Saturday, 17 October 2015

नव रात्र

इन नौ दिनों में शुद्ध वैष्णव नवविधा भक्ति का अनुष्ठान करते हैं

1 । श्रवण ।
पाठ । गुण । लीला सुनना

2 । कीर्तन ।
कीर्तन । भजन करना

3 । स्मरण ।
मानसिक रूप में कृष्ण कृपा का

4 । पाद सेवन ।
चरण में विशेष तुलसी चढ़ाना

5 । अर्चन ।
ठाकुर की विशेस सेवा । श्रृंगार

6 । वंदन ।
विशेष स्तोत्र आदि द्वारा वंदना

7 । सख्य ।
हमारे सबसे अधिक हितेषी भगवान ही हैं । और कोई नहीं । ये भाव पुष्ट करते हुए चिंतन

8 । दास्य ।
में कृष्ण का दास हूँ । उनकी सेवा सुख ही मेरा कर्तव्य है

9 । आत्म निवेदन ।
ये सब कुछ प्रभु का ही है । ये भाव दृढ करते हुए भजन चिंतन

No comments:

Post a Comment