Friday, 30 May 2014

340. karpentar nd manushya 11049



कारपेंटर एवं मनुष्य 


एक मनुष्य यदि यह कहे कि 
कुछ भी कर सकता हूँ , लेकिन 
मै भजन नहीं कर सकता 

यह बात लगभग ऐसे ही है जैसे 
एक कारपेंटर कहे कि कुछ भी करा लो,
लेकिन मैं लकड़ी व फर्नीचर का काम नहीं कर सकता हूँ 

जिस प्रकार लकड़ी का काम एक कारपेंटर ही 
कर सकता है - यही उसका मुख्य काम है 
उसी प्रकार पूरी सृष्टी में एक मनुष्य ही है 
जो भजन कर सकता है.

JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ NANGIA

No comments:

Post a Comment