एक्सपार्ट = गुरु
र्जिस प्रकार
आप जिससे डांस सीख रहे हो,
वह डांस का जानने वाला या एक्सपर्ट
होना चाहिए,
सुन्दर हो या न हो,
धनवान हो या न हो
उसी प्रकार भक्ति या भजन सिखाने वाला
गुरु भी भजन में एक्सपर्ट
होना चाहिए
उसके पास आश्रम हो या न हो,
सुन्दर हो या नहो
व्यवहार कुशल हो न हो
भजन कुशल होना चाहिए
क्योंकि
हम भजन सीखने गए हैं
भक्ति सीखने जा रहे हैं
ख़ास बात यह भी है की
ज़रूरी नहीं
ब्रह्मण ही हो
'किवा विप्र, किवा न्यासी, शूद्र केने नय'
अर्थात भले ही शूद्र हो, लेकिन
भजन यदि जानता है तो
भजन का गुरु बना सकते हैं
JAI SHRI RADHE

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