय हो। ये स्थान जूनागढ़ में है। द्वारका यात्रा में इस स्थान के दर्शन भी करेंगे हम लोग।

2⃣ श्रीकृष्ण जन्म अवसर पर श्रीशिव जी नन्द भवन में दर्शन हेतु गये सम्बन्धी श्री शिवजी की जो-जो लीला प्रचलित है हम श्रवण करते हैं। वह भी श्रीमद्भागवत चै. च.। गोपाल चम्पू में नहीं है .

3⃣ किसी बात का अभिमान नहीं है यही सबसे बड़ा अभिमान है.

🔔 ।। जय श्री राधे ।। 🔔
🔔 ।। जय निताई  ।। 🔔

🖋लेखक
दासाभास डॉ गिरिराज नांगिया
LBW - Lives Born Works at Vrindabn

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