Friday, 29 March 2013

280. bhakti yaa bhiksha



bhakti yaa bhiksha

भक्ति अर्थात भिक्षा 


जो देश के लिए समर्पित हो जाये 
वह देश भक्त 

जो पिता  के लिए समर्पित हो जाये 
वह पितृ भक्त 

जो माता के लिए समर्पित हो जाये 
वह माता भक्त 

जिसका भक्त , जिसकी भक्ति 
उसके लिए पूर्ण समर्पण 
अपने सुख दुःख की कोई बात नहीं 

यही बात भगवान की भक्ति में होनी चाहिए 
उनके लिए पूर्ण समर्पण 
अपने सुख दुःख की कोई बात नहि।

क्या हम ऐसा करते हैं ? शायद नहीं 
हम भगवान् के लिए नहीं , अपने दुःख सुख के लिए 
भगवान् की भक्ति करते हैं 

ये भक्ति नहीं, भिक्षा है 
निश्चित हो की हम भक्त हैं या भिखारी ?

JAI SHRI RADHE

DASABHAS Dr GIRIRAJ NANGIA
Lives, Born, Works = L B W at Vrindaban

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