Thursday, 22 May 2014

339. PAAP KA FAL 11034


तुम्हारे पाप का फल है ये !


एक व्यक्ति का मकान अचानक चकनाचूर हो गया
वह दुबारा मकान बनाने की स्थिति में नहीं था, अतः झल्लाकर
धर्माचार्यों के पास गया और कहा कि-

आप भगवान् के अति निकट हैं, आप भगवान् से
प्रार्थना करके मेरा मकान दुबारा बनवा दीजिये

धर्माचार्यों ने भगवान् से बात की, और असलियत का पता लगाया
और उस बन्दे को बताया कि -

तुम पिछले जन्म में एक बिल्डर थे, तुमने बहुतों को बेघर किया था
तुम्हे उस पाप कि सज़ा मिली है, और अब तुम्हे भी पूरे जीवन
इधर-उधर भटकना होगा, अब तुम्हारे भाग्य में मकान नहीं है

वह बन्दा झल्ला गया, बोला में पिछले जन्म को नहीं मानता हूँ
धर्माचार्यों ने कहा, ठीक है, तो भगवान् को भी मत मानो
पिछ्ला जन्म, भगवान्, धर्म, शास्त्र, कर्म, पाप, पुण्य आदि यह पूरा package  है मानो तो पूरा, न मानो तो पूरा मत मानो,

नहीं मानते तो फिर तुम्हारा मकान गिरा, 
तुम जानो, इससे धर्म का , भगवान् का क्या मतलब ???

JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ NANGIA

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